-चौहान बांगर सीट विवादों में, उम्मीदवार के बारे में आ रहा छेनू पहलवान गैंग से संबंधित होने का आरोप
-पिछले महीने ही एनआईए ने की थी छेनू गैंग से जुड़े लोगों के यहां रेड
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 13 नवंबर, 2022।
दिल्ली नगर निगम चुनाव में राजधानी के मशहूर ‘छेनू गैंग’ का कनेक्शन सामने आ रहा है। उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की चौहान बांगर सीट विवादों में फंस गई है। बताया जा रहा है कि महिलाओं के लिए आरक्षित इस सीट से प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जिस महिला को टिकट दिया है, वह छेनू गैंग के सरगना की बेहद करीबी रिश्तेदार हैं। पार्टी नेतृत्व की जानकारी में आने के बाद इस सीट पर रस्साकसी शुरू हो गई है। पार्टी के कई छोटे-बड़े नेताओं के ऊपर इस मामले में भी गंभीर आरोप लगाये जा रहे हैं।
बता दें कि शनिवार को बीजेपी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए अपने 232 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस सूची में चौहान बांगर वार्ड संख्या 227 से सबा गाजी का नाम घोषित किया गया था। लेकिन इसके बाद से ही राजधानी के सियासी माहौल में गर्मी आ गई है। सबा गाजी को छेनू गैंग के सरगना का बेहद करीबी रिश्तेदार बताया जा रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के निर्णय पर उंगलियां उठना लाजमी है। क्योंकि एनआईए ने करीब 15 दिन पहले ही छेनू गैंग के ठिकानों पर रेड की थी।
बता दें कि चौहान बांगर सीट से अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष जावेद अपनी पत्नी हिना परवीन के लिए टिकट मांग रहे थे। जावेद की दो-तीन पीढ़ियां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ी रही हैं। वैसे भी इस वार्ड में करीब 80 फीसदी आबादी मुस्लिम मतदाताओं की है। बताया जा रहा है कि रायशुमारी के दौरान भी इस वार्ड से हिना परवीन का नाम ही ज्यादातर लोगों के समर्थन के साथ भेजा गया था। लेकिन जब इस वार्ड से उम्मीदवार का नाम घोषित किया गया तो स्थानीय लोग आश्चर्य चकित रह गये। खुद बीजेपी कार्यकर्ता यह सवाल उठा रहे हैं कि यह नाम कौन से सर्वे में आया कि पार्टी ने लिस्ट में शामिल कर लिया।
संक्षेप में जानें छेनू गैंग के बारे में
उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक दशक से ज्यादा समय तक चली गैंगवॉर में 40 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। गैंगस्टर अब्दुल नासिर के दोस्त आतिफ सैफी ने 2011 में कारोबारी हाजी मतीन की बेटी से भागकर शादी कर ली थी। आतिफ की 15 मई 2011 को हत्या हो गई थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, नासिर ने हाशिम बाबा के साथ हाजी मतीन का मई 2012 और अकील का नवंबर 2012 में मर्डर कर दिया। फिर सट्टा रैकेट पर कब्जे की जंग शुरू हो गई। अकील गैंग की कमान मोहम्मद इरफान उर्फ छेनू पहलवान ने थामी थी, जो 2015 से जेल में है। नासिर ने दिसंबर 2015 में साउथ दिल्ली के गैंगस्टर रहे शक्ति नायडू के जरिए छेनू पर कड़कड़डूमा कोर्ट में जज के सामने हमला किया। एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। छेनू गैंग ने अक्टूबर 2017 को नासिर के दो करीबियों को 60 गोलियां बरसा छलनी कर दिया। दोनों गैंग के बीच एक मस्जिद में 2018 में समझौता हुआ। नासिर 2019 में बाहर आया तो हाशिम बाबा से वसूली को लेकर ठन गई। बाबा ने नासिर के पुराने साथी राशिद केबलवाला और वेलकम के अनस के जरिए नासिर के करीबी इमरान सैफी और हैदर समेत कई की हत्या करवा दी। साउथ दिल्ली का गैंगस्टर शाहरूख भी बाबा के लिए काम करने लगा। एक महीने पहले ही छेनू गैंग के एक शार्प शूटर दानिश को नोएडा पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। दिल्ली एनसीआर में उसके खिलाफ 21 मामले दर्ज हैं। मोहम्मद इरफान उर्फ छेनू पहलवान के ऊपर दिल्ली पुलिस ने मकोका के तहत कार्रवाई की थी। कुछ दिन पहले ही छेनू के एक सहयोगी की पत्नी ने मंडोली जेल के एक अधिकारी पर मारने की साजिश रचने के आरोप लवाये थे।