हाई प्रोफाइल ड्रामे के साथ खत्म हुआ 13 दिन का धरना

-केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने जूश पिलाकर खत्म करायी 3 दिन की भूख हड़ताल
-‘अभी हमारा धरना खत्म हुआ, लेकिन संघर्ष आगे भी जारी रहेगाः जय प्रकाश

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
13 हजार करोड़ रुपए की मांग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री के यहां चल रहा निगम के नेताओं का 13 दिन पुराना धरना शनिवार को बड़े ही नाटकीय ढंग से खत्म हो गया। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली के तीनों महापौरों को जूस पिलाकर पहले उनकी भूख हड़ताल तुड़वाई और बाद में सीएम आवास पर चल रहा धरना खत्म करने की घोषणा की। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद से दिल्ली बीजेपी के नेताओं पर धरना खत्म करने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था।

तीनों महापौर और कुछ निगम पार्षद सीएम आवास के बाहर पिछले 13 दिनों से धरने पर बैठे थे। मुख्यमंत्री या दिल्ली सरकार की ओर से कोई ध्यान नहहीं देने के बाद तीनों महापौरों ने गुरूवार से भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। इसके बाद शुक्रवार को ही कई नेताओं की तबियत खराब हो गई थी। शनिवार को उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश की तबियत बिगड़नी शुरू हो गई थी। इसके बाद डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य जांच करने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी थी।

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दोपहर होते ही अचानक धरना स्थल पर हलचल तेज हो गई और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और राष्ट्रीय मंत्री व सह-प्रभारी अलका गुर्जर वहां पहुंच गए। उन्होंने वहां पहुंचकर निगम नेताओं से मिलकर उनकी भूख हड़ताल समाप्त करवायी और कहा कि हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा, इस लड़ाई को हम जन-जन तक लेकर जाएंगे और निगम का बकाया फंड लेकर रहेंगे। उनके साथ नगर निगम सफाई मजदूर विकास परिषद अध्यक्ष रणधीर गागट, संजय वाल्मिकी, लाला राम आदि भी मौजूद रहे।

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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 13 वें दिन भी निगम के नेता इस कड़ाके की ठंड में भूख हड़ताल पर मुख्यमंत्री के आवास के बाहर अपनी सहुलियत या सुविधा के लिए नहीं बैठे हैं। बल्कि महामारी के दौरान भी दिल्ली को साफ, स्वच्छ, स्वस्थ रखने के लिए कार्य करने वाले सफाई कर्मी, डॉक्टर, नर्स, स्वास्थकर्मी, शिक्षक एवं अन्य निगम कर्मचारियों के वेतन के लिए बैठे हैं। यह सरासर अनुचित है कि दिल्ली सरकार निगम कर्मियों की मदद करने के लिए संवैधानिक रूप से आवंटित फंड भी नहीं दे रही है। यह दिल्ली सरकार की नैतिक जिम्मेदारी थी कि वह अपने निकायों को आर्थिक मजबूती प्रदान करें। ताकि वहां के कर्मचारियों का काम प्रभावित न हो लेकिन इतने दिनों में मुख्यमंत्री केजरीवाल निगम के नेताओं से 5 मिनट मिलने के लिए भी नहीं आए।

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वहीं प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि निगम नेता कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं बल्कि दिल्ली की जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। निगम कर्मियों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली को बेहतर नागरिक सुविधा दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली की जनता भी समझ चुकी है कि जब मुख्यमंत्री केजरीवाल के पास उनके दरवाजे पर बैठे जनप्रतिनिधियों की बात सुनने का या मिलने का समय नहीं है तो जनता को समय देना तो दूर की बात है। झूठे और भ्रामक प्रचार के महारथी केजरीवाल जनता के टैक्स का करोड़ों रूपया अपनी फोटो चमकाने के लिए बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन निगम के फंड पर कुंडली मारकर बैठे हैं। अगर इन पैसों से निगम कर्मियों का वेतन दिया गया होता तो उनके परिवारों का ठीक से भरण-पोषण हो जाता।
बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री और सह-प्रभारी डॉक्टर अल्का गुर्जर ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री केजरीवाल को जनता द्वारा चुने गए महापौरों की जायज मांगों को नहीं मानकर दिल्लीवासियों को मिल रही नागरिक सुविधायों से वंचित रखना चाहते हैं। राजनीतिक द्वेष में मुख्यमंत्री निगम कर्मचारियों और दिल्लीवासियों के हितों का हनन कर दिल्ली को अराजता की ओर ले जाना चाहते हैं। भाजपा जनता के हितों के लिए कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है और केजरीवाल सरकार के खिलाफ इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाएगी।
इस अवसर पर उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि हम कानून व्यवस्था का पूरा पालन कर रहे हैं। हमें दिल्ली पुलिस की ओर से भी शनिवार की सुबह एक नोटिस जारी किया गया था। हम कोर्ट के आदेश का भी पूरा पालन कर रहे हैं। हमारे शीर्ष नेतृत्व ने हमारे साथियों की बिगड़ती हालत को देखते हुए हमारा धरना फिलहाल खत्म करा दिया है। लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ हमारा संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष हमारा व्यक्तिगत नहीं है, हम नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन और दिल्ली वालों को मिलने वाली सुविधाओं की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दिल्ली वालों के प्रति संवेदनहीन चेहरा भी खुलकर सभी के सामने आ गया है।
इस मौके पर पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन, दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका मिथिलेश, दिल्ली भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा, प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, अशोक गोयल देवराहा, उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थाई समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी, उपाध्यक्ष विजेंद्र यादव, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उपमहापौर हरि प्रकाश बहादुर, स्थाई समिति अध्यक्ष सतपाल सिंह, नेता सदन प्रवेश शर्मा, दक्षिणी दिल्ली स्थाई समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोट, नेता सदन नरेंद्र चावला, पूर्व महापौर कमलजीत सहरावत, सुनीता कांगड़ा, माया सिंह बिष्ट, पूनम भाटी, सुमन डागर, सुषमा गोदरा, सविता, अंजू अमन कुमार, हिमांशी पांडे, कंचन महेश्वरी, अपर्णा गोयल और कुसुम तोमर भी मौजूद रहे।