कांग्रेस-एनसीपी में तनातनी… पवार ने दिखाया राहुल को आइना

-चीन के 45 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन हड़पने के लिए कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार
-राहुल के बयान पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवान बोले- नहीं भूल सकते 1962 की घटना

टीम एटूजैड/ मुंबई।
महाराष्ट्र में भले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सरकार में कांग्रेस के साथ हो, लेकिन दोनों दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना के बीच दूरियों की खबरें आने के बाद एक बार फिर राकांपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। दरअसल एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कांग्रेस को आईना दिखाने का काम किया है। पार्टी अध्यक्ष शरद पवान ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1962 के युद्ध में चीन ने भारत की 45 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली थी।

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शरद पवार ने शनिवार को महाराष्ट्र के सतारा में मीडिया के साथ बातचीत में यह बात कही। उन्होंने यह बात कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर कही जिसमें राहुल गांधी ने भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ पर प्रधानमंत्री के ‘सरेंडर’ कर देने की बात कही थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इसके जवाब में कहा कि यह पूरा मामला बहुत संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

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गौरतलब है कि पवार ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय वर्चुअल बैठक में भी कांग्रेस के रुख का विरोध करते हुए ऐसा ही बयान दिया था। नरसिम्हाराव सरकार में खुद रक्षामंत्री रह चुके शरद पवार ने कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में हुई घटना के लिए सीधे-सीधे रक्षामंत्री को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि वहां पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय सैनिक सजग थे। पवार ने कहा कि गलवन घाटी में चीन ने ही उकसाने वाला काम किया है।

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पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि गलवन घाटी में भारत अपनी सीमा में सड़क का निर्माण कर रहा है। चीनी सैनिक उसी सड़क पर कब्जा करना चाहते थे। भारतीय सेना ने उन्हें बलपूर्वक खदेड़ा गया। इसे किसी की असफलता नहीं कहा जा सकता। यदि हमारे सैनिकों की पेट्रोलिंग के दौरान कोई हमारे क्षेत्र में किसी समय घुस आए, तो सीधे यह नहीं कहा जा सकता कि यह दिल्ली में बैठे रक्षामंत्री की गलती है। पेट्रोलिंग हो रही है। चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुसे तो दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष हुआ। इसका मतलब कि आप सजग थे। हमें पता भी नहीं चला कि चीनी कब आए, और कब खदेड़ दिए गए। इसलिए इस समय आरोप लगाना हमें सही नहीं लगता।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति नहीं हो
शरद पवार ने राहुल गांधी को आईना दिखाते हुए कहा कि 1962 के युद्ध में चीन द्वारा कब्जाई गई 45 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन आज भी चीन के कब्जे में है। फिलहाल किसी को नहीं पता कि अभी चीन ने कोई जमीन कब्जाई है या नहीं। कोई भी आरोप लगाते समय यह भी देखना चाहिए कि जब हम खुद सत्ता में थे तो क्या हुआ था। यदि इतना बड़ा भूखंड उस समय कब्जा किया गया, तो इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
डीजल-पेट्रोल पर घेरी मोदी सरकार
शरद पवार ने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को भी घेरा। रोजाना बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दामों पर उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं देखा कि इस प्रकार रोज दाम बढ़ रहे हों। ईंधन के दाम इस प्रकार बढ़ना अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालेगा। लोग अभी इस पर कुछ बोल नहीं रहे हैं। जिसके कारण अलग हैं। लेकिन मोदी सरकार इस परिस्थिति का गलत फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।