DELHI: संगीनों के साये में हुआ सड़क का नामकरण

-नागलोई में सड़क के नामकरण का पत्थर लगवाने के लिए बुलानी पड़ी पुलिस

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
मंगलवार को संगीनों के साये में एक सड़क का नामकरण किया गया। कुछ लोगों के विरोध के चलते दिल्ली पुलिस को नामकरण का पत्थर लगवाने के लिए भारी पुलिस बल की व्यवस्था करनी पड़ी। खास बात है कि इस सड़क का नामकरण रविवार को होना था, लेकिन कुछ लोगों के सियासी विरोध के चलते इसे टालना पड़ा था।

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मामला उत्तरी दिल्ली के मुंडका विधानसभा क्षेत्र के नागलोई वार्ड 37 का है। मंगलवार को इस सड़क का नामकरण चौधरी प्रभुराम रछौया के नाम पर किया गया। स्थानीय निगम पार्षद ज्योति रछौया और पूर्व निगम पार्षद भूमि रछौया ने इस सड़क के नामकरण के पत्थर का अनावरण किया। बताया जा रहा है कि आने वाले नगर निगम चुनाव के चलते इसका सियासी विरोध किया जा रहा था इसके चलते स्थानीय जनता के बजाय इस मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। गौरतलब है कि चौधरी प्रभूराम रछौया दलित नेता चतर सिंह के पिता और पार्षद ज्योति रछौया व पूर्व पार्षद भूमि रछौया के ससुर थे।

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बता दें कि इस सड़क का नामकरण करने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम से मंजूरी पहले ही दे दी गई थी और रविवार को इसका नामकरण होना था। लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं ने इस पर अपना विरोध जता दिया। इसके बाद मुंडका से आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक और कुछ स्थानीय वरिष्ठ लोगों के नाम उद्घाटन के पत्थर से हटवा दिये गये। सोमवार 7 फरवरी को एक बार फिर से इस सड़क के नामकरण के पत्थर पर दिये जाने वाले नेताओं के नामों की मंजूरी उत्तरी दिल्ली नगर निगम से दे दी गई। इसके बावजूद जब मंगलवार को चतर सिंह रछौया, भूमि रछौया और ज्योति रछौया निगम अधिकारियों के साथ सड़क के नामकरण का पत्थर लगवाने पहुंचे तो एक बार फिर कुछ लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

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करीब तीन घंटों के इंतजार के बाद नागलोई थाने के एसएचओ ने उद्घाटन का पत्थर लगवाने के लिए पुलिस बल मंगा लिया। तब जाकर इस सड़क का नामकरण संगीनों के साये में हो सका। दलित नेता चतर सिंह रछौया ने कहा कि एक दलित के नाम पर सड़क के नामकरण का विरोध अपने आपमें दिखाता है कि कुछ लोग अब भी दलितों का अस्तित्व स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।