UP PANCHAYAT ELECTIONS: इस बार 90 फीसदी ग्राम प्रधान नहीं लड़ पाएंगे दोबारा चुनाव

-राज्य चुनाव आयोग की गाइडलाइंस ने दिया ग्राम प्रधानों को दिया बड़ा झटका
-अगले साल अप्रैल-मई में चुनाव कराने की जताई जा रही संभावना

एसएस ब्यूरो/ लखनऊ
उत्तर प्रदेश में राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम प्रधानों, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों को तगड़ा झटका दिया है। यूपी में पंचायत चुनाव होने हैं और इसमें 90 फीदीस ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य दोबारा चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे। हालांकि अभी राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि अगले साल अप्रैल-मई तक प्रचायत चुनाव कराए जा सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने आने वाले पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने वोटर लिस्ट तैयार करने का आदेश दे दिया है। मंगलवार को इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया गया। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार की ओर से जारी इस कार्यक्रम के अनुसार आगामी पहली अक्टूबर से बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करेंगे।

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बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों के 90 फीसदी प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत के सदस्य चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसा उनके द्वारा चुनाव आयोग के नियमों का पालन न करने के कारण हो रहा है। चुनावी खर्च जमा न करने के कारण उन्हें डिबार घोषित किया जा सकता है। इसको देखते हुए चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने सचिवालयों में चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं।
बता दें कि इसी साल नवंबर-दिसंबर में त्रिस्तरीय चुनाव होने थे, लेकिन कोरोना काल के कारण इसको फिलहाल टाला जा रहा है। अब ये चुनाव अगले साल अप्रैल-मई माह में होने की संभावना है। इसको लेकर उसी तरह से तैयारियां भी की जा रहीं हैं। इस बार नई गाइड लाइन तैयार की जा रही है। इस गाइड लाइन के मुताबिक जिन प्रधानों, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों द्वारा चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है। वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसमें वह लोग भी शामिल हैं जो ये चुनाव लड़े तो थे, लेकिन हार गए थे।

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इन लोगों के चुनाव लड़ने से पहले नामांकन फार्म भरते समय इस बात का उल्लेख करना होगा कि पिछले चुनाव में उन्होंने जो खर्च किया था, उसका ब्यौरा संलग्न करना होगा। नहीं तो ऐसे नामांकन करने वाले सभी उम्मीदवारों को डिबार घोषित कर दिया जाएगा। एडीएम आगरा (वित्त एवं राजस्व) योगेंद्र कुमार के मुताबिक लगभग 90 फीसदी लोगों के चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है। इन पर चुनाव लड़ने का संकट आ सकता है।
वोटर बनने को ऑनलाइन करें आवेदन
अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि पहली अक्टूबर से 12 नवम्बर तक बीएलओ घर-घर जाकर वोटर लिस्ट में शामिल वोटरों की गणना और नए वोटरों का सर्वेक्षण करेंगे। पहली अक्टूबर से 5 नवम्बर के बीच ऑनलाइन आावेदन करके भी वोटर बना जा सकेगा।
29 दिसम्बर को प्रकाशित होगी वोटर लिस्ट
13 नवम्बर से 5 दिसम्बर के बीच वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट की कम्पयूटरीकृत पाण्डुलिपि तैयार की जाएगी। 6 दिसम्बर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया जाएगा। साथ ही 6 दिसम्बर से 12 दिसम्बर से इस वोटर लिस्ट में अपने नाम व अन्य विवरण की लोग जांच कर सकेंगे। इसी अवधि में वोटर लिस्ट के इस ड्राफ्ट की खामियों पर दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी। 13 दिसम्बर से 19 दिसम्बर के बीच इन दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 29 दिसम्बर को इस वोटर लिस्ट के फाइनल ड्राफ्ट का प्रकाशन कर दिया जाएगा।