मध्यमवर्गीय लोगों पर सरकार हुई मेहरबान
टीम एटूजैड/नई दिल्ली
मोदी सरकार मध्यमवर्गीय लोगों पर मेहरबान हुई है। अब 5 लाख रूपये तक की सालाना आमदनी आयकर से बाहर होगी। मोदी सरकार ने 5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स नहीं लगाने का एलान किया है। अब तक 2.5 लाख रुपये पर ही यह छूट थी. जानकारों का कहना है कि टैक्स छूट सीमा सीधे डबल होने से इस लिमिट में आने वाले हर करदाता को करीब 13 हजार रुपये का फायदा होगा। एक्सपर्टस मानते हैं कि पांच लाख से कम आय वाले करीब 70 फीसदी लोग थे। जिन्हें पिछले चार साल से राहत का इंतजार था। फायदा लेने के लिए प्लान करना पड़ेगा. पांच से दस लाख वाले 20 फीसदी लोग आते हैं और उससे ज्यादा आय वाले दस फीसदी से ज्यादा नहीं होत। सरकार के इस फैसले के बाद नौकरीपेशा लोगों, बहुत छोटे कारोबार करने वालों को फायदा होगा।सरकार ने पांच लाख रुपये से अधिक आय के टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है।
इनकम टैक्स पर ऐलानः
पीयूष गोयल ने कहा कि वह कर स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर कर से पूरी छूट होगी। यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढ़े छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। इसके अलावा यदि आवास ऋण लिया गया है तो उसके दो लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान पर भी कर छूट उपलब्ध होगी. पेंशन योजना एनपीएस पर पचास हजार रुपये की अतिरिक्त कर छूट है।
बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लागू है। 60 वर्ष और उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिये तीन लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है जबकि 80 वर्ष और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय पहले से ही कर मुक्त है।
बजट की प्रमुख बातेंः
पूरी होगी नए घर की चाहत, मिलेगी छूट
मोदी सरकार ने ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर की 20 लाख रुपए
40 हजार तक के ब्याज पर टैक्स नहीं होगा
किसानों को क्या मिलाः
सरकार ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ का प्रस्ताव किया। पीयूष गोयल ने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि नाम से एक नयी योजना के तहत छोटे किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 करोड़ रुपये की नकद सहायता देने का एलान किया। इस योजना से सरकारी खजाने पर सालाना 75,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ेगा. यह सहायता दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को उपलब्ध होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से 12 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
गोयल ने कहा, ’यह योजना इसी वित्त वर्ष से लागू हो जाएगी और इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के लिए दो फीसदी इंटरेस्ट सबवेंशन यानी ब्याज में दो फीसदी की छूट देने की घोषणा की गई है। फसल ऋण का समय से भुगतान करने पर तीन फीसदी का इंटरेस्ट सबवेंशन प्रदान करने की घोषणा की गई है। मोदी सरकार का बड़ा ऐलानः किसानों को प्रति वर्ष दिए जाएंगे 6000 रुपये, तीन किस्तों में मिलेंगे पैसे।
महिलाओं को फायदाः
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए 1,330 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जोकि पिछले साल की तुलना में 174 करोड़ रुपये अधिक है। गोयल ने लोकसभा में अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 1,330 करोड़ रुपये की रकम का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, “महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी कदम उठाते हुए, सरकार का जोर पिछले साढ़े चार वर्षों में ’महिलाओं के विकास’ से ’महिला-नीत विकास’ पर रहा ह।“
गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की 70 फीसदी से ज्यादा लाभार्थी महिलाएं रही हैं, जिन्हें अपना खुद का कारोबार शुरू करने के लिए किफायती और जमानत-मुक्त कर्ज प्राप्त हो रहा है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि 26 हफ्तों के मातृत्व अवकाश से महिलाओं को वित्तीय मदद मिली है और साथ ही वह काम में भागीदारी के लिए सशक्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आठ करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए उज्जवला योजना शुरू की है, जिसमें से छह करोड़ कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं और बाकी के कनेक्शन अगले साल में दे दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए विशेषः
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 61,398 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान की घोषणा की जिसमें 6400 करोड़ रुपये केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना के लिए आवंटित किये गये हैं। आने वाले वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य आवंटन पिछले दो वित्त वर्ष में सर्वाधिक है और इसमें 2018-19 के आवंटन में 16 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. पिछले वर्ष यह आवंटन 54,302.50 करोड़ रुपये था।
केंद्र की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के लिए 6400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर को इसकी शुरुआत की थी जिसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पिछले वर्ष आम बजट पेश करते हुए की थी। योजना में हर साल देश में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य है और इसमें सालाना पांच लाख रुपये तक के अस्पताल के इलाज खर्च के बीमा का प्रावधान है।
मजदूर-कामगारों का बजटः
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये की पेंशन देने के लिये ‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना’ शुरू करने का प्रस्ताव किया है। हादसे की हालत में ईपीएफओ बीमा 6 लाख किया गया। बैंक से 40000 तक के ब्याज पर टैक्स नहीं। 2 लाख होमलोन ब्याज पर छूट।
और क्या है खास बजट मेंः
पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट। गाय के लिये राष्ट्रीय कामधेनू योजना। पशुपालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड। 40 हजार तक के ब्याज में कोई टैक्स नहीं। रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये का।