-फिल्मी अंदाज में मुठभेड़ के दौरान जीटीबी अस्पताल से हुआ था फरार
-दिल्ली के रोहिणी इलाके में पुलिस के साथ हुआ बदमाशों का एनकाउंटर
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। सेल ने रोहिणी के सेक्टर 14 स्थित तुलसी अपार्टमेंट के पास एनकाउंटर में गोगी गैंग के कुख्यात अपराधी कुलदीप उर्फ फज्जा को मार गिराया है। पुलिस को खबर मिली थी कि कुलदीप यहां एक फ्लैट में दो दिनों से छुपा हुआ था। इसके अलावा पुलिस ने मौके से कुलदीप के दो साथियों जोगिंदर और भूपेंद्र को हिरासत में लिया है। इन दोनों ने कुलदीप को छुपाने में मदद की थी।
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गौरतलब है कि बीते गुरुवार को कुलदीप को दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन इलाज के लिए गुरू तेग बहादुर अस्पताल लेकर आई थी। इसी दौरान कुलदीप अपने साथियों की मदद से पुलिस कस्टडी से भाग निकला था। भागते समय कुलदीप ने पुलिस पर गोलियां चलाई, जिसके जवाब में पुलिस की तरफ से फायरिंग हुई। इस दौरान कुलदीप फरार हो गया था लेकिन उसका एक साथी मारा गया और एक पकड़ लिया गया था।
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इसके बाद से कुलदीप रोहिणी सेक्टर 14 के तुलसी अपार्टमेंट के एक फ्लैट में छुपा हुआ था। सूचना मिलने पर जब पुलिस इसे पकड़ने गई तब उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस द्वारा बचाव में चलाई गई गोली कुलदीप को लग गई। गंभीर हालत में पुलिस कुलदीप को अस्पताल लेकर पहुंची जहां उसकी मौत हो गई थी।
यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि कुलदीप पर हत्या जैसे 70 से अधिक केस दर्ज थे। वो दिल्ली और हरियाणा में वांटेड था। दिल्ली पुलिस ने उस पर 2 लाख रूपये का इनाम रखा था। 2020 में दिल्ली पुलिस ने उस पर 2 लाख का इनाम रखा था। 2020 में दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था। अस्पताल से उसकी फरारी के बाद दिल्ली पुलिस की सभी टीम को अलर्ट किया गया था।
एनकाउंटर से बचने के लिए बनाया था सरेंडर का वीडियो
पिछले साल मार्च में ही स्पेशल सेल ने गुड़गांव से फज्जा को गैंग लीडर जितेद्र मान उर्फ गोगी के साथ गिरफ्तार किया था। स्पेशल सेल ने उस समय भी गोगी गैंग के खात्मे का खाका खींच लिया था, लेकिन जब सेल की आधुनिक हथियारों से लैस स्वॉट टीम ने गैंग के टॉप 4 बदमाशों को घेर लिया था तो गोगी ने एनकाउंटर से बचने के लिए सरेंडर करने का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। इस वजह से सेल की टीम को गोगी और फज्जा समेत चारों बदमाशों की गिरफ्तारी करनी पड़ी थी।
कुलदीप पर 2 लाख रुपये का था इनाम
कुलदीप उर्फ फज्जा पर हत्या और अन्य मामलों में 70 से ज्यादा केस दर्ज थे। फज्जा दिल्ली और हरियाणा में वॉन्टेड था। दिल्ली पुलिस ने इस गैंगस्टर पर 2 लाख रुपये का इनाम भी रखा था। 2020 में दिल्ली पुलिस ने इस शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया था। अस्पताल से एनकाउंटर में उसकी फरारी के बाद दिल्ली पुलिस की सभी टीम को अलर्ट किया गया था। स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और लोकल पुलिस की दस टीमें पूरे मामले की छानबीन में लगी हुई थीं। पुलिस अफसरों ने बताया कि फरारी की वारदात में नाबालिग बदमाश भी शामिल थे।
फूलप्रूफ प्लानिंग से हुई यूपी में एंट्री!
जीटीबी अस्पताल के भीतर से कुलदीप उर्फ फज्जा को छुड़ाकर ले जाना गोगी गैंग की फूलप्रूफ प्लानिंग थी। एक स्कॉर्पियो और एक बाइक लेकर गैंग के सदस्य बिल्कुल उस जगह के आसपास मंडरा रहे थे, जहां फज्जा को लेकर पुलिस टीम अस्पताल की बिल्डिंग से बाहर निकली थी। जांच में जुटे अफसरों का दावा है कि बदमाशों की तादाद आठ से दस तक हो सकती है। बदमाश हथियारों से लैस थे, जिनका इस्तेमाल उन्होंने मिर्ची पाउडर फेंकने के बाद किया। बदमाश तीन पिस्टल, एक रिवॉल्वर और कई कारतूस मौके पर छोड़ गए।
एनकाउंटर और फज्जा को छुड़ाकर ले जाने वाला अधिकतर वाकया एएसआई ब्रह्मपाल के वीडियो कैमरे में कैद है। इसलिए अधिकतर बदमाशों की पहचान करना मुश्किल नहीं है। बदमाश वारदात को अंजाम देने के लिए स्कॉर्पियो से आए थे। लिहाजा फज्जा को भगाने की पूरी प्लानिंग काफी समय से तैयार की गई होगी, क्योंकि बदमाशों को पूरी अस्पताल परिसर के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। आशंका जताई जा रही है कि जेल के भीतर से मोबाइल के जरिए गैंग के गुर्गों को तैयार किया गया होगा।
फज्जा ने बुधवार रात को ही जेल से आउट पास इश्यू कराया था। पुलिस टीम आशंका जता रही है कि फज्जा को जब पुलिस टीम मंडोली जेल से अस्पताल के लिए लेकर निकली होगी तो बदमाशों का एक गैंग ने उनका पीछा किया होगा। मंडोली जेल भोपुरा बॉर्डर से लगती हुई है। इसलिए बदमाश फज्जा को लूटी हुई बाइक में जीटीबी अस्पताल से नंद नगरी के गगन सिनेमा से होते हुए भोपुरा बॉर्डर से यूपी में ले गया। ऐसे में पुलिस को शक है कि बदमाशों की एक टीम भोपुरा बॉर्डर के पार कोई गाड़ी लेकर फज्जा का इंतजार कर रही होगी, जिसके जरिए उसने आगे का रास्ता तसय किया था।
’मास्टरप्लान’ का खुलासा, गेंगस्टर ने ऐसे रची थी साजिश
गोगी गैंग का कुख्यात गैंगस्टर कुलदीप उर्फ फज्जा काफी समय से जेल से फरार होने की कोशिश कर रहा था। रोहिणी और आउटर दिल्ली में गैंग की पकड़ कमजोर हो रही थी। लिहाजा गोगी भी चाहता था कि वह या फज्जा में से कोई एक जेल से बाहर आकर गैंग को फिर से मजबूत करे। जीटीबी अस्पताल में गुरुवार को एनकाउंटर में जख्मी बदमाश अंकेश ने दावा किया है कि 23 मार्च को भी फज्जा को छुड़ाकर ले जाने आए थे, लेकिन तब इसे टाल दिया गया था।
लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के संदीप से ली मदद
अफसरों के मुताबिक, अंकेश का दावा है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमान संभाल रहे संदीप उर्फ काला जठेड़ी के करीबी बैंकॉक में रह रहे कालू राणा और गोगी गैंग की कमान संभाल रहे दीपक पहल उर्फ बॉक्सर को साजिश में शामिल किया गया था। बॉक्सर 2016 में गोगी को बहादुरगढ़ में दिल्ली पुलिस की कस्टडी से छुड़ाने वालों में शुमार था। अंकेश ने पूछताछ में बताया कि कालू राणा ने फज्जा के साथ उसे कुछ समय पहले कॉन्फ्रेंस कॉल में लिया था। एक हफ्ते से फज्जा जेल प्रशासन को पेट में तकलीफ बता रहा था। लिहाजा उसे 23 मार्च को जीटीबी अस्पताल लाया गया। बदमाश उस दिन पुलिसवालों की तादाद ज्यादा देखकर काम को अंजाम देने से पीछे हट गए थे।
रेकी के बाद पुलिस के वाहन के पास की थी पार्किंग
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अंकेश ने बताया है कि वह फज्जा को 2011 में तिहाड़ जेल में मिला था। उसने बताया कि फज्जा ने उन्हें जीटीबी अस्पताल में आने की जानकारी दी थी। लिहाजा दीपक बॉक्सर और वह खुद अलग-अलग जगह से बदमाशों को इकट्ठा करके लाए थे। इससे पहले पूरे रूट की रेकी की गई थी, ताकि भागने में आसानी हो। लिहाजा स्कोर्पियो को अस्पताल बिल्डिंग से बाहर आने और जेल से आए कैदियों के लिए आई गाड़ी पार्क करने वाली जगह के बीच में खड़ा किया गया था। लेकिन पुलिस के अचानक फायरिंग करने से बदमाश बिखर गए।
गुड़गांव में मर्डर के बाद लूटी थी स्कॉर्पियो
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अंकेश ने एनकाउंटर में मारे गए बदमाश रवि को पहचानने से इनकार कर दिया। तफ्तीश में पता चला कि रवि जींद जिले का रहने वाला है, जो 2020 में रोहतक में हुए एक मर्डर में वॉन्टेड चल रहा था। सोनीपत के जिस रवि जागसी के मरने की बात की जा रही थी, वो भी वारदात में शामिल था। लेकिन फरार हो गया। अंकेश ने पुलिस को बताया कि फज्जा को फरार कराने के लिए गुड़गांव के फरूख नगर में डबल मर्डर को अंजाम देकर वारदात में इस्तेमाल स्कॉर्पियो लूटी थी। इसे गुरुवार को बदमाश जीटीबी अस्पताल में छोड़ गए।
फरार कराने वालों की तलाश में जुटी पुलिस
स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और दिल्ली की लोकल पुलिस की दस टीमें पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई हैं। पुलिस अफसरों ने बताया कि अंकेश ने बताया है कि वारदात में नाबालिग बदमाश भी शामिल थे। कई बदमाशों को फज्जा को फरार करवाने वाली बात का पता ही नहीं था। इसलिए वह पुलिस की तरफ से फायरिंग होने पर पिस्टल मौके पर ही छोड़कर फरार हो गए। बदमाशों ने पुलिस टीम पर दोतरफा हमला किया था। सामने से पिस्टल दिखाई तो पीछे से दबोचकर आंखों में लाल मिर्च पाउडर डाली गई।
विदेश से जुड़े फरारी के कनेक्शन
गुरु तेग बहादुर अस्पताल में तीसरी बटालियन के पुलिस कर्मियों की आंखों में लाल मिर्च पाउडर झोंक कर पुलिस हिरासत से कुख्यात कुलदीप मान उर्फ फज्जा को भगा ले जाने के मामले को पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने बेहद गंभीरता से लिया था। इसी का नतीजा है कि दो दिनों के बाद एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया। फरार हुए कुलदीप और उसे भगा ले जाने में शामिल रहे बदमाशों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए आयुक्त ने पूरी दिल्ली पुलिस को लगा दिया था। स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की सभी यूनिटों को खासतौर पर इसमें लगाया गया था।
शुरूआती जांच में पता चला था कि मंडोली जेल में बंद कुलदीप ने खुद अपनी फरारी की साजिश रची थी। इस साजिश में दिल्ली और पड़ोसी राज्य हरियाणा और राजस्थान के तीन बड़े गिरोह के सरगना शामिल थे। तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के टॉप गैंगेस्टर माने जाने वाले ताजपुर गांव के जितेंद्र मान उर्फ गोगी, राजस्थान के अजमेर जेल में बंद लारेंस बिश्नोई और भारत से बाहर बैंकॉक या फिर अरब देश में रह रहे काला जठेड़ी को कुलदीप को भगाने की साजिश में शामिल होने की बात कही जा रही थी।
एक-दूसरे से मिलाया हाथ
पुलिस सूत्रों का कहना है कि तीनों गिरोहां ने अपनी ताकत बढ़ाने और वर्चस्व पैदा करने के लिए कई साल पहले एक-दूसरे से हाथ मिला लिया है। जिससे इन गिरोहों का दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में खासा आतंक कायम हो चुका है। तीनों के हाथ मिलाने से ये गिरोह पुलिस के लिए भी बड़ा सिरदर्द बन चुके हैं। कुलदीप उर्फ फज्जा जितेंद्र गोगी का दाहिना हाथ माना जाता था। दोनों हमेशा साथ-साथ ही रहते थे।
पिछले साल तीन मार्च को स्पेशल सेल की टीम ने गुरुग्राम से दोनों को एक साथ पकड़ा था। गोगी को तिहाड़ और कुलदीप को मंडोली जेल में रखा गया था। सूत्रों का कहना है कि दोनों जेल से अपने गिरोह को संचालित कर रहे हैं। कुलदीप ने गोगी, काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई से बात कर पुलिस हिरासत से भागने की इच्छा जाहिर की थी। इसके लिए कुलदीप ने खुद सोनीपत के दो नाबालिग को फोन कर दिल्ली बुलाया था और उन्हें पश्चिमी दिल्ली के एक होटल में दो दिन पहले ठहराया था।
यह जानकारी कुलदीप ने दीपक बॉक्सर और दीपक पेहल को दी थी। ये दोनों गोगी गिरोह के पुराने शूटर हैं। गोगी और कुलदीप के जेल में बंद होने पर यही दोनों गिरोह को चला रहे हैं। इन दोनों ने कुलदीप के निर्देश पर हरियाणा से तीनो गिरोहों के 15 बदमाशो को एकत्र किया था। ये सभी कार और बाइक से जीटीबी अस्पताल पहुंचे थे।
पहले से ही होटल में ठहराये गए थे दो नाबालिग
कुलदीप को छुड़ाने के दौरान तीसरी बटालियन की पुलिस की गोली से घायल हुए अंकेश ने पुलिस को होटल में ठहराए गए दो नाबालिगों के बारे में जानकारी दी है। कुलदीप ने उसे ही फोन कर दोनों को होटल से ले आने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पुलिस ने उस होटल की पहचान कर ली है। होटल मालिक के खिलाफ भी कड़ी करवाई की जाएगी। काला जठेड़ी हरियाणा के झझ्झर का रहने वाला है।
दो साल पहले इसे भी बदमाशों ने हरियाणा में जेल वैन को रोक कर पुलिस कर्मियों पर हमला बोलकर छुड़ा लिया था। कहा जा रहा है कि उसके बाद ही उसने भारत छोड़ दिया और देश से बाहर रहकर हरियाणा व दिल्ली समेत अन्य राज्यो में कालू राणा के जरिए रंगदारी वसूलने का धंधा चला रहा है। उस पर सात लाख रुपये का इनाम है। कालू राणा भी हरियाणा के यमुना नगर का रहने वाला है।
मोबाइल सीडीआर से निकाले जा रहे सुराग
कुलदीप को भगाने में कालू राणा ने भी अपने गुर्गे भेजे थे। गिरफ्तार अंकेश पर सात आपराधिक मामले दर्ज है। मुठभेड़ के बाद पुलिस को मौके से तीन मोबाइल फोन मिले हैं। जिसकी सीडीआर जांच से पुलिस को काफी सुराग मिला है। इन्ही मोबाइल की जांच और अंकेश से पूछताछ में पता चला कि कुलदीप खुद उसे छुडाने आए अधिकतर बदमाशों के लगातार संपर्क में था।
एक महीना पहले कालू राणा के निर्देश पर अंकेश व मुठभेड़ में मारा गया रवि और प्रियव्रत ने नरेला में एक सिविल डिफेंस के युवक की गोली मार कर हत्या कर दी थी। प्रियव्रत को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया। छावला में एक बडे प्रॉपर्टी डीलर और मुंडका में एक गैस एजेंसी मालिक को धमकी देकर रंगदारी मांगने में अंकेश भी शामिल था।