-आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने की सीबीआई जांच की मांग
-कैप्टन अमरिंदर सिंह बोलेः अपने काम से काम रखें केजरीवाल
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
पंजाब में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा 115 तक पहुंच गया है। रविवार को ही 18 और लोगों की मौत की सूचना के साथ ही राज्य में 2 अगस्त को इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 104 हो गई थी। अधिकारियों के मुताबिक 18 मौत में से 17 मौत तरनतारन जिले में हुई हैं। 18वां व्यक्ति गुरदासपुर के बटाला का था। इसके पश्चात सोमवार को भी कुछ लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों का दाह संस्कार बिना पुलिस की जानकारी को दिये ही कर दिया गया है।
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अकेले तरनतारन में ही 80 लोगों की मौत हो चुकी है। कई स्थानों में पर मृतकों का सामूहिक दाह-संस्कार किया गया। जबकि गुरदासपुर के बटाला और अमृतसर में 12-12 लोगों की जान जहरीली शराब की वजह से जा चुकी है। पंजाब के इन तीन जिलों में बुधवार, 29 जुलाई की शाम से शुरू हुई त्रासदी में शनिवार रात तक 86 लोगों की मौत होने की सूचना थी।
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रविवार दिन में तरनतारन के उपायुक्त कुलवंत सिंह ने कहा था कि क्षेत्र से मिली जानकारी के आधार पर प्रशासन मृतकों की संख्या बता रहा है क्योंकि कुछ मृतकों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोगों ने तो इसकी शिकायत भी नहीं की है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है।
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इस बीच जहरीली शराब कांड को लेकर पंजाब में सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। विपक्ष ने इस त्रासदी को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है और राज्य में कांग्रेस नेताओं पर अवैध शराब के धंधे को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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दूसरी ओर दूसरे विपक्षी दल आम आदमी पार्टी ने पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा सहित कुछ स्थानों पर पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया जिसकी वजह से लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर गरीब परिवारों के लोग थे।
कैप्टन का केजरीवाल को जवाब
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को मांग की थी पंजाब में जहरीली शराब की वजह से हुई मौतों की घटना की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। इस पर पलटवार करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि केजरीवाल अपने काम से काम रखें और दिल्ली में हो रही खुलेआम अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाएं। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस इसकी जांच करने में सक्षम है।
अकाली दल की सीबीआई जांच की मांग
अकाली दल ने भी इस घटना में राज्य सरकार द्वारा मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश को खारिज करते हुए सीबीआई से या उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा, कि इस घटना की जांच सीबीआई से या उच्च न्यायालय के किन्हीं वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए। आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने तरनतारन जाकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने भी इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
100 जगह छापेमारी, 25 गिरफ्तार
पंजाब के तीन जिलों में जहरीली शराब पीकर हुई मौतों के मामले में अब तक पंजाब पुलिस ने 100 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही 25 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। तरनतारन के एक्साइज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मधुर भाटिया को सेवा से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा एक्साइज विभाग के ही 7 अधिकारियों और 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। जबकि तरनतारन के एसएसपी ने दो थाना प्रभारी और एक 1 डीएसपी को पहले ही सस्पेंड कर दिया है।
पीड़ित परिवारों को 2 लाख की सहायता
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर िंसंह ने सभी मृतकों के पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को नहीं रोक पाने के लिए पुलिस व आबकारी विभाग के लिए शर्मनाक बताया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जहरीली शराब की घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं। हालांकि विपक्षी दल इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं।