बीजेपी के दो दर्जन पार्षद पार्टी नेतृत्व के राडार पर… भ्रष्टाचार मामले में हो सकती है कार्रवाई

-उत्तरी दिल्ली के एक दर्जन, दक्षिणी के 8 और पूर्वी दिल्ली के 4 पार्षदों के खिलाफ मिल रही शिकायतें
-ज्यादातर निगम पार्षदों के ऊपर निर्माणाधीन प्रॉपर्टीज से अवैध उगाही के आरोप
-आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोप में 3 पार्षदों के पार्टी से निष्कासन के बाद अब किसकी बारी?

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के करीब दो दर्जन पार्षद भ्रष्टाचार के चलते पार्टी नेताओं के राडार पर हैं। इनके बारे में मिल रहीं भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते पार्टी नेतृत्व भारी परेशानी में हैं। इनमें से कुछ पार्षदों को तो इशारों में नसीहत भी दे दी गई है। इसके बावजूद इनके बारे में काफी संख्या में अवैध उगाही की शिकायतें मिल रही हैं। पार्टी नेतृत्व की परेशानी इस बात को लेकर है कि यदि ज्यादा संख्या में पार्षदों को पार्टी से निकाला जाता है तो आम आदमी पार्टी और ज्यादा हमलावर हो सकती है। हालांकि एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन पार्षदों का टिकट कटना पक्का हो गया है।

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दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उत्तरी दिल्ली के करीब 12 ऐसे निगम पार्षद हैं, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप ज्यादा लग रहे हैं। वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 8 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 4 निगम पार्षदों के बारे में ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पार्षदों पर निर्माणाधीन इमारतों के मालिकों व बिल्डरों से अवैध वसूली के आरोप सामने आ रहे हैं। इसी तरह के आरोप हाल ही में पार्टी से निकाले गये तीन निगम पार्षदों के ऊपर भी लगाये जा रहे थे।

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बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 3 महिला निगम पार्षद तो ज्यादा ही बदनाम हो चुकी हैं। हालांकि भ्रष्टाचार की आरोपी निगम पार्षदाओं की संख्या यहां 5 बताई जा रही है। उत्तरी दिल्ली के कुल 12 निगम पार्षदों में से कुछ तो नगर निगम के किसी न किसी बड़े पद पर रह चुके हैं। इनके इलाकों में इन्हें जेसीबी-पार्षद या लेंटर पार्षदों के नाम भी दिये जा चुके हैं। यही हाल दक्षिणी दिल्ली के कुछ निगम पार्षदों का है, इनमें से एक तो नगर निगम में एक बड़ा होहदा संभाल रहे बताये जा रहे हैं।

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पूर्वी दिल्ली के 4 निगम पार्षदों में से दो नगर निगम के बड़े पद संभाल चुके बताये जा रहे हैं। इनके खिलाफ भी लोगों के निर्माणाधीन मकानों, दुकानों आदि के बदले अवैध उगाही की शिकायतें मिल रही हैं। आने वाले दिनों में नगर निगम चुनाव होने की वजह से दिल्ली बीजेपी नेतृत्व की चिंता ऐसे पार्षदों को लेकर और ज्यादा बढ़ गई है।
पार्टी के अंदर से ही मिल रही शिकायतें
दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि निगम पार्षदों के भ्रष्टाचार की शिकायतें पार्टी के अंदर से ही मिल रही हैं। इनके खिलाफ शिकायतें करने वाले बाहर के लोग नहीं बल्कि पार्टी के ही कार्यकर्ता हैं। कुछ मंडल व जिला पदाधिकारी भी अपने निगम पार्षदों के बारे में प्रदेश नेतृत्व को फीडबैक दे रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है, इन लोगों के खिलाफ शिकायतें मिलना भी तेजा होता जा रहा है।
तीन के निष्कासन का भी नहीं हुआ असर
बता दें कि दिल्ली बीजेपी ने आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोप में हाल ही में अपने तीन निगम पार्षदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। इनमें उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली के एक-एक निगम पार्षद शामिल हैं। इसके बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने निगम पार्षदों के कच्चे चिट्ठे खोलने शुरू कर दिये हैं। हालांकि तीन पार्षदों के निष्कासन को इन पार्षदों पर कोई असर नहीं पड़ा है।
काटे जायेंगे टिकट!
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों की छोटी-मोटी शिकायतें मिलना आम बात है। लेकिन कुछ निगम पार्षदों के बारे में मिल रही शिकायतें गंभीर हैं। हालांकि सबूत के साथ शिकायतें कम संख्या में मिली हैं। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में यदि पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो विपक्षी दलों को भ्रष्टाचार के मामले में पार्टी के खिलाफ उंगली उठाने का मौका मिल जायेगा। इसलिए यदि कार्रवाई की गई तो एक-दो के खिलाफ ही की जायेगी, बाकी निगम पार्षदों का चुनाव में टिकट काटने की सिफारिश की जायेगी।
टिकट काटना प्रदेश नेतृत्व के बस का नहीं!
बीजेपी के ही एक और वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि साथ के साथ कोई कार्रवाई की जाती है तो अलग बात है, लेकिन यदि टिकट काटने की बात है तो यह प्रदेश नेतृत्व के बस की बात नहीं है। कारण है कि टिकट बंटवारे के समय कई नेता शीर्ष नेतृत्व से जुड़े नेताओं की सिफारिश पर टिकट पा जाते हैं। हालांकि इस बार चुनाव के समय रोटेशन होना है, इस आधार पर बहुत से पार्षदों के टिकट अपने आप खतरे में पड़ जायेंगे।