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सिग्नेचर ब्रिज पर रोके जायेंगे आत्महत्या करने वाले

-डीटीटीडीसी ने बनायी कार्ययोजना

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
सिग्नेचर ब्रिज पर बढ़ती जा रही आत्महत्याओं को रोकने के लिए दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) सक्रिय हो गया है। विभाग अब यहां आकर आत्महत्या करने वालों को रोकेगा। इसके लिए ब्रिज की दोनों लेन के किनारों पर ऊंचे जाल लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है। इस कार्य का डिजाइन तैयार करने के लिए डीटीटीडीसी सलाहकार एजेंसी को तलाश रहा है।

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सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण डीटीटीडीसी ने किया है, यही एजेंसी इसका रखरखाव कर रही है। तमाम आरोप और विवादों के बीच 1500 करोड़ की लागत से यह ब्रिज करीब 15 साल में बन कर तैयार हुआ है। ब्रिज पर नवंबर 2018 से यातायात शुरू है। लेकिन पिछले कुछ माह में सिग्नेचर ब्रिज से अलग अलग तारीखों में तीन लोग यमुना में कूद कर आत्महत्या कर चुके हैं। इसके बाद से सिग्नेचर ब्रिज के दोनों ओर जाल लगाने की मांग उठ रही है।
दिल्ली पुलिस ने दिया है सुझाव
दिल्ली पुलिस ने कुछ समय पहले इन आत्महत्याओं को लेकर डीटीटीडीसी को पत्र लिखा था। इसके बाद से डीटीटीडीसी इसे लेकर गंभीर है। पुलिस ने सुझाव दिया है कि ब्रिज के दोनों ओर जाल लगाए जाएं जिससे लोग यमुना में न कूद सकें। दरअसल, जिस स्थान पर ब्रिज बना है, इससे कुछ पहले ही एक बड़ा नाला यमुना में गिरता है। इस स्थान पर यमुना में बहाव तेज है और ब्रिज के बीच भाग में जाने पर यमुना में गहराई बढ़ जाती है। ऐसे में नदी में कूद जाने के बाद किसी को बचा पाना मुश्किल हो जाता है।
सलाहकार एजेंसी की तलाश
दिल्ली पुलिस के पत्र के बाद डीटीटीडीसी इस कार्य का डिजाइन तैयार करने के लिए एजेंसी ढूंढ रहा है। डीटीटीडीसी का कहना है कि इसका कारण यह है कि इस ब्रिज पर सीधे तौर पर जाल नहीं लगाया जा सकता है। सिग्नेचर ब्रिज अन्य ब्रिजों से अलग है। 154 मीटर ऊंचे मुख्य पिलर के कारण यह दिल्ली की पहचान भी बन चुका है। तमाम पर्यटक भी अब वहां इसे देखने पहुंचने लगे हैं। ऐसे में डीटीटीडीसी यहां जाल आदि लगाने के लिए विशेषज्ञों की राय के साथ काम करेगा। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इस बारे में फैसला होने की उम्मीद है।