‘नौतपा’ के बीच शुक्र का मिथुन में गोचर… जानें, प्राकृतिक आपदाओं के बीच किसके लिए होगा मंगलकारी?

-28 मई को रात्रि 11ः44 बजे मिथुन राशि में आएंगे शुक्रदेव
-शनि की बक्री चाल के बीच सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश

आचार्य रामगोपाल शुक्ल/ नई दिल्ली
शनि की बक्री चाल के बीच 28 मई 2021 को शुक्र वृषभ राशि में से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। खास बात है कि 25 मई 2021 से ‘नौतपा’ शुरू हो चुका है। इस दौरा सूर्य कृतिका नक्षत्र से निकलकर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं। सूर्य की यह स्थिति आगामी 8 जून तक रहेगी। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस दौरान प्राकृतिक आपदा के साथ आंधी-बारिश का योग बनता है। हालांकि शनि के बक्री होने की वजह से इस बार नौतपा का ताप आम लोगों को नहीं सताएगा। बता दें कि वैशाख महीने की शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 25 मई को सूर्य कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं। यह स्थिति हर वर्ष आती है और इन 9 दिनों में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। लेकिन ग्रह-नक्षत्रों के बदलते रहने की वजह से कभी कम और कभी ज्यादा प्रभाव होता है।

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सूर्य के नक्षत्र बदलते ही नौतपा शुरू हो गया है। यानी 9 दिनों तक भीषण गर्मी का प्रकोप रहता है। कारण है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं, लेकिन इस बार शनि वक्री होने से इसका प्रभाव कम हो गया है। 25 मई 2021 को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट पर सूर्यदेव ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया है। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है तब इसे ‘नौतपा’ कहा जाता है। सूर्य इस नक्षत्र में लगभग 15 दिनों तक रहता है लेकिन पहले 9 दिनों में गर्मी बहुत बढ़ जाती है। इन्हीं 9 दिनों के समय को नौतपा कहा जाता है। यह समय 25 मई से 2 जून तक का है। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में रहने के दौरान आधीं-बारिश का योग भी बनता है, इसे बंगाल की खाड़ी में आये ‘यास’ तूफान से जोड़कर भी देखा जा सकता है। ज्योतिषीय भाषा में इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है।

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दूसरी ओर इसी योग के दौरान 28 मई 2021 को रात्रि 11 बजकर 44 मिनट पर असुरों के गुरू शुक्र देव मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस राशि में शुक्र मंगलवार 22 जून 2021 को दोपहर 2 बजक 7 मिनट तक रहेंगे। ज्योतिष में शुक्र को धन-संपत्ति, संगीत, सौंदर्य, मनोरंजन, ऊर्जा, प्रेम, संबंध की भावना, जीवनसाथी, माता प्रेम, रचनात्मकता, विवाह, संबंध, कला, समर्पण, मीडिया, फैशन, पेंटिंग का कारक ग्रह माना जाता है। शुक्र के इस राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा। मेष, वृष, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए शुभ फलदायी होगा।
आइए आपको बताते हैं कि शुक्र के मिथुन राशि में गोचर से आपकी राशि पर क्या प्रभाव होगा…
मेषः कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। हर कोई आपकी तारीफ करेगा। धैर्य से काम लेंगे। इस समय धन-खर्च अधिक करेंगे। नौकरी और व्यापार के लिए समय अच्छा है। दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। खान- पान का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
उपायः कोई भी नया काम शुरू करने से पहले अपने पिता से सलाह लें।
वृषः आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। लेन- देने के लिए समय काफी अच्छा है। नया वाहन या मकान लेने के योग भी बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र में हर किसी पर भरोसा करने से बचें। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी।
उपायः रोजाना मंदिर में दीपक जलाएं और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
मिथुनः मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी और व्यापार में तरक्की के योग बन रहे हैं। शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए ये समय किसी वरदान से कम नहीं है। विवाह के योग बन रहे हैं। जीवनसाथी के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करें। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
उपायः श्री गणेश जी की पूजा करें।
कर्कः धन-हानि हो सकती है। इस समय सोच-समझकर धन खर्च करें। इस समय लेन- देने से बचने का प्रयास करें। वाद- विवाद हो सकता है। परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा।यह समय आपके लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है।
उपायः भगवान शिव की पूजा करें।
सिंहः सफलता प्राप्त करेंगे, लेकिन आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। धन- लाभ होने के योग बन रहे हैं। व्यापार के लिए ये समय किसी वरदान से कम नहीं है। इस समय लेन- देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
उपायः हर रोज माता दुर्गा के मंदिर में दीपक जलाएं।
कन्याः कार्यों में सफलता प्राप्ति के योग बन रहे हैं। नौकरी में तरक्की होगी। परिवार के सदस्यों के साथ समय व्यतीत करेंगे। दांपत्य जीवन में सुख का अनुभव करेंगे। आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
उपायः रोजाना शुक्र बीज मंत्र का जाप करें।
तुलाः तुला राशि का भाग्योदय होने जा रहा है। कार्यों में सफलता मिलेगी। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। नौकरी और व्यापार के लिए समय शुभ है। परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। विवाह के योग भी बन रहे हैं। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
उपायः शुक्रवार को ‘ओउ्म शुं शुक्राय नमः’ मंत्र का जाप करें।
वृश्चिकः जीवनसाथी के समय बिताएं, नहीं तो दांपत्य जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक पक्ष सामान्य रहेगा, लेकिन धन का अधिक खर्च न करें। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
उपायः रोजाना घर के बाहर किसी खुली चीज में थोड़ा शहद रखें।
धनुः धनु राशि के जातकों के लिए ये समय शुभ कहा जा सकता है। व्यापार में लाभ होने के योग बन रहे हैं। नौकरी में तरक्की हो सकती है। दांपत्य जीवन में सुख का अनुभव करेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है। धन- लाभ हो सकता है।
उपायः शुक्रवार की शाम को पीतल का दान करें।
मकरः मकर राशि के जातकों के लिए ये समय शुभ नहीं कहा जा सकता है। परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय धैर्य से काम लें। धन- हानि हो सकती है। इस समय लेन-देन न करें। दांपत्य जीवन में भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
उपायः भगवान विष्णु की पूजा करें।
कुंभः पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। नौकरी और व्यापार में तरक्की के योग भी बन रहे हैं। शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए समय काफी अच्छा है। लेन-देन के लिए समय अच्छा है। धन- लाभ हो सकता है। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
उपायः आलू उबालने के बाद ठंडा करें और गाय को खिलायें।
मीनः नया वाहन या मकान खरीद सकते हैं। नौकरी और व्यापार में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी, लेकिन मेहनत करने के बाद सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे। किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा न करें। प्रेम संबंधों में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वाद-विवाद से दूर रहें।
उपायः घर के मंदिर में कपूर का दीपक जलाएं और भगवान शिव की पूजा करें।
नोटः इस आलेख में वर्णित जानकारी को लेकर शतप्रतिशत सत्य होने का दावा नहीं है। यह सूचना केवल सामान्य गणना पर आधारित है। प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली के अनुसार फलादेश अलग हो सकता है। अतः किसी तरह का निर्णय लेने से पूर्व अपने विश्वसनीय ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेने का कष्ट करें।