-निगम चुनाव में बीजेपी के बागी उम्मीदवार मिलकर नई पार्टी के गठन की कर रहे तैयारी
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 20 नवंबर, 2022।
दिल्ली नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बागी उम्मीदवार सिरदर्द बनते जा रहे हैं। पार्टी नेता करीब एक दर्जन सीटों पर अपने बागी नेताओं को मना पाने में फिलहाल विफल रहे हैं। कालकाजी विधानसभा क्षेत्र का श्रीनिवासपुरी वार्ड, नई दिल्ली जिले का रमेश नगर वार्ड व पूर्वी दिल्ली के मधु विहार वार्ड सहित निगम की कई सीट बीजेपी के लिए हॉट-केक बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी के बागी नेता धर्मवीर सिंह कुछ और बागियों को लेकर 26 नवंबर को नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं।
श्रीनिवास पुरी से बीजेपी ने पूर्व निगम पार्षद राजपाल को टिकट दिया है, जबकि इलाके में उनकी छवि अच्छी नहीं बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि धरमवीर सिंह के इशारे पर इस सीट पर महावीर सिंह बागी उम्मीदवार बतौर खड़े हो गये हैं और उन्होंने सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में रविवार को अपने चुनाव कार्यालय का उद्घाटन भी कर डाला।
धरमवीर सिंह वर्ष 2018 एवं 2020 में इंदिरा गांधी स्टेडियम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की उपस्थिति में दिल्ली प्रदेश बूथ प्रबंधन के ऐतिहासिक सम्मेलन करा चुके हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी वह अच्छी तरह से सक्रिय रहे हैं। आजकल वह कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के वार्डों में पार्टी के टिकट बंटवारे को लेकर नेतृत्व से बेहद नाराज हैं और आरोप लगा रहे हैं कि टिकट बंटवारे में अनियमितता एवं मनमानी हुई है।
पूर्व निगम पार्षद एवं एमसीडी की गार्डन कमेटी के चेयरमैन रह चुके धर्मवीर सिंह की कालकाजी इलाके में पार्टी के जनाधार के विस्तार में काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके साथ ही पूरी दिल्ली में बूथ प्रबंधन के लिए काम करते समय पूरी दिल्ली के बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क में रहे हैं। उनका आरोप है कि दक्षिण दिल्ली के बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के दबाव में टिकटों के बंटवारे में अनियमितता बरती गई और जमीनी कार्यकर्ताओं को नाराज किया गया है। बताया जा रहा है कि वह दिल्ली की अलग अलग सीटों से बीजेपी के बागी होकर चुनाव लड़ रहे लोगों के संपर्क में हैं और 26 नवंबर को नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं।
सामान्य सीटों पर महिलाओं को टिकट
धर्मवीर सिंह सहित बहुत से बीजेपी नेता सामान्य सीटों पर महिलाओं को टिकट दिये जाने पर भी बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण के बाद भी सामान्य सीटों से उन महिलाओं को टिकट दी गई है जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में क्षेत्र में उम्मीदवारों के प्रति भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।