रिपोर्ट आई नहीं लेकिन संस्कार जारी… लोगों की जान पर भारी एक अधिकारी

-निगम ने जारी नहीं की लकड़ी से कोरोना वाले शवों के दाह संस्कार पर राख व धुंए की रिपोर्ट
-नोडल संस्था उत्तरी दिल्ली निगम के एमएचओ पर लग रहा लापरवाही बरतने का आरोप

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
यदि आप किसी अपने के दाह संस्कार में शामिल होने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं, हो सकता है कि आपके साथ आपके घर तक कोरोना वायरस भी पहुंच जाए। जी हां उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आल अधिकारियों की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। इन अधिकारियों ने कोरोना संक्रमित शवो की दुर्गति मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद लकड़ियों से दाह संस्कार का फरमान जारी कर दिया है। लेकिन अभी तक शवदाह के दौरान उड़ने वाली राख और धुंए से कोरोना वायरस की स्थिति की जांच कराई ही नहीं गई।

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यह पूरा मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के मैडिकल हेल्थ आफिसर (एमएचओ) की बड़ी लापरवाही से जुड़ा है। एमएचो ने अपनी जान छुड़ाने के लिए हजारों दिल्ली वालों की जान को जोखिम में डाल दिया। स्वयंसेवी संगठन श्री देवोत्थान सेवा समिति और सार्थक जन मंच ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताई है।

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देवोत्थान सेवा समिति के महामंत्री विजय शर्मा ने खुलासा किया कि कोरोना संक्रमित मनुष्य के शव को लकडी से दाह संस्कार करने पर जो धुआं और राख वहां फैलेगी, उससे आम नागरिकों को कोई खतरा है या नहीं? अभी तक नगर निगम ने इसकी जांच ही नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि निगम अधिकारी अशोक रावत की लापरवाही का ही परिणाम है, कि रिपोर्ट का इतने दिनों तक खुलासा नही किया गया है।

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इसके चलते सभी लोग डरे हुए हैं और श्मशान घाटों में शवो दुर्दशा हो रही है। दूसरी ओर सामान्य मृत्यु वाले शवों के साथ आने वाले लोगों में भी भय व्याप्त है। विजय शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट से मांग की है कि वह मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए नगर निगम के अधिकारियों को तुरंत राख और धुंए की जांच करवाकर इसकी रिपोर्ट को जारी करे। ताकि आम लोगों के मन में बैठे हुए डर को खत्म किया जा सके।

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सार्थक जन मंच के महामंत्री शक्ति सिंह ने कहा कि निगम अधिकारी इस मामले में पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं। दिल्ली में केवल चार श्मशान घाटों को लकड़ी से कोरोना वाले शवों का दाह करने का आदेश जारी किया है। इनमें से केवल तीन श्मशान घाट ही यह काम कर रहे हैं। जबकि विभिन्न अस्पतालों में कोरोना से मरने वालों के शव दाह संस्कार के लिए अब भी कतार में हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसे अधिकारियों को तुरंत उनके पदों से हटाया जाना चाहिए। फिलहाल उत्तरी दिल्ली नगर निगम इस मामले में नोडल एजेंसी है और इसके एमएचओ नोडल अधिकारी हैं।