सीताराम बाजार में तीन मंजिला इमारत ध्वस्त… फिर सामने आया नगर निगम का भ्रष्टाचार

-कोर्ट दे चुका तोड़ने का आदेश, 2015 में ही जमा करा दी गई डिमोलिशन फीस, फिर भी नहीं तोड़ी गई खतरनाक इमारत

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का एक और नमूना सामने आया है। सोमवार को ही सब्जी मंडी इलाके में एक चार मंजिला इमारत के गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। अब बुधवार की सुबह सीताराम बाजार में एक तीन मंजिला इमारत ध्वस्त हो गई। हालांकि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि यह इमारत 6 साल पहले ही ‘खरतनाक’ (डेंजरस) घोषित की जा चुकी थी। लेकिन निगम अधिकारियों ने इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। शायद उन्हें सब्जी मंडी जैसे किसी बड़े हादसे का इंतजार था।

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बुधवार की सुबह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिटी-सदर पहाड़गंज जोन के तहत आने वाले सीताराम बाजार की गली स्कूल वाली में स्थित संपत्ति संख्या 3185 पर बनी तीन मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। कोर्ट ने भी इस बिल्डिंग को तोडने के आदेश जारी किये थे। साल 2015 में संपत्ति मालिकों ने नगर निगम के खाते में इसे तोड़ने की फीस बतौर डिमोलिशन चार्ज के रूप में 28 हजार 200 रूपये जमा करा दिये थे। लकिन नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार का ही नमूना है कि निगम अधिकारियों ने नाम मात्र की तोड़फोड़ करके अब तक इस इमारत को ऐसे ही छोड़ रखा था।

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जिस समय बिल्डिंग गिरने का हादसा हुआ, उस समय वहां कोई भीड़-भाड़ नहीं थी, जिसकी वजह से इस हादसे में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि यह हादसा दिन के समय हुआ होता तो, ज्यादा नुकसान हो सकता था। बता दें कि पिछले साल सितंबर महीने में ही सीताराम बाजार में एक निर्माणाधीन तीन मंजिला इमारत इसी तरह धराशायी हो गई थी। उस समय एक मजदूर को चोटें आई थीं। तब भी नगर निगम ने हादसे की जांच के आदेश दिये थे, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।