-दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने की थी सिफारिश
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 1 अगस्त, 2022।
राजधानी दिल्ली में शराब की दुकानों और बारों को तत्काल फिर से खोलने का रास्ता साफ करते हुए, उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मौजूदा आबकारी नीति 2021-22 के महीने भर के विस्तार को मंजूरी दे दी है। उपराज्यपाल कार्यालय की मंजूरी के बाद 2 अगस्त से बार और शराब की दुकानें फिर से खोली जा सकती हैं। विस्तार को मंजूरी देते हुए एलजी ने कहा कि उनके पास मौजूदा आबकारी नीति को एक महीने के लिए बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
उपराज्यपाल ने उल्लेख किया है कि उनके पास मौजूदा खुदरा (एल-7 जेड/एल-7 वी) लाइसेंस और थोक (एल-1 लाइसेंस) के कार्यकाल को बढ़ाने और स्टॉक क्लीयरेंस के लिए 31/08/2022 तक विस्तार के कैबिनेट के प्रस्ताव से सहमत होने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है, जिसका लाइसेंस 31 जुलाई, 2022 को समाप्त हो गया है। जैसा कि कैबिनेट द्वारा तय किया गया है कि शराब के खुदरा या थोक विक्रेताओं को किसी भी व्यवधान या बंद होने से बचाया जा सके। अनधिकृत शराब की बिक्री और अधिकृत शराब नहीं मिलने से कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी हुई है।
शराब की दुकानें और बार जिन्हें सोमवार सुबह से बंद करने के लिए मजबूर कर दिया गया था, फिर से खुल सकते हैं क्योंकि आबकारी नीति को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। लाइसेंसधारकों को आबकारी विभाग को एक महीने के लिए अग्रिम प्रो-राटा शुल्क का भुगतान करना होगा।
गौरतलब है कि, शराब की दुकानों और बारों को बंद करने से सोमवार को राजधानी में एक दिन का अघोषित ड्राई डे हो गया क्योंकि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति (2021-22) को 1 अगस्त से 31 अगस्त तक बढ़ाने के कदम को एलजी द्वारा मंजूरी नहीं मिली थी। आबकारी नीति 2021-22 की अवधि 31 जुलाई को समाप्त हो गई थी और विस्तार की स्वीकृति के बिना, शराब बेचना अवैध माना जाता। यहां तक कि रेस्टोरेंट और होटलों के बार में भी शराब नहीं परोसी जाती।
एक महीने के विस्तार की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि दिल्ली सरकार ने पुरानी आबकारी नीति पर वापस लौटने का फैसला किया है। यह निर्णय दिल्ली के एलजी द्वारा 2021-22 नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई की सिफारिश के बाद लिया गया था। दिल्ली सरकार ने नीति को एक महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया ताकि पुरानी व्यवस्था में एक सुचारु रूप से सुनिश्चित किया जा सके और शराब की कमी के कारण संभावित अराजकता को टाला जा सके। पुरानी आबकारी नीति के तहत राज्य सरकार फिर से शराब की दुकानें खोलेगी।
आसान नहीं होगा सभी दुकानों का खुलना
उपराज्यपाल ने भले ही दिल्ली सरकार की सिफारिश पर शराब विक्रेताओं के लाइसेंस की अवधि 1 महीने के लिए बढ़ाने की मंजूरी दे दी हो, लेकिन शराब की दुकानों का खुलना इतना आसान नहीं है। कारण है कि ज्यादातर दुकानदारों ने अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया है। अब दुकानदार शराब के कारोबार में घाटा उठाने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि यदि वह एक महीने के लिए और दुकानें खोलते हैं तो उन्हें लाइसेंस शुल्क के साथ दूसरी तरह के खर्चे भी करने होंगे। इसके बाद भी उनका कारोबार कब तक चल पायेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
हरियाणा व यूपी से बढ़ेगी तस्करी
दिल्ली में शराब की दुकानों के बंद हो जाने से राजधानी में हरियाणा और उत्तर प्रदेश की शराब तस्करी के जरिये बेचे जाने की आशंका बढ़ गई है। दिल्ली में नयी शराब नीति लागू होने से पहले भी सरकारी दुकानें बंद कर दी गई थीं, जिसकी वजह से कई महीने दिल्ली में दोनों राज्यों की शराब की आपूर्ति की घटनाएं बढ़ गई थीं।