समस्याएं होंगी खत्म, मंगल से रहें सावधान, विपरीत राजयोग का मिलेगा लाभ, पराई स्त्री से रहें सावधान
-इस राशि के नाम अक्षर ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो हैं
आचार्य रामगोपाल शुक्ल/ नई दिल्लीः 23 दिसंबर।
अभी तक आपने मेष, बृषभ, मिथुन, कर्क एवं सिंह राशि के जातकों के लिए 2024 में सितारों की चाल के बारे में पढ़ा। इस अंक में हम आपको बता रह हैं कि 2024 कन्या राशि के जातकों के लिए कैसा रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कन्या राशि वाले बेहद महत्वाकांक्षी किस्म के होते हैं। यह लोग आमतौर पर मध्यम कद के, काले बालों और आंखों वाले, भावुक और दूसरों की छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने वाले होते हैं। यह लोग अपनी वास्तविक आयु से कम के दिखाई देते है। कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। ज्यादातर मामलों में ये दिमाग की जगह दिल से काम लेते हैं।
जानिये कि 2024 का साल कन्या राशि वालों के लिए कैसा रहेगा?
वर्ष 2024 की शुरूआत में ही कन्या राशि के जातकों के लिए देव गुरु बृहस्पति अष्टम भाव में मार्गी हो जायेंगे। गुरू इस राशि के चौथे और सप्तम भाव के स्वामी है, अतः आपको अब अच्छा स्वास्थ्य लाभ होने की उम्मीद है। परिवार में हुई कलह के कारण आपको मानसिक तनाव हुआ है लेकिन अब आपकी सभी पुरानी समस्या खत्म होने की उम्मीद है। यदि आपने किसी को धन उधार दिया था तो वो भी आपको वापस मिलने के योग हैं।
धर्म और न्याय के कारक शनिदेव पूरे साल कन्या राशि के जातकों के छठे भाव यानी कि शत्रु भाव में गोचर करेंगे। शनि का यह गोचर आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। नौकरी में आपको तरक्की मिल सकती है। पूरे साल आपके शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगे। यदि आप बैंक का लोन नहीं चुका पा रहे थे तो इस साल आपको इसमें सफलता प्राप्त हो सकती है। किसी पुरानी बीमारी से भी आपको निजात मिलेगी।
ग्रहों के राजा सूर्य देव कन्या राशि के जातकों के 12वें भाव के स्वामी हैं और 14 अप्रैल को उनका गोचर उनकी उच्च राशि मेष राशि में होगा। 12 साल के बाद देवगुरु बृहस्पति से उनकी युति अष्टम भाव में होगी। विपरीत राजयोग के कारण आपको सूर्य गुरु की युति बहुत अच्छे परिणाम देने वाली होगी। इस दौरान किसी समुद्री यात्रा से आपको फायदा हो सकता है। विदेश में काम कर रहे जातकों को अच्छी तरक्की मिल सकती है। सरकारी नौकरी कर रहे जातकों को प्रमोशन प्राप्त होगा और अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं।
देवगुरु बृहस्पति कन्या राशि के चौथे और सप्तम भाव के स्वामी हैं और 1 मई को उनका गोचर आपके भाग्य स्थान यानी कि वृष राशि में होगा। बृहस्पति की पंचम दृष्टि आपके लग्न पर होगी इसलिए कहा जा सकता है कि जून के महीने से लेकर साल के अंत तक आपका भाग्य पूरे तरीके से आपके साथ होगा। देवगुरु की कृपा से धार्मिक यात्राएं होंगी। मांगलिक कार्यों का आयोजन होगा और आपका आत्मविश्वास चरम पर होगा। आपको पुरस्कृत भी किया जा सकता है।
साल की शुरुआत में आपके 12 वें भाव के स्वामी सूर्य चौथे भाव में विराजमान हैं जो की विदेश से लाभ होने के संकेत दे रहे हैं और इसी दौरान शनि और देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके 12 वें भाव को प्रभावित कर रही है। इसकी वजह से शुरुआत के चार महीने पूजा पाठ, कर्मकांड और ज्योतिष सीख रहे जातकों के लिए बहुत अच्छे गुजरने वाले है। इस दौरान अगर आप कोई विदेश यात्रा करते हैं तो उससे भी आपको फायदा होगा। साल के शुरू के 4 महीने आपकी आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत अच्छे दिखाई पड़ रहे हैं।
ग्रहों के सेनापति मंगल 15 मार्च को अपने शत्रु शनिदेव की कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और 23 अप्रैल तक उन्हीं के साथ विराजमान रहेंगे। यानी कि 15 मार्च से 23 अप्रैल तक शनि और मंगल की युति आपके छठे भाव में होगी। मंगल चूंकि आपके अष्टम भाव के स्वामी हैं इसलिए आपको इस युति को लेकर थोड़ा सावधान रहना होगा। इस समय में आपके शत्रु आपके खिलाफ कुछ गुप्त योजना बना सकते हैं। आपको परेशान करने की साजिश रची जा सकती है। आपके कर्ज बढ़ सकते हैं। जब तक मंगल का गोचर कुंभ राशि में शनि के साथ है अतः आपके लिए किसी धन उधार देना और लेना परेशानी का सबब बन सकता है।
साल 2024 में मायावी ग्रह राहु मीन राशि में रहेंगे और कन्या राशि के सप्तम भाव को प्रभावित करेंगे। राहु की दृष्टि लग्न पर विराजमान केतु पर भी जा रही है। सप्तम भाव में राहु का गोचर आपको विपरीत परिणाम भी दे सकता है। हालांकि व्यापारी वर्ग के लिए राहु उन्नति के नए रास्ते खोलने वाला माना जाता है। लेकिन आपके वैवाहिक जीवन के लिए राहु परेशानी खड़ी कर सकता है। इस पूरे साल आपको अपने जीवनसाथी से किसी भी प्रकार की कोई बहस करने की आवश्यकता नहीं है, आपको उसके स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। यदि पार्टनरशिप में कोई काम करना चाहते हैं तो सोच समझ कर आगे बढ़े।
भौतिक सुख सुविधा और स्त्री के कारक कहे जाने वाले शुक्र 31 मार्च को अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे और 24 अप्रैल तक वही विराजमान रहेंगे। यानी कि आपके सप्तम भाव में 31 मार्च से 24 अप्रैल तक राहु और शुक्र की युति रहेगी जिसके कारण आपकी यौन इच्छा में वृद्धि हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि इस समय सुरक्षित और सावधानी पूर्वक यौन संबंध बनाएं। यदि आपको कोई गुप्त रोग है तो इस समय वह बढ़ सकता है। आपकी काम इच्छा चरम पर होगी। किसी पराई स्त्री के कारण आपके वैवाहिक जीवन में कष्ट आ सकता है।
धर्म और रहस्य के कारक केतु का गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए लग्न में ही होगा। केतु की दृष्टि आपके पंचम और नवम भाव को प्रभावित करेगी। केतु का गोचर कन्या राशि के जातकों के लिए धर्म की प्रवृत्ति को बढ़ाने वाला रहेगा। इस दौरान धर्म रहस्य और आध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ेगी। ऐसा हो सकता है कि किसी धार्मिक यात्रा पर आपकी मुलाकात किसी साधु संत से हो जाए और आपके जीवन में आध्यात्म का प्रवेश हो जाए। केतु का गोचर मौसमी बीमारी के लिहाज से ठीक नहीं रहता है इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा।
प्रेम संबंधों के लिहाज से यह साल आपके लिए थोड़ा विपरीत हो सकता है। आपके पंचम भाव के स्वामी शनि छठे भाव में गोचर कर रहे हैं और आपके सप्तम भाव में राहु विराजमान है। इसकी वजह से आप अपने घरवालों की इच्छा के विपरीत जाकर प्रेम विवाह कर सकते हैं, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में शनि और राहु दोनों को ही पाप ग्रह कहा गया है। विवाहित जातकों की बात करें तो आपके वैवाहिक जीवन में राहु और केतु के कारण कुछ अलगाव बन हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि दोनों ही एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें तो नया साल 2024 आपके लिए अच्छा रहेगा।
(यह आलेख भारतीय सनातन परंपरा एवं ज्योतिषीय सिद्धांतों पर आधारित है और जनरूचि को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके लिए कोई विशेष दावा नहीं है। अपने समाचार, लेख एवं विज्ञापन छपवाने हेतु संपर्क करेंः- ईमेलः newsa2z786@gmail.com मोबाइलः 9810103181)