18 अप्रैल से पूर्व भंग हो जायेंगे नगर निगम… लागू होगी स्पेशल ऑफिसर की व्यवस्था

-इसी सप्ताह राज्यसभा से भी मिल सकती है नगर निगम संशोधन विधेयक को हरी झंडी
-चुनाव होने तक एनडीएमसी की तरह किया जा सकता है नगर निगम का संचालन

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली। 30 मार्च, 2022
दिल्ली के तीनों नगर निगामों को 18 अप्रैल से पूर्व भंग कर दिया जायेगा। तीनों नगर निगमों को एक करने वाले दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 को लोकसभा ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस सप्ताह में इस बिल को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल जायेगी। इसके पश्चात केंद्र सरकार अधिसूचना लाकर नगर निगमों को एक करने के लिए भंग करने की घोषणा करेगी। संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि गृह मंत्रालय को नई व्यवस्था लागू करने के लिए 18 अप्रैल से पूर्व निगमों को भंग करने का आदेश जारी करना होगा। दरअसल संसद का वर्तमान बजट सत्र केवल 8 अप्रैल तक ही चलेगा।

संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि नगर निगम अधिनियम के मुताबिक हर वर्ष अप्रैल महीने की सदन की पहली बैठक में नये महापौर का चुनाव करना होता है। इसके साथ ही यदि निगम भंग नहीं किया जाता है तो इस वर्ष 18 मई तक चुनाव कराने होंगे, उस स्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग को चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करनी होगी। क्योंकि नगर निगमों को एक करने वाले अधिनियम को लोकसभा ने पास कर दिया है और राज्यसभा भी सोमवार से शुरू हो रहे सप्ताह में पास कर देगी। अतः केंद्र सरकार के पास 17-18 अप्रैल तक का समय ही निगमों को भंग करने का समय बचा है। हालांकि यदि 30 अप्रैल तक भी निगमों को भंग किया जाता है तो भी कोई तकनीकी समस्या सामने नहीं आयेगी। लेकिन अप्रैल के महीने में तीनों निगमों को भंग करना कानूनी रूप से भी जरूरी है।

अब दिल्ली सरकार के पास नहीं रहा कोई अधिकार
संसद में लाये गये दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 के जरिये दिल्ली नगर निगम की कार्यप्रणाली में दखलंदाजी वाली सभी शक्तियां दिल्ली सरकार से ली जा रही हैं। अब नगर निगम की कार्यप्रणाली में सीधे तौर पर केंद्र सरकार का दखल रहेगा। इसके चलते आम आदमी पार्टी के नेताओं को ज्यादा परेशानी हो रही है।

नहीं देंगे डीटीसी, जल बोर्ड या फायर विभाग!
सोशल मीडिया और कुछ संस्थानों के द्वारा खबरें चलाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार नगर निगम को फिर से दिल्ली परिवहन निगम, दिल्ली जल बोर्ड और फायर विभाग देने जा रही है। बुधवार को लोकसभा में नगर निगम से जुड़े विधेयक पर चर्चा के दौरान पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवश वर्मा ने माग की कि पहले की तरह डीटीसी, दिल्ली जल बोर्ड, डूसिब और फायर फाइटिंग जैसे विभाग दिल्ली नगर निगम का दिये जाने चाहिए। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह तीनों विभाग बहुत ज्यादा खर्चे वाले हैं और नगर निगम के पास अपनी निजी आय बढ़ाने के ज्यादा स्रोत नहीं हैं, अतः इन्हें वापस नगर निगम को नहीं दिया जायेगा। क्योंकि केंद्र सरकार फिर से दिल्ली नगर निगम को आर्थिक परेशानी में डालना नहीं चाहती है।
एनडीएमसी की तर्ज पर होगा संचालन!
संसद में लाये गये दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 में स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति की बात कही गई है। यह अधिकारी नगर निगम को तब तक चलायेगा जब तक कि नये निगम का गठन करके चुनाव के बाद पहली बैठक नहीं हो जाती। बताया जा रहा है कि जब तक नये निगम का गठन नहीं हो जाता तब तक नई दिल्ली नगर पालिका परिषद की तर्ज पर एक कमेटी का गठन किया जा सकता है। इस कमेटी में सियासी लोगों को एनडीएमसी की तरह मनोनीत किया जा सकता है। यह कमेटी स्पेशल ऑफिसर के तहत काम कर सकती है।