मेघालय में कांग्रेस को झटकाः 17 में से 12 विधायक तृणमूल में शामिल

-पूर्व सीएम मुकुल संगमा भी गये, बिना चुनाव विपक्षी दल बना टीएमसी

एसएस ब्यूरो/शिलांग
पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा झटका दिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा समेत पार्टी के 12 विधायकों ने गुरुवार को टीएमसी का दामन थाम लिया। राज्य में कांग्रेस के 17 विधायक चुने गए थे। मेघालय में बिना चुनाव लड़े ही टीएमसी अब मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। चूंकि पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने पाला बदला है। ऐसे में उन पर दलबदल कानून भी लागू नहीं होगा।

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बताया जा रहा है कि विन्सेंट एच. पाला को मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से संगमा नाराज चल रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, मुकुल संगमा ने तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी से सितंबर में मुलाकात की थी। इसके बाद से ही पूर्वोत्तर के इस राज्य में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
कीर्ति आजाद और अशोक तंवर भी टीएमसी में शामिल
बता दें कि ममता बनर्जी 22 से 25 नवंबर तक दिल्ली दौरे पर हैं। मंगलवार को ही कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं को ममता ने पार्टी जॉइन कराई है। सबसे पहले जेडीयू के सांसद रह चुके पवन वर्मा ने पार्टी की सदस्यता ले ली। इसके बाद कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद पत्नी पूनम आजाद के साथ ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचे।

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यहां पहले से मौजूद ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके चंद घंटे बाद ही हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद रह चुके अशोक तंवर भी ममता से मिले और टीएमसी में शामिल हो गए। तंवर कभी राहुल के करीबियों में गिने जाते थे। ममता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर के सहारे बिहार और हरियाणा में पार्टी संगठन को मजबूत करने का प्लान बना रही हैं।
जावेद अख्तर और सुधींद्र कुलकर्णी से ममता की मुलाकात
मशहूर लेखक जावेद अख्तर और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के करीबी रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने भी मंगलवार को दिल्ली में ममता बनर्जी से मुलाकात की। ये मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इनके बीच क्या चर्चा हुई। कुलकर्णी कभी अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार हुआ करते थे।
सुधींद्र कुलकर्णी वाजपेयी की तबीयत खराब होने के बाद लालकृष्ण आडवाणी के सलाहकार बन गए थे। कुलकर्णी ने ही 2009 लोकसभा चुनाव से पहले आडवाणी फॉर पीएम कैंपने शुरू किया था। राजनीतिक क्षेत्र में सुधींद्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी के रूप में जाना जाता था।