शीतलहर से ठिठुरे भगवान भी काशी के मंदिरों में देवता दिखे गरम कपड़ों में 

-उत्तर प्रदेश में शीतलहर से ठिठुरी काशी
-भगवान नजर आए स्वेटर-शॉल में

हेमा शर्मा/ नई दिल्ली,
नए साल के आगमन से पहले उत्तर प्रदेश में शीतलहर ने दस्तक दे दी है। पहाड़ी इलाको में हो रही बर्फबारी ने पूरे उत्तर प्रदेश को ठिठुरा दिया है। ना सिर्फ इंसान बल्कि भगवान भी ठंड से कांपने लगे है। महादेव की नगरी कही जाने वाली काशी के मंदिरों में भगवान गरम कपड़ों में नजर आ रहे हैं।उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने लोगों को बेहाल कर दिया है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी ने मैदानी इलाकों में ठंड को बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश में शीतलहर की दस्तक से इंसान तो इंसान भगवान भी कांप गए है।
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भोले की नगरी काशी के मंदिरों में ठंड से बचाने के लिए भगवानो को भी स्वेटर-शॉल, टोपी-दस्ताने पहना दिए हैं। जिनमे वो इतने मोहक लग रहे हैं कि भक्तों की नजर नहीं हट रही। बता दें कि वाराणसी में सोनारपुर के गौडिया मठ में भगवानो को ठंड से बचाने के लिए ना सिर्फ ऊनी वस्त्र पहनाये जा रहे है बल्कि सर्दी ज्यादा बढ़ने पर हीटर की भी व्यवस्था की गई है। भक्तों की इस श्रद्धा को देखकर मानों भगवान भी प्रसन्न हो गए हैं।यह व्यवस्था सिर्फ गौडिया मठ में ही नहीं है बल्कि वाराणसी के बड़ा गणेश, राम-जानकी मंदिर के साथ-साथ कई अन्य मंदिरों में भी की गई है।
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सर्दियों में ऊनी वस्त्र पहनाने के पीछे क्या मान्यता है
जिस प्रकार मनुष्य के अंदर प्राण होने की वजह से उसे हर मौसम का एहसास होता है। उसी प्रकार मान्यता है कि मंदिरों में विराजमान सभी देवी- देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है। प्राण-प्रतिष्ठा के कारण माना जाता है कि इंसानों की तरह भगवानो को भी हर मौसम का एहसास होता है। इसी मान्यता के चलते भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें मौसम के अनुसार वस्त्र आदि पहनाते हैं।