-बीएस-6 के समय में खरीदे गये बीएस-4 मानकों वाले टाटा-407 ट्रक
-पूराने मानकों के ट्रक खरीदकर निगम को लगाया करोड़ों रूपये का चूना
-ट्रांसपोर्ट विभाग में रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से नहीं आ रहे काम
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों का एक और कारनामा सामने आया है। अधिकारियों ने पुराने मानकों वाले 32 ट्रक खरीदकर निगम को करोड़ों रूपये का चूना लगा दिया है। नये मानक लागू होने के चलते ट्रांसपोर्ट विभाग ने इनका रजिस्ट्रेशन करने से इनकार कर दिया। यह ट्रक निगम के किसी काम नहीं आ पा रहे हैं और अब यह ट्रक निगम के गोदामों में खड़े जंग खा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एक ट्रक की कीमत 10 लाख रूपये से ज्यादा है।
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एक और दिल्ली के तीनों नगर निगम आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। दूसरी ओर निगम अधिकारियों के ऐसे कारनामे सामने आ रहे हैं, जिनकी वजह से लगातार नगर निगमों की फजीहत हो रही है। दक्षिणी नगर निगम की सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए 62 ऐसे वाहनों की खरीदारी की जानी थी। इनमें से 32 टाटा-407 ट्रकों की खरीदारी का निर्णय 2017 में लिया गया था। संबंधित कंपनी की ओर से इन ट्रकों की डिलीवरी 2018 में नगर निगम को की गई थी।
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अधिकारियों के मुताबिक इन ट्रकों की खरीदारी ऐसे समय में की गई थी, जब दिल्ली में भारत स्टेज-6 (बीएस-6) के मानकों वाले ट्रकों का ही रजिस्ट्रेशन हो सकता था। जबकि जिन ट्रकों की खरीदारी की गई वह सभी ट्रक बीएस-4 मानकों वाले हैं। जब निगम अधिकारियों ने इन ट्रकों के रजिस्ट्रेशन के लिए ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से संपर्क किया तो उसने इन ट्रकों का रजिस्ट्रेशन करने से इनकार कर दिया। ऐसी स्थिति में नगर निगम का करोड़ों रूपया इन 32 ट्रकों में फंस गया है।
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नगर निगम से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इन ट्रकों की खरीदारी में शामिल अधिकारियों को खरीदारी के समय ही मालूम था कि यह ट्रक पुराने मानकों वाले हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते किसी भी अधिकारी ने इनकी खरीदारी पर समय रहते आपत्ति नहीं की। खास बात यह है कि आम तौर पर किसी भी वाहन की खरीदारी के समय उसके रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी भी विक्रेता डीलर या कंपनी की होती है। लेकिन अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर नहीं दिया कि इन ट्रकों का रजिस्ट्रेशन सप्लायर कंपनी ही करवाकर दे।
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