-यौन उत्पीड़न पीड़ितों की चिकित्सा जांच में होती है 15 घंटे तक की देरी
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 14 जुलाई, 2022
राजधानी दिल्ली में यौन उत्पीड़न पीड़िताओं की चिकित्सा जांच में होने वाली देरी को लेकर दिल्ली महिला आयोग दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को लताड़ लागाई है। राजधानी के अस्पतालों में औसतन एक बलात्कार पीड़िता को उसकी मेडिकल जांच के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि पीड़ितों की चिकित्सा जांच की प्रक्रिया के दौरान आयोग के परामर्शदाता पीड़ितों की चिकित्सा जांच के दौरान अस्पतालों में मौजूद रहते हैं।
मालीवाल ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में यौन उत्पीड़न की पीड़िता की मेडिकल जांच करने में लगभग 15 घंटे, लोक नायक अस्पताल में 12 घंटे और सफदरजंग अस्पताल में 8.5 घंटे लगे। आयोग ने इस मामले में दिल्ली में चल रहे 23 सरकारी अस्पतालों को नोटिस जारी किये हैं।
आयोग ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर देरी का कारण पूछा है। आयोग ने यह आकलन करने के लिए डेटा मांगा है कि क्या बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन दोनों संसाधनों को विशेष रूप से बलात्कार पीड़ितों की चिकित्सा जांच के उद्देश्य से आवंटित किया गया है या अन्य शाखाओं के लिए तैयार किया गया है। आयोग ने बलात्कार पीड़िताओं को प्राथमिकता देने के लिए अस्पतालों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, मानक समय-सीमा, जिसमें परीक्षा होनी चाहिए और यदि वांछित समय सीमा के भीतर चिकित्सा जांच नहीं की जाती है तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण भी मांगा है।
महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने कहा कि “यह दुखद है कि एक बलात्कार पीड़िताओं को कभी-कभी उसकी चिकित्सा जांच के लिए राष्ट्रीय राजधानी में 15 घंटे इंतजार करने के लिए मजबूर किया जाता है। जो कानून के तहत अनिवार्य है और जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस तरह की लंबी देरी उत्तरजीवी को अत्यधिक उत्पीड़न और आघात का कारण बनती है और उनके दुख को कई गुना बढ़ा देती है।