-कैप्टन बोलेः हमें नुकसान हो रहा है, प्रदर्शन करना है तो हरियाणा या दिल्ली जाएं किसान
एसएस ब्यूरो/ चंडीगढ़
किसान आंदोलन का समर्थन करती आ रही कांग्रेस की पंजाब की कैप्टन सरकार अब किसान आंदोलन के विरोध में आ गई है। किसानों की मांगों का अब तक समर्थन करते आ रहे पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का रुख बदला हुआ नजर आ रहा है। सोमवार को होशियारपुर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि यदि उन्हें आंदोलन ही करना है तो पंजाब के बजाय दिल्ली या हरियाणा में जाएं। सीएम ने कहा कि इसके चलते राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा है और यदि प्रदर्शन करना ही है तो वे पंजाब की बजाय दिल्ली और हरियाणा जाएं। दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत ने अमरिंदर सिंह को चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें यदि परेशानी है तो जत्थेबंदियों से बात करें।
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होशियारपुर के मुखिलाना में एक सरकारी कॉलेज का शिलान्यास करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में 113 स्थानों पर किसानों का आंदोलन चल रहा है और इन आंदोलनों के चलते राज्य की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ रहा है। ’यदि किसानों को धरना देना है तो उन्हें पंजाब की बजाय हरियाणा और दिल्ली चले जाना चाहिए।’ इसके साथ ही नए कृषि कानूनों को लेकर उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर हमला बोलते हुए कहा कि बादल परिवार अब इनके खिलाफ बात कर रहा है, लेकिन जब बिलों को तैयार किया जा रहा था तो उसमें शिरोमणि अकाली दल की भी सहमति थी।
कैप्टन ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्री थीं और खुद प्रकाश सिंह बादल नए कानूनों के समर्थन में थे। लेकिन उनका रवैया तब बदला, जब खुद किसान इसके विरोध में उतर आए। अब तक 127 बार संविधान में संशोधन किया जा चुका है। ऐसे में किसानों के हितों के लिए एक बार फिर से ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता? उन्होंने कहा कि हमने किसान आंदोलन के दौरान मौत का शिकार हुए हर किसान के परिवार को 5 लाख रुपये की राहत राशि और एक नौकरी देने का काम किया है।
कैप्टन को टिकैत की दो टूक
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत ने करारा जवाब दिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कैप्टन के बयान को कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का हिस्सा बताया है। राकेश टिकैत ने कहा कि विपक्ष को किसानों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए। किसी पर कोई भी अत्याचार हो तो उसके खिलाफ विपक्ष को आंदोलन का हिस्सा रहना चाहिए। बीजेपी विपक्ष में थी तो आंदोलनों के साथ रहती थी। अगर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को राज्य में किसान आंदोलन से कोई दिक्कत है, तो वह पंजाब के जत्थेबंदियों से बातचीत कर सकते हैं।