बीजेपी के गले की फांस बनी 50 मीटर तक के मकानों की संपत्ति कर माफी योजना!

-निगम के आला अधिकारियों ने खड़े किये हाथ, निगम की आर्थिक बदहाली को बताया वज

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
राजधानी में 50 वर्ग मीटर तक के रिहायशी मकानों की संपत्ति कर माफी योजना प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के गले की फांस बन गई है। नगर निगम के आला अधिकारियों ने इस योजना में सहयोग करने से अपने हाथ खड़े कर दिये हैं। बताया जा रहा है कि खुद निगम आयुक्त ने इस योजना के लिए स्थायी समिति या सदन में प्रियंबल लाने से साफ मना कर दिया है। ऐसे में दिल्ली बीजेपी की ओर से जोर-शोर से शुरू की गई इस योजना का लाभ लोगों को मिलता नजर नहीं आ रहा है।

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बता दें कि हाल ही में करीब दो माह पूर्व उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 50 वर्ग मीटर (करीब 70 वर्ग गज) तक के सभी रिहायशी मकानों को संपत्ति कर से मुक्त किया जाना था। लेकिन सदन में प्रस्ताव पास होने के करीब दो माह बीत जाने के बावजूद इस बारे में ना तो स्थायी समिति अथवा सदन में कोई आधिकारिक प्रियंबल लाया गया है और नाही संपत्ति कर विभाग की ओर से इसके संबंध में कोई सर्कलर या आदेश जारी किया गया है।

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बताया जा रहा है कि इस मामले में नगर निगम में विभिन्न पदों पर आसीन नेताओं ने निगम आयुक्त संजय गोयल के साथ बैठक की थी। इस बैठक में निगम आयुक्त ने 50 वर्ग मीटर तक के रिहायशी मकानों का संपत्ति कर माफ करने के लिए प्रियंबल लाने से मना कर दिया है। इसका कारण बताया जा रहा है कि नगर निगम पहले से ही आर्थिक तंगी में चल रहा है। कर्मचारियों के वेतन की समस्या फिर से खड़ी हो गई है। इसके अलावा कोर्ट ने नगर निगम को अपने स्रोतों से राजस्व जुटाने का आदेश दिया है। ऐसे में यदि संपत्ति कर माफ किया जाता है तो कोर्ट इस पर नाराजगी व्यक्त कर सकता है।

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बता दें कि 21 अक्टूबर को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे मुद्दा बनाते हुए निगम आयुक्त संजय गोयल से बयान दिलाने की मांग की थी। लेकिन आयुक्त ने संपत्ति कर की माफी वाले प्रस्ताव पर कुछ बोलने से मना कर दिया था। इसके बाद से सत्ताधारी दल बीजेपी के नेताओं ने संपत्तिकर की माफी की योजना में कुछ तकनीकी समस्या बताना शुरू कर दिया है।
निगम चुनाव पर नजर
दरअसल आने वाले दिनों में नगर निगम चुनाव को देखते हुए प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने 50 वर्ग मीटर तक के रिहायशी मकानों को संपत्ति कर से मुक्त करने का ऐलान किया था। बीजेपी की योजना तीनों नगर निगमों में इस योजना को लागू करने की है। सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम में प्राईवेट प्रस्ताव लाकर इसे पास भी कर दिया गया। लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम में ही प्रस्ताव पास होने के बावजूद पेंच फंस गया है। यदि बीजेपी अपने 50 वर्ग मीटर तक के मकानों के संपत्ति कर माफी के प्रस्ताव को समय रहते लागू नहीं कर पाती है तो आने वाले निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बना सकते हैं।