निगम चलाने के लिए कमेटी मेंबर्स की तलाश शुरू… अनुभवी लोगों को सोंपी जायेगी कमान!

-पूर्व निगम आयुक्त केएस मेहरा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल को मिल सकती जिम्मेदारी
-तीनों प्रमुख दलों बीजेपी, आप व कांग्रेस से भी एक-एक सदस्य को मिल सकता है प्रतिनिधित्व

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली, 13 अप्रैल, 2022
दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला बिल संसद में पास होने के बाद अब राजधानी के सियासी मैदान में नई-नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने यूनीफाइड दिल्ली नगर निगम को चलाने के लिए कमेटी मेंबर्स की तलाश शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि स्पेशल ऑफिसर के साथ नगर निगम के कामकाज को चलाने के लिए निगम आयुक्त के साथ सात या 12 सदस्यीय समिति का गठन भी किया जाना है। हालांकि इन खबरों की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।

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सूत्रों का कहना है कि समिति के सदस्यों में राजधानी के तीनों प्रमुख दलों का एक-एक सदस्य प्रतिनिधि रखा जा सकता है। इनके अलावा इस समिति में नगर निगम से जुड़े रहे पूर्व नौकरशाहों को स्थान दिया जायेगा। पूर्व महापौरों में से भी किसी को इस समिति का सदस्य बनाया जा सकता है। ताकि नगर निगम को चलाने में उनके अनुभवों का लाभ उठाया जा सके।

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सूत्र बताते हैं कि इस समिति में सदस्य बतौर पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के नाम की चर्चा भी शुरू हो गई है। उनके अलावा नगर निगम के पूर्व निगम आयुक्त केएस मेहरा और कुछ दूसरे पूर्व निगम आयुक्तों के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि अभी दिल्ली नगर निगम का स्पेशल ऑफिसर किसे बनाया जायेगा? यह बड़ा सवाल है। कहा यह भी जा रह है कि जल्दी ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बॅैजल की जगह जिसे जिम्मेदारी मिलने जा रही है, वही निगम के स्पेशल ऑफिर का नाम भी तय करेंगे।
मैंबर्स को मिलेगा कार्यालय और सुविधाएं
सूत्रो का यह भी कहना है कि यदि स्पेशल ऑफिसर के साथ कमेटी का गठन किया जायेगा तो उन सभी सदस्यों को कार्यालय के साथ वह सभी सुविधाएं प्रदान की जायेंगी, जो कि स्थायी समिति अध्यक्ष या नेता सदन जैसे पद धारकों को मिलती आई हैं। निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में ही स्पेशल ऑफिसर और कमेटी के सदस्यों को कार्यालय दिये जाने पर विचार किया जा रहा है।
कई विकल्पों पर हो रहा विचार
गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम को चलाने के लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इनमें से कमिश्नर के साथ केवल स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति से काम चलाने से लेकर एक समिति के गठन का विकल्प शामिल है। बताया जा रहा है कि जल्दी ही जल्दी ही नगर निगम के गठन की अधिसूचना जारी की जा सकती है। इसके साथ ही नई व्यवस्था लागू कर दी जायेगी।