-कानपुर के भौती इलाके में पलटी विकास की गाड़ी
-विकास ने की पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश
-जवाबी कार्रवाई में सीने और कमर में गोली लगने से मौत
शुक्रवार की सुबह कानपुर से 17 किमी पहले भौती इलाके में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे मारा गया। कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर शुक्रवार की सुबह एक बार फिर यूपी पुलिस के साथ हुआ। लेकिन इस बार पुलिस वाले उसके ऊपर भारी पड़े। यूपी की एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी। लेकिन शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह करीब 6ः30 बजे पुलिस काफिले की एक कार पलट गई। विकास दुबे उसी गाड़ी में बैठा था।
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हादसे के बाद उसने पुलिस टीम के सदस्य से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे सीने और कमर में दो गोली लगीं। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया। कानपुर रेंज के आईजी ने विकास के मारे जाने की पुष्टि की। गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि तेज बारिश की वजह से पुलिस टीम कही एक गाड़ी पलट गई थी। एनकाउंटर में एसटीफ के दो जवान भी घायल हुए हैं।
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जानें पूरा घटनाक्रम
कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे गिरफ्तारी के 21 घंटे के अंदर मारा गया। गुरुवार 9 जुलाई को सुबह 9 बजे विकास को उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। गुरूवार को ही शाम 7 बजे मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे यूपी एसटीएफ की टीम को विकास सौंपा था। उसे रात 8 बजे एसटीएफ की टीम कानपुर के लिए रवाना हुई थी। इसके पश्चात शुक्रवार 10 जुलाई देर रात करीब 3ः15 बजे एसटीएफ की टीम उसे लेकर झांसी पहुंची थी।
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झांसी से कुछ देर बाद यह टीम कानपुर के लिए रवाना हुई। सुबह करीब 6ः15 बजे एसटीएफ के काफिले ने कानपुर देहात के बॉर्डर रायपुर से शहर में एंट्री की। शुक्रवार को ही सुबह 6ः30 बजे एसटीएफ की एक गाड़ी पलट गई। तभी विकास दुबे ने पुलिस के शिकंजे से भागने की कोशिश की। पुलिस की ओर से फायरिंग शुरू हुई, जिसमें विकास जख्मी हो गया। पुलिस की टीम विकास दुबे को लेकर सुबह 7ः10 बजे हैलट अस्पताल पहुंची। इसके पश्चात सुबह 7.55 बजे गैंगस्टर विकास दुबे को मृत घोषित कर दिया गया।
उज्जैन में चिल्ला कर बताया मैं ‘‘विकास दुबे हूं कानपुर वाला’’
विकास दुबे को 9 जुलाई गुरुवार की सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर में करीब 9 बजे गिरफ्तार किया गया था। हिस्ट्रीशीटर ने गिरफ्तारी के समय चिल्ला-चिल्ला कर बोला था कि ‘‘मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला’’। इसके बाद पुलिस उसे पहले महाकाल थाना, पुलिस कंट्रोल रूम, नरवर थाना और फिर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लेकर गई। यहां उससे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। इसी दौरान गुरूवार को ही कानपुर पुलिस ने विकास की पत्नी ऋचा और उसके बेटे व नौकर को लखनऊ में हिरासत में लिया था।
8 दिन में गैंगस्टर सहित मारे गए 6 बदमाश
बता दें कि इससे पहले बुधवार की देर रात (गुरूवार की अल सुबह) विकास दुबे के एक और करीबी प्रभात मिश्रा मारा गया था। प्रभात को पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। रास्ते में प्रभात ने भी भागने की कोशिश की थी। उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया था।
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पुलिस ने बुधवार को ही विकास के दूसरे करीबी बदमाश और शार्पशूटर अमर दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया था। अमर हमीरपुर में छिपा हुआ था। अब तक विकास दुबे गैंग के 5 बदमाश एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। इन सभी बदमाशों पर यूपी पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा था। विकास के सिर पर भी यूपी पुलिस ने 5 लाख रूपये का इनाम घोषित किया हुआ था।
जानें कानपुर शूटआउट मामले में क्या-क्या हुआ?
2 जुलाईः विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी। विकास के गैंग ने अचानक हमला करके 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाईः पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। मामले में 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
5 जुलाईः पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पुलिस टीम पर हमला करने की पहले से प्लानिंग की हुई थी।
6 जुलाईः पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के समय पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन क्षमा ने पुलिस वालों की मदद करने के बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी चिल्ला चिल्ला कर पुलिस की लोकेशन बताकर बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाईः एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
9 जुलाईः प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए। दूसरी ओर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। इसी दिन विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, उसके बेटे और नौकर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
10 जुलाईः पुलिस ने कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के भौती इलाके में विकास दुबे मार गिराया।