AAP में कटेंगे 80 फीसदी पार्षदों के टिकट… गिने-चुने ही होंगे रिपीट… पार्टी में तेज हुआ अंदरूनी घमासान

-टिकट पक्का नहीं हो पाने की वजह से प्रचार नहीं कर पा रहे संभावित उम्मीदवार
-सतह पर आ रही पार्टी संगठन- विधायकों व पार्षदों के बीच की लड़ाई

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 09 नवंबर, 2022।
आम आदमी पार्टी के ज्यादातर मौजूदा (निवर्तमान) पार्षदों के लिए अच्छी खबर नहीं है। पार्टी अपने करीब 80 फीसदी निवर्तमान पार्षदों का टिकट काटने जा रही है। बताया जा रहा है कि महज 20 फीसदी निगम पार्षद ही अपना टिकट रिपीट करा पाने में सफल हो पायेंगे। जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे आम आदमी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर अंदरूनी घमासान भी मुखर होता जा रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि पार्टी के ज्यादातर विधायक नहीं चाहते कि पुराने पार्षदों को फिर से टिकट दिया जाए।
आम आदमी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 272 से घटाकर 250 वार्ड किये जाने की वजह से पार्टी के ज्यादातर निवर्तमान पार्षदों का गणित बिगड़ गया है। पार्टी नेतृत्व के लिए नगर निगम चुनाव नाक का सवाल बन गया है। आप नेतृत्व को लगता है कि यदि 2022 के चुनाव में नगर निगम में पार्टी सत्ता में नहीं आई तो फिर 5 साल का इंतजार करना होगा। ऐसे में पार्टी की ओर से ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया जजा रहा है जो आर्थिक रूप से सक्षम हों और चुनाव में अच्छा खासा खर्च कर सकें।
सूत्रों का यह भी कहना है कि आप नेतृत्व चाहता है कि ज्यादातर वार्डों से स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा जाये। ताकि पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी नहीं हो। कारण है कि यदि पुरानी पार्षदों को ही नये वार्डों से रिपीट किया जाता है तो संबंधित वार्डों से उम्मीदवारी के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी बढ़ सकती है। ऐसे में पार्टी केवल उन्हीं मजबूत और वार्ड जंपिंग से मुक्त निवर्तमान पार्षदों पर दोबारा दांव खेलना चाहती है, जिन वार्डों में किसी झगड़े की संभावना नहीं हो।
दिखने लगी विधायकों व पार्षदों के बीच की दूरी
दिल्ली नगर निगम के लिए चुनावी माहौल में बढ़ी गर्मी की तपिश आम आदमी पार्टी के विधायकों और निवर्तमान पार्षदों के बीच भी दिखने लगी है। जहां पुराने यानी कि निवर्तमान पार्षदों के टिकट की दावेदारी मजबूत समझी जा रही है, उन इलाकों में पार्टी के ही दूसरे नेताओं के द्वारा विरोध शुरू हो गया है। ऐसा ही एक नजारा सोमवार को आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर देखने को मिला। यहां पार्टी के एक निवर्तमान पार्षद को दोबारा टिकट दिये जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। सूत्रों का कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन के पीछे इलाके के आप विधायक का ही हाथ है। अब देखना यह है कि आप नेतृत्व इस तरह के विरोध प्रदर्शन को उकसावा देने वालों को कैसे रोक पाता है।