मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां नहीं परोसी जा रही है मौत: अनिल चौधरी 

-डिस्ट्रोमेथोर्फ़न कॉफ़ सिरप से गई 3 बच्चों की जान
-4साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को दी जाती है ये दवा
-मुख्यमंत्री के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री भी नदारद -मृतकों के परिवार को 1करोड़ और बीमारों को 10-10लाख मुआवजा दिया जाए

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली,
दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में इलाज कराने आए 16 बच्चों की गंभीर रूप से बीमार होने के बाद 3 बच्चों की मौत ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। मोहल्ला क्लीनिक के द्वारा प्रिसक्राइब कफ सिरप डिस्ट्रोमेथोर्फ़न से यह पोईजिन हुआ था।

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बता दें कि मोहल्ला क्लीनिक में कफ सिरप डिस्ट्रोमेथोर्फ़न से बीमार हुए 16 बच्चों को कलावती हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था जिनमे से 3 बच्चों की मौत हो गई है। जिसकी वजह से कई बार अपनी लापरवाही के चलते खबरों में आए मोहल्ला क्लीनिक एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गए हैं। सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अरविंद केजरीवाल से सवाल करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री एक तरफ़ तो पंजाब की भोली-भली जनता को मूर्ख बनाते हुए अपने मोहल्ला क्लीनिक का बखान कर रहे है वहीं दूसरी तरफ़ आज सामने आइ इस घटना पर उनका क्या कहना है? उन्होंने कहा कि अरविंद की कथनी और करनी में जमीन का आसमान का फर्क है। केजरीवाल ने साल 2013 में 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने की बात कही थी लेकिन आज 7 साल बाद भी इन क्लीनिक की संख्या 500 के पार भी नहीं हो पाई है।

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कोविड के दौरान अपने इन क्लीनिक की कमियों को छिपाते हुए केजरीवाल ने कोविड टीकाकरण का काम क्लीनिकों में ना करके स्कूल में करवाया। बच्चियों की मौत पर दुःख व्यक्त करते हुए अनिल ने कहा कि यदि समय रहते इन क्लीनिकों पर ध्यान दिया जाता तो आज इन बच्चों की मौत नहीं होती और इनके घरों में शोक का माहौल नहीं होता। अनिल चौधरी ने मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर व अन्य स्टाफ पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह के डॉक्टर नाकाबिल हैं। जिसका सीधा उदाहरण आज सामने आया यह मामला है। जिसमें उन डॉक्टरों को यह भी नहीं पता की वो लोग इन मासूम बच्चों को जो डिस्ट्रोमेथोर्फ़न नामक कफ सिरप दे रहे हैं दरसल वो 4 साल के ऊपर के बच्चों को दिया जाता है वो भी पीडियाट्रिक की सलाह पर।

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उन्होंने कहा कि इन मोहल्ला क्लीनिक में जो डॉक्टर है उन्हें प्रति मरीज 30 रुपये के हिसाब से सरकार भुगतान करती है और डॉक्टर प्रत्येक मरीज को मुश्किल से 1 मिनट का समय भी नहीं दे पाते। अनिल चौधरी ने उपराज्यपाल से मांग की कि इन मोहल्ला क्लीनिक को बंद कराया जाए साथ ही उन डॉक्टर का पता लगाकर उन्हें बर्खास्त किया जाए जिनके लापरवाही के चलते ये हादसा हुआ है। चौधरी ने 16 में से 3 बच्चे जो अपनी जान गंवा चुके है उनके परिवार वालों को 1 करोड़ रुपये और बाकी के 13 मरीजों के परिवार को 10-10 लाख का मुआवजा देने की बात कही।