दिल्ली नगर निगम के नए वार्डों में पूर्व में रही असमानता खत्म कर एकरुपता बनाई जाए: ममगांई

– परिसीमन समिति करेगी दिल्ली में नए निगम वार्डों का निर्धारण

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली: 11 जुलाई 2022

शहरी मामलों के विशेषज्ञ एवं एकीकृत दिल्ली नगर निगम की निर्माण समिति के अध्यक्ष रहे जगदीश ममगांई ने दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन में एकरुपता बनाने का आग्रह किया है। दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 3 और 5 के प्रावधानों के अनुसार, निगम में वार्डों के परिसीमन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 8 जुलाई 2022 को परिसीमन आयोग गठित कर दिया है, जल्द ही इसके निमित्त वार्डों की कुल संख्या, संदर्भित जनगणना आदि संबंधी दिशानिर्देश भी जारी होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले परिसीमन में उपराज्यपाल द्वारा वर्णित दिशा-निर्देश के अनुसार सभी वार्डों का परिसीमन, संबंधित विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ही किया जाना था, इससे निगम वार्डों के क्षेत्र व जनसंख्या में असमानता नजर आई। उदाहरण के लिए, जनसंख्या की दृष्टि से जहां मंगोलपुरी डी (41674), लाजपत नगर (43635), चांदनी चौक (44641), नवादा (45349), मालवीय नगर (46302), मंगलापुरी (46705) है वहीं अलीपुर (84378), नेहरु विहार (83645), मुस्तफाबाद (80419), सोनिया विहार (79579), हर्ष विहार (78698), शिव विहार (76661) की जनसंख्या लगभग दुगनी है। उन्होंने कहा कि चूंकि वर्ष 2022 में होने वाला यह परिसीमन 11 वर्ष पूर्व के आंकड़ों पर किया जा रहा है, और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में जनसंख्या में और अधिक वृद्धि हुई है, तो जाहिर है यह असमानता और बढ़ सकती है। इस पर घालमेल यह है कि दिल्ली विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन 22 वर्ष पूर्व के वर्ष 2001 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया गया था।
ममगांई ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और परिसीमन आयोग के अध्यक्ष विजय देव से आग्रह किया है कि दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन में पूर्व में रही असमानता खत्म कर एकरुपता बनाने के लिए विधानसभा को आधार न बनाकर, संपूर्ण दिल्ली के निगम क्षेत्र को एक इकाई के रुप में आधार के रुप में रेखांकित करें जैसा आरक्षण निर्धारित करने के निमित्त किया जाता है। जनगणना 2011 के अनुसार दिल्ली निगम क्षेत्र में रह रहे 1.64 करोड़ जनसंख्या को 250 वार्डों के लिए औसतन 65 लाख प्रति वार्ड के लिए चिह्नित किया जा सकता है।