-किसी की महिला तो किसी की सीट अनुसूचित जाति लिए हुई आरक्षित
-आयोग ने नहीं बढ़ाई अनुसूचित जाति के लिए आरक्षि वार्डस की संख्या
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के तीनों नगर निगमों की सीटों के रोटेशन ने सभी दलों के निगम पार्षदों के समीकरण बदल कर रख दिये हैं। तीनों नगर निगमों में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षदों की मुश्किलें सबसे ज्यादा बढ़ गई हैं। खास बात है कि उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के महापौरों सहित स्थायी समिति अध्यक्षों और नेता सदन की सीटें रोटेशन की भेंट चढ़ गई हैं। किसी सीट महिला के लिए तो किसी की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई है।
उत्तरी दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह की सीट जीटीबी नगर वार्ड संख्या 14 पहले जहां सामान्य थी, अब यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई है। उत्तरी दिल्ली में ही स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन की सीट कमला नगर वार्ड संख्याः 78 पहले सामान्य थी लेकिन रोटेशन के चलते यह सीट भी महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई है। वहीं, नेता सदन छैल बिहारी गोस्वामी की सीट नारायणा वार्ड संख्यास्ः 104 पहले सामान्य थी, लेकिन अब यह सीट अनूसूचित जाति की महिलाओं के लिए आक्षित हो गई है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का भी यही हाल है। महापौर मुकेश सूर्यान की सीट सागरपुर वेस्ट वार्ड संख्या 31 पहले जहां सामान्य थी अब रोटेशन में फंसकर महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई है। स्थायी समिति अध्यक्ष रिटायर्ड कर्नल बीके ओबरॉय की सीट राजौरी गार्डन वार्ड संख्या 5 भी सामान्य से हटकर महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई है। नेता सदन इंद्रजीत सहरावत की सीट महिपालपुर पहले जहां सामान्य की श्रेणी में थी, अब यह सीट अनुसूचत जाति की महिलाओं के लिए आरक्षि कर दी गई है।
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पूर्वी दिल्ली नगर निगम के तीनों वर्तमान बड़े नेताओं की सीटें भी बदल गई हैं। पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल की सीट रघुबरपुरा वार्ड संख्याः 27 पहले सामान्य थी लेकिन अब महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई है। स्थायी समिति अध्यक्ष बीएस पंवार की सीट दिलशाद गार्डन वार्ड संख्याः 35 पहले जहां सामान्य थी, अब यह सीट अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई है। इसी तरह स्थायी समिति के अध्यक्ष सत्यपाल सिंह की सीट वेस्ट करावल नगर वार्ड संख्याः 61 अब सामान्य से बदलकर महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई है।
रोटेशन ने बढ़ाई बेचैनी
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मंगलवार 25 जनवरी को दिल्ली के तीनों नगर निगम वार्डस के रोटेशन की घोषणा के बाद सत्ताधारी दल बीजेपी ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं की भी बेचैनी बढ़ गई है। खास तौर पर सभी वर्तमान निगम पार्षदों वार्ड महिला से सामान्य और सामान्य से महिलाओं के लिए आरक्षित हो गये हैं। महिलाएं तो फिर भी किसी भी सीट से लड़ सकती हैं, लेकिन पुरूष निगम पार्षदों के लिए विकल्प बेहद कम हो गये हैं।
नहीं बढ़ी आरक्षित वार्डस की संख्या
राज्य निर्वाचन आयोग ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित वार्डस की संख्या को नहीं बढाया है। आयोग की ओर से कहा गया है कि 2011 की जनगणना के अनुसार निगम वार्डस का परिसीमन किया गया था, अतः उसी अनुपात क आधार पर 2017 की तरह इस बार भी अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सीटों की संख्या को आरक्षित किया गया है। बता दें कि अनुसूचित जाति के लिए उत्तरी दिल्ली में सबसे ज्यादा 20, दक्षिणी दिल्ली में 15 और पूर्वी दिल्ली में 11 सीट आरक्षित की गई हैं। इतनी ही संख्या में 2017 में भी अनुसूचित जाति के लिए सीटों का आरक्षण किया गया था।