महाराष्ट्र में जूता पॉलिटिक्सः महाविकास अघाड़ी में दरार… सरकार पर संकट

-शिवसेना में उठ रही बीजेपी के साथ आने की मांग
-शिवसेना विधायक उठा रहे बीजेपी से हाथ मिलाने की मांग

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की गाड़ी लगातार लड़खड़ा रही है। कभी कांग्रेस की ओर से तो कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से बिखराव के संकेत आते रहे हैं। लेकिन ताजा मामला शिवसेना से जुड़ा है। अब शिवसेना के अंदर राज्य में कांग्रेस व एनसीपी के साथ गठबंधन खत्म कर बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की मांग उठ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने कहा है कि ‘कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकले लड़ेगी। अगर आलाकमान फैसला लेता है तो मैं मुख्यमंत्री का चेहरा बनने को तैयार हूं।’
ताजा हालातों पर गौर करें तो कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना और कांग्रेस के बीच दरार की खाई और गहरी होती जा रही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले और अन्य स्थानीय नेताओं ने अकेले चुनावी मैदान में उतरने की बात कही है। इस बयान को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ‘‘जो लोगों की समस्याओं का समाधान किए बिना अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा, उन्हें लोग जूते से पीटेंगे।’’
हालांकि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस या उसके किसी नेता का नाम नहीं लिया। लेकिन उन्होने कहा कि अगर हम लोगों की समस्याओं के समाधान की पेशकश नहीं करते हैं और केवल राजनीति में अकेले लड़ने की बात करते हैं, तो लोग हमें जूते से पीटेंगे। वे हमारी अकेले चुनाव लड़ने की पार्टी केंद्रित महत्वाकांक्षी बात नहीं सुनेंगे। बता दें कि इससे पहले मुंबई कांग्रेस प्रमुख भाई जगताप ने कहा था कि वह शिवसेना से हाथ मिलाए बिना अगले साल के मुंबई निकाय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अपनी आकांक्षाएं अभी अलग रखनी चाहिए और अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर फोकस करना चाहिए। अपनी पार्टी के 55 वें स्थापना दिवस के मौके पर ठाकरे ने कहा कि देश के समक्ष अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के दो प्रमुख मुद्दे हैं। अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल यह तय करें कि वे सत्ता के लिए राजनीतिक सफलता चाहते हैं या आर्थिक मोर्चे पर समाधान खोजने के लिए। देश निश्चित रूप से सामाजिक अशांति की ओर बढ़ रहा है।
शिवसेना विधायक ने पत्र लिखकर की गठबंधन तोड़ने की मांग
इस बीच शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने पार्टी प्रमुख और सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी से मिल जाएंगे तो शिवसेना फायदे में रहेगी। उन्होंने गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी एनसीपी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि एनसीपी और कांग्रेस अपना खुद का सीएम चाहते हैं। कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ना चाहती है और एनसीपी शिवसेना से नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है। ऐसा लगता है कि एनसीपी को केंद्र से परोक्ष समर्थन प्राप्त है, क्योंकि एनसीपी नेताओं के पीछे कोई सेंट्रल एजेंसी नहीं लगी है।
छलका दर्द
उद्धव को लिखे पत्र में प्रताप सरनाईक ने कहा है कि ’बिना किसी गलती के सेंट्रल एजेंसियां हमें निशाना बना रही हैं, अगर आप पीएम मोदी के करीब आते हैं तो रवींद्र वायकर, अनिल परब, प्रताप सरनाईक जैसे नेताओं और उनके परिवारों की पीड़ा खत्म हो जाएगी।’ बता दें कि प्रताप सरनाईक के ऊपर ईडी का शिकंजा कसा हुआ है।
प्रताप सरनाईक पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस
ठाणे के शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक और उनके बेटे का नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आने के बाद ईडी ने उनके घर और फॉर्म हाउस पर छापेमारी की थी। उसके बाद से सरनाईक के भूमिगत होने का आरोप भाजपा लगातार लगा रही है। सरनाइक का कहना हे कि राज्य और केंद्र के संघर्ष के बीच वे पिस रहे हैं।