पीवी सिंधु बन सकती हैं टीम इंडिया की ध्वज वाहक… ओलंपिक संघ ले सकता है फैसला

-नीरज के प्रतिष्पर्धा से बाहर होने के बाद पीवी सिंधु के नाम की चर्चा

विजय कुमार/ नई दिल्ली, 26 जुलाई।
राष्ट्रमंडल खेलों के 22 वां संस्करण का आगाज 28 जुलाई को बर्मिंघम में हो रहा है। इसमें 72 राष्ट्रमंडल देशों के खेलों में भाग लेने की उम्मीद है। भारत की ओर से इस प्रतिस्पर्धा में 112 पुरुषों और 105 महिलाओं का एक मजबूत दल 16 खेलों में भाग लेने के लिए भेजा जा रहा है। लेकिन भारतीय ओलंपिक संघ ने अभी तक अपने ध्वजवाहक की घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है कि शटलर पीवी सिंधु को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में टीम इंडिया का ध्वज वाहक बनाया जा सकता है। हालांकि कुछ दिन पहले तक इस पर भाला फेंक (जेवलिन थ्रोवर) नीरज चोपडा का नाम चल रहा था। मगर 26 जुलाई को उनके टूर्नामेंट में भाग ना लेने के साथ ही पक्के पदक की उम्मीद भी जाती रही है।
खेल प्रेमियों के लिए यह दिन दुख देने वाला रहा है, क्योंकि कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत से पहले ही भारत को एक बड़ा झटका लगा है। भारत को भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) से भी एक पदक की उम्मीद थी लेकिन नीरज चोपड़ा प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो भारतीय ओलंपिक संघ ने ध्वजवाहक के रूप में नीरज चोपडा का नाम लगभग पक्का कर लिया था। लेकिन उनके बाहर जाने के बाद अब दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और शटलर पीवी सिंधु के नाम को पक्का माना जा रहा है।
यूं तो कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने वाले भारतीय खेमे में स्टार खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त है। लेकिन इनमें कुछ नाम ऐसे भी हैं जिनका गोल्ड जीतना पक्का माना जा रहा है। उनमें से नीरज चोपडा का भी नाम शामिल था। जिनसे भारत पदक की आस लगाए बैठा था। स्टार शटलर पीवी सिंधु तीसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रही हैं। सिंधु अब तक इन खेलों में महिला एकल इवेंट में एक-एक सिल्वर और ब्रांज मेडल जीत चुकी हैं।
चार साल पहले पीवी सिंधु को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था क्योंकि उस समय भारत की साइना नेहवाल ने स्वर्ण पदक जीता था। जिसके बाद से सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप का खिताब और दूसरा ओलंपिक पदक अपनी झोली में डाला है। सिंधु ने इस साल तीन खिताब जीते हैं और राष्ट्रमंडल खेलों से ठीक पहले सिंगापुर ओपन में जीत से उनका मनोबल काफी ऊंचा होगा।
चीन और जापान के खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग नहीं लेते हैं ऐसे में दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट सिंधु के लिए राह काफी आसान है। उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय ध्वजवाहक के रूप में पीवी सिंधु का नाम लगभग पक्का माना जा रहा है। ऐसे में भारतीय ओलंपिक संघ उनके नाम की घोषणा कब करती है यह देखना होगा।