बीजेपी नेतृत्व को अखबारों से मालूम चला ‘‘12 अक्टूबर से शुरू हो चुका निगम का विशेष सफाई अभियान’’

-निगम अधिकारियों पर कमजोर होती जा रही दिल्ली बीजेपी नेतृत्व की पकड़
-निगम आयुक्त ने कर दी घोषणा, ताकते रह गये निगम के शीर्ष नेता

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
तीनों नगर निगम की सत्ता में काबिज प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की निगम अधिकारियों के ऊपर पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है। यही कारण है कि स्थायी समिति से लेकर सदन की बैठकों तक में सत्ताधारी दल के नेताओं की अधिकारियों के प्रति नाराजगी और खीझ लगातार देखने को मिल रही है। अब तो आयुक्त स्तर पर भी नेताओं के प्रति इसी तरह का व्यवहार देखने को मिल रहा है। निगम के विभिन्न पदों पर बैठे नेता अपने आपको मजबूर और ठगा सा महसूस कर रहे हैं। ताजा मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्वच्छता अभियान से जुड़ा है।

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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 12 अक्टूबर से एक महीने के लिए विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया है। लेकिन 13 अक्टूबर को अखबारों बीजेपी नेताओं और नगर निगम के विभिन्न पदों पर बैठे पदाधिकारियों को पता चला कि उत्तरी निगम ने कोई इस तरह का ड्राइव शुरू किया है। 11 नवंबर 2021 तक चलने वाले इस स्वच्छता अभियान के बारे में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेताओं को इससे पहले कोई सूचना ही नहीं थी।

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कारण है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल ने 11 अक्टूबर को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके विभिन्न मीडिया हाउस को यह सूचना भेजी थी। लेकिन इसके बारे में नगर निगम के मेयर, स्थायी समिति अध्यक्ष और स्वच्छता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष तक को यह यह जानकारी नहीं दी गई। जिसकी वजह से निगम के नेताओं में खासी नाराजगी है। नगर निगम के एक वरिष्ठ नेता ने तो बुधवार को स्थायी समिति की बैठक के समय निगम आयुक्त को यह कहकर टोक दिया कि वह ‘आजकल नेताओं वाला काम कर रहे हैं।’ गौरतलब है कि इस दौरान राम नवमी, दशहरा, ईद और दीपावली व छठ के त्योहार पड़ रहे हैं।
स्थायी समिति बैठक में विभिन्न अधिकारियों के प्रति आक्रोश
बुधवार को हुई उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में भी विभिन्न अधिकारियों के प्रति पार्षदों में नाराजगी देखने को मिली। बीजेपी पार्षद बिजेंद्र यादव ने जब नरेला जोन में कुछ ढाबों/रैस्टोरेंट को पहले सील और कुछ ही समय में खोलने का मुद्दा उठाया। बीजेपी पार्षद मनीष चौधरी ने इंजीनियर इन चीफ केपी सिंह और आप पार्षद अजय शर्मा ने अपने वार्ड में अवैध रेहड़ी-पटरी के मामले में सिटी जोन के निगम उपायुक्त के खिलाफ व आप के ही पार्षद विक्की गुप्ता ने दुकानों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सीलिंग का मुद्दा उठाया तो ज्यादातर अधिकारी बगलें झांकते नजर आये।
दक्षिणी दिल्ली के निगम आयुक्त ने भी की थी कुछ पत्रकारों से मुलाकात
बता दें कि इससे पूर्व पिछले महीने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने भी कुछ पत्रकारों को विशेष तौर पर बुलाकर मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने भी नगर निगम की कई पाइप लाइन वाली परियोजनाओं के बारे में पत्रकारों को बताया था। बाद में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के विभिन्न पदों को संभाल रहे बीजेपी नेताओं को भी यह बात नागवार गुजरी थी। दरअसल अगले कुछ महीनों में ही नगर निगम के चुनाव होने हैं, लेकिन पार्षदो के बदले की पब्लिसिटी निगम आयुक्त बटोर रहे हैं। इसके चलते बीजेपी पार्षदों को यह बात बुरी लग रही है।
बेजीपी नेतृत्व नहीं बना पा रहा तालमेल
खुद बीजेपी के ही कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि दिल्ली बीजेपी का नेतृत्व निगम अधिकारियों के साथ सही तरीके से तालमेल नहीं बना पा रहा है। इसमें भी बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि खुद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता निगम पार्षद हैं और इसी निगम के करोलबाग जोन से निगम पार्षद हैं। इससे भ्ज्ञी बड़ी बात तो यह है कि वह उत्तरी दिल्ली के महापौर भी रह चुके हैं। इसके बावजूद बीजेपी के नेताओं को निगम अधिकारियों का सहयोग नहीं मिल रहा है।