बीजेपी ने आशा वर्कर्स को लेकर किया सीएम आवास पर प्रदर्शन

-केजरीवाल सरकार पर आशा वर्कर्स की प्रोत्साहन राशि वितरित नहीं करने का आरोप

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को दिल्ली के आशा वर्कर्स की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन किया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि राजधानी दिल्ली के लिए इससे दुख की बात और क्या हो सकती है कि अपने अधिकारों की मांग को लेकर दिल्ली को स्वस्थ रखने वाली आशा वर्कर्स आज सड़कों पर हैं। अपने इंसेंटिव और प्रोत्साहन राशि की बढ़ोत्तरी के लिए मुख्यमंत्री आवास के बाहर आशा वर्कर्स के विरोध प्रदर्शन को प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने संबोधित किया।

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उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में साल 2018 में केन्द्र सरकार द्वारा आशा वर्कर्स को जारी की गई राशि को भी केजरीवाल सरकार ने वितरित नहीं किया, क्योंकि दिल्ली सरकार ने यह राशि उठाई ही नहीं ताकि आशा वर्कर्स को हटाकर केजरीवाल अपने लोगों की भर्ती कर सकें। यही कारण है कि साल 2018 से लेकर अभी तक दिल्ली के आशा वर्कर्स की प्रोत्साहन राशि में कोई इजाफा नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार ने 10,000 रुपये और 1000 हज़ार रुपये मानदेय के रूप में इन आशा वर्कर्स को दिया है लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक वो पैसा जारी नहीं किया।

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दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जो आशा वर्कर्स अपने घर परिवार छोड़ दूसरे के घर का, स्वच्छता अभियान सहित टीकाकरण इत्यादि जैसे कार्यों का देखभाल करती हैं अगर उनके प्रोत्साहन में बढ़ावा नहीं मिल रहा है तो दिल्ली सरकार को इस पर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों में जाकर बेरोजगारी भत्ते की बात करते हैं। लेकिन अपने राज्य के आशा वर्कर्स पर उनका कोई ध्यान नहीं है।

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उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक की सच्चाई का आईना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिखाते हुए कहा कि आज दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जा रहे मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति बदतर क्यों हो गई है क्योंकि इसके पीछे एक बड़ी साजिश के तहत भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टरो को हर 6 महीने एक मोटी रकम देनी पड़ती है। उन्होंने आशा वर्कर्स को भरोसा दिलाया कि आपके संघर्ष के अंजाम तक भाजपा आपके साथ रहेगी।
पूर्व मेयर सुनीता कांगड़ा ने कहा कि केजरीवाल सरकार बड़े-बड़े चुनावी वादे दूसरे राज्यों में कर रही है लेकिन दिल्ली के आशा वर्कर्स पर कोई ध्यान नहीं है। इसलिए उनसे गुजारिश है कि वह आशा वर्कर्स की न्यूनतम 19000 रुपये मानदेय की व्यवस्था करें और जब तक आशा वर्कर के भुगतान नहीं हो जाते तब तक कोई विधानसभा सत्र नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब महामारी अपनी चरम पर थी उस समय घर-घर जाकर पल्स रेट जांचना, तापमान जांच करना, दवाइयां पहुंचाना, रिपोर्ट लेना इत्यादि यह सारे काम आशा वर्कर करती थी ना कि डॉक्टर।