NORTH DMC: 1131 रेस्टोरेंट लेकिन एक के पास ही है स्थायी लाइसेंस

-76 बैंकट और रेस्टोरेंट्स से ही कनवजर्नन चार्ज वसूल सका आर्थिक तंगी से जूझ रहा नगर निगम
-निगम अधिकारियों को केवल 51 बैंकट हॉल एवं रेस्टोरेंट्स में ही मिला अवैध निर्माण

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
लगातार आर्थिक तंगी से जूझ रहे उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों का अपने संसाधनों से राजस्व उगाही पर कोई ध्यान नहीं है। निगम अधिकारियों को यह भी नहीं मालूम है कि उनके अधिकार क्षेत्र में कुल कितने बैंकट हॉल और रेस्टोरेंट्स चल रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि नगर निगम के पास कुल 1131 बैंकट और रेस्टोरेंट्स की सूची है, लेकिन इनमें से केवल 1 रेस्टोरेंट को ही स्थायी लाइसेंस जारी किया गया है। बाकी रेस्टोरेंट्स किस आधार पर चल रहे हैं, निगम अधिकारियों को इस बात की जानकारी ही नहीं है।

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इन तथ्यों का खुलासा खुद नगर निगम के आला अधिकारियों ने एक शॉर्ट नोटिस के जवाबों में किया है। नगर निगम ने अब तक 76 बैंकट हॉल्स और रेस्टोरेंट्स से कनवर्जन चार्ज की वसूली की है। निगम के आला अधिकारियों को तो इस बात की भी जानकारी नहीं है कि उनके क्षेत्र में ऐसे कितने बैंकट हॉल और रेस्टोरेंट्स हैं? जिनसे अभी कनवर्जन चार्ज की वसूली की जानी बाकी है। लाइसेंस की बात करें तो लंबे समय से निगम की ओर से केवल प्रोविजनल (अस्थायी) हेल्थ लाइसेंस ही जारी किये जा रहे हैं, जो कि केवल एक साल के लिए वैध होते है।

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इससे भी बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि निगम अधिकारियों ने खुद स्वीकार किया है कि उत्तरी दिल्ली में 1131 में से 51 बैंकट हॉल और रेस्तराओं में अवैध निर्माण पाया गया है। अवैध निर्माण के चलते इन संपत्तियों को बुक भी किया गया है। लेकिन यह 51 बैंकट हॉल और रेस्टोरेंट्स फिर भी धड़ल्ले से चल रहे हैं। निगम अधिकारियों के अनुसार नरेला जोन में केवल 9 बैंकट हॉल एवं रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के चलाये जा रहे हैं। लेकिन नगर निगम इनके खिलाफ ना तो कोई कार्रवाई कर पाया है और नाही इनको लाइसेंस जारी करके जरूरी शुल्क वसूल पाया है।
दिल्ली सरकार के सिर फोड़ा जा रहा फंड का ठीकरा
यह कोई अकेला ऐसा उदाहरण नहीं है, जिसमें उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने स्रोतों से राजस्व नहीं वसूल पा रहा है। बल्कि ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जिनसे साबित हो जाता है कि विभिन्न विभागों में भारी भ्रष्टाचार के चलते राजस्व की लूट मची है। लेकिन इसके बावजूद निगम की आर्थिक बदहाली का ठीकरा सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा दिल्ली की केजरीवाल सरकार के सिर पर फोड़ा जा रहा है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा राजस्वः विक्की गुप्ता
आम आदमी पार्टी के पार्षद और स्थायी समिति के सदस्य विक्की गुप्ता ने कहा कि नगर निगम को मिलने वाला राजस्व भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। कारोबारियों से अवैध वसूली करके कुछ अधिकारी और दूसरे लोग अपनी जेबें भर रहे हैं। इसका सीधा असर नगर निगम के राजस्व पर पड़ रहा है और नगर निगम लगातार आर्थिक बदहाली की ओर बढ़ रहा है। निगम अधिकारियों को ये ही नहीं मालूम कि उनके इलाके में कितने रेस्टोरेंट और बैंकट हाल हैं?
अधिकारियों-नेताओं की मिलीभगत से हो रहा नुकसानः मुकेश गोयल
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने कहा कि कुछ अधिकारियों और सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं की मिलीभगत के चलते नगर निगम को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। सत्ताधारी दल के नेताओं के संरक्षण में नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। निगम के स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार का नमूना सामने आया है कि अब तक केवल 1 रेस्टोरेंट को ही स्थायी लाइसेंस जारी किया गया है। निगम अधिकारियों को यह तक पता नहीं है कि उनके क्षेत्र में कितने बैंकट हॉल और रेस्टोरेंट  चल रहे हैं।