कुरूक्षेत्र के मैदान में भी नहीं उतरी दिल्ली विश्वविद्यालय के पुरूष खिलाडियों की टीम

-एमेटी विश्वविद्यालय नोएडा से था पहला मैच
-खिलाडियों की सपोट में सडकों पर उतरेगी आम आदमी की दिल्ली केंट युवा विंग

विजय कुमार/ नई दिल्ली
हरियाणा के कुरू़क्षेत्र में उत्तर क्षेत्र पुरूष अंतर-विश्वविद्यालय खेलों का आयोजन शुरू हो गया है। जिसमें देश के उत्तर क्षेत्र के 30 के करीब विश्वविद्यालयों की टीम शामिल हुई हैं। लेकिन वहां हरियाणा के सबसे करीबी दिल्ली विश्वविद्यालय की टीम नहीं पहुंची है। यह चैंपियनशिप 12 दिसंबर से 16 दिसंबर तक चलेगी। उसके बाद महिलाओं की चैंपियनशिप 18 दिसंबर से शुरू होगी। खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर आम आदमी पार्टी की युवा विंग ने दिल्ली विश्वविद्यालय के खिलाफ आंदोलन करने की घोषणा की है। मालूम हो कि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय इस बार उत्तर क्षेत्र पुरूष महिला वर्गो की चैंपियनशिप का आयोजन कर रहा है। जिसकी विजेता टीमें ऑल इंडिया चैंपियनशिप में भाग लेंगी। जिसका आयोजन अगले साल 2022 में किया जाएगा।

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कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित उत्तर क्षेत्र प्रतियोगिता में दिल्ली को ग्रुप ए में रखा गया है। जिसमें गुरूकुल विश्वविद्यालय हरिद्वार, बीएसबीए विश्वविद्यालय लखनऊ, जम्मू विश्वविद्यालय, आरएमएल फेजाबाद, थापर विश्वविद्यालय, चंडीगढ विश्वविद्यालय मोहाली, लखनऊ विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ आदि की टीमें है। ग्रुप ए में दिल्ली विश्वविद्यालय की वॉलीवाल टीम को अपना पहला मैच अमेठी विश्वविद्यालय नोएडा के खिलाफ 12 दिंसबर को खेलना था।

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इस वॉलीवाल के मैच को लेकर आयोजकों ने दिल्ली टीम के आने का एक घंटे तक इंतजार किया कि शायद वे देरी से आ जाए। मगर दिल्ली विश्वविद्यालय की वालीवाल चैंपियनशिप में खेलने के लिए पहुंची ही नहीं। वैसे पहुंचती भी कैसे उसका चयन तो दिल्ली विश्वविद्यालय की स्पोर्टस काउंसिल ने किया ही नहीं। यहीं नहीं टीम उक्त चैंपियनशिप के लिए जायेगी भी कि नहीं, इसकी जानकारी भी खिलाडियों को नहीं है। यह तो बात है पुरूष वाली वॉलीवाल टीम की।
दूसरी तरफ महिला की चैंपियनशिप जो कि 18 दिसंबर से शुरू होनी है। वह भी जायेगी या नहीं इसकी जानकारी भी अभी तक दिल्ली विश्वविद्यालय से जुडे कालेजों के पास नहीं है। जबकि खिलाडी एक दूसरे से पूछ रहें हैं कि टीम के लिए चयन टृयल कब होगा। इस जानकारी के लिए वह विश्वविद्यालय में स्पोर्टस काउंसिल के आफिस में चक्कर भी लगा रहें है। लेकिन वहां भी उनका कोई जानकारी देने वाला नहीं है। ऐसे में खिलाड़ी अपना भविष्य अंधकार में जाता देख रहें है।
ऐसे में कई खिलाडियों का कहना है कि वह उस दिन को कोस रहें है, जिस दिन उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में खेलों में अपना भविष्य बनाने के चक्कर में यहां पर दाखिला लिया था। इससे बेहतर होता अगर वह पंजाब, चंडीगढ या हरियाणा आदि विश्वविद्यालयों में जाकर दाखिला लेते तो उनका करियर तो नहीं डुबता। ऐसी ही चिंता, स्विमिंग, मुक्केबाजी, हाकी, फुटबाल, टेनिस, बास्केबाल, बैडमिंटन आदि खिलाडियों की भी है।
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी की यूथ विंग दिल्ली केंट के प्रभारी अंकित कादियान का कहना है कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय के खिलाडियों के साथ खडे है। वह जल्द ही इस मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलति तथा स्पोर्टस काउंसिल के पदाधिकारियों से एक दो दिनों में मिलेंगे। अगर विश्वविद्यालय ने विभिन्न खेलों की टीमें प्रतियोगितों के लिए नहीं भेजी तो उनके खिलाफ प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेगें। उन्होंने खिलाडियों के एक दल से मुलाकात कर उनको आश्वासन भी दिया है, कि वह उनके भविष्य से किसी को भी खिलवाड नहीं करने देंगे।