कागजों में सील था, बिना लाइसेंस चल रहा ‘‘साड़ी वाली महिला को रोकने वाला’’ रेस्तरां…!

-आखिर कौन है जिम्मेदार… सत्ताधारी नेता या बेलगाम अफसर?
-बंद हुआ ‘साड़ी पहनी महिला को प्रवेश नहीं देने वाला रेस्टोरेंट

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली.
दक्षिण दिल्ली में जिस रेस्तरां ने बीते सप्ताह साड़ी पहनी महिला को प्रवेश नहीं करने दिया था, उसके बारे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। उसे अब भले ही बंद कर दिया गया हो, लेकिन ‘अकीला’ नाम का यह रेस्टोरेंट पिछले दो साल से नगर निगम के कागजों में सील चल रहा था। इसका खुलासा दक्षिणी निगम में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने बुधवार को हुई सदन की बैठक में किया। इस घटना ने निगम में सत्ताधारी बीजेपी नेताओं और निगम अधिकारियों की पोल खोलकर रख दी है। बीजेपी नेता भले ही फंड को लेकर ‘आप’ सरकार को कोसते रहते हों, लेकिन सत्ताधारी नेताओं का निगम के खुद के स्रोतों से आमदनी बढ़ाने में कोई रूचि नहीं है। उत्तरी दिल्ली के बाद दक्षिणी दिल्ली में भी बिल्डर माफिया-नेताओं और सरकारी अधिकारियों गठजोड़ हावी है। इसका ताजा उदाहरण चर्चा में आया यह ‘अकीला’ रेस्टोरेंट है।

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चर्चा में आने के बाद इस रेस्टोरेंट संचालकों को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से नोटिस जारी किया गया था और खास बात यह है कि वैध लाइसेंस नहीं होने के चलते नगर निगम ने उसे बंद करा दिया है। निगम के नेताओं का कहना है कि ‘अकीला रेस्तरां बिना वैध लाइसेंस के चल रहा था, उसे हमने बंद किये जाने का नोटिस जारी किया है, जिसके बाद अब वह बंद हो गया है। यह रेस्तरां निगम से मंजूरी लिए बिना चल रहा था। इसलिए हमने दिल्ली नगर निगम अधिनियम के तहत जुर्माना लगाने के प्रावधान समेत अन्य कार्रवाई की संभावना को भी तलाश रहे हैं।’

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नोटिस 24 सितंबर को जारी किया गया था जिसमें कहा गया कि क्षेत्र के लोक स्वास्थ्य निरीक्षक ने 21 सितंबर को जांच में पाया कि प्रतिष्ठान बिना स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस के अस्वच्छ स्थिति में चल रहा था। रेस्तरां ने सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा भी किया था। एसडीएमसी की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि ‘लोक स्वास्थ्य निरीक्षक ने 24 सितंबर को फिर से स्थल का निरीक्षण किया और पाया कि उसी स्थिति में व्यवसाय चल रहा था। आपको यह नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर व्यवसाय बंद करने का निर्देश दिया जाता है और ऐसा नहीं करने पर बिना कोई नोटिस जारी किये सीलिंग समेत उचित कार्रवाई की जा सकती है।
सत्ताधारी बीजेपी नेताओं पर उठे सवाल
पहले से सील में बिल्डिंग में रेस्तरां चलने की बात सामने आने के बाद नगर निगम में सत्ताधारी बीजेपी नेताओं की नीयत पर सवाल उठने लगे हैं। निगम में पिछले 15 वर्षों से बीजेपी की सत्ता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि यह रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के सील की गई बिल्डिंग में कैसे चल रहा था? इसके लिए कौन जिम्मेदार है। यदि इसके लिए कोई अधिकारी जिम्मेदार है तो उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या सत्ताधारी दल के नेताओं की मिलीभगत से यह रेस्टोरेंट सील हो चुकी बिल्डिंग में बिना किसी लाइसेंस के चल रहा था। शायद तभी किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।