SOUTH DMC में करोड़ों का घोटाला… बिना काम के हाजिरी लगाकर नेताओं-अफसरों को पहुंच रहा चढ़ावा!

-महापौर सुनीता कांगड़ा के वार्ड से सामने आया फर्जीवाड़ा, बिना ड्यूटी किये लगाई जा रहीं कर्मियों की हाजिरी
-सीएफडब्लू और डीबीसी कर्मचारियों की फर्जी हाजिरी लगाकर निगम को लगाया जा रहा करोड़ों रूपये का चूना

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
एक ओर दिल्ली के तीनों नगर निगम आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। निगम के नेता हर महीने आर्थिक मदद के लिए कटोरा लेकर दिल्ली सरकार के सामने खड़े रहते हैं। दूसरी ओर निगम के चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के कर्मचारी अपने द्वितीय और प्रथम श्रेणी यानी कि आला अधिकारियों के साथ मिलकर निगम को हर महीने करोड़ों रूपये की चपत लगा रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली में पार्किंग घोटाले के बाद एक और करोड़ों रूपये का ‘हाजिरी घोटाला’ सामने आया है।

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ताजा मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से सामने आया है। यहां हर महीने बिना काम किये ही बहुत से कर्मचारियों को लाखों रूपये का भुगतान किया जा रहा है। आश्चर्य की बात है कि इसकी जानकारी निगम के शीर्ष अधिकारियों को है, लेकिन वह भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात तो यह है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की इस मिलीभगत में निगम के शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं।

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पहला मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वार्ड 1-एस का है। इस वार्ड में करीब एक दर्जन सीएफडब्लू और डीबीसी कर्मचारियों को बिना काम किये वेतन दिए जाने का मामला सामने आया है। खास बात है कि हाजिरी रजिस्टर में पहले गैर-हाजिरी और बाद में कर्मचारियों की हाजिरी लगाकर उनके नाम पर पूरा वेतन उठाया जा रहा है। यह मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग (मलेरिया विभाग) के पश्चिमी (वेस्ट) जोन का है।

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रजिस्टर में हाजिरी का कॉलम खाली, लेकिन बाद में लगा रहे हाजिरी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को पहुंचाए जा रहे करोड़ों रूपये के नुकसान के मामले में यह बात सामने आई है कि जो लोग ड्यूटी पर आए ही नहीं, उनकी हाजिरी के कॉलम को पहले खाली छोड़ दिया जाता है। इसके बाद महीने के अंत में उनकी हाजिरी लगाकर उनका पूरा वेतन उठाकर बंदरबांट कर ली जाती है। सूत्रों का कहना है कि इस फर्जीवाड़े की जानकारी नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी अधिकारियों को है। लेकिन मामला करोड़ों रूपये की हेरा-फेरी का है, इसलिए सभी के मुंह बंद हैं।

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ताजा हुईं 2011 के ‘घोस्ट-एम्पलॉयीज’ घोटाले की यादें
एकीकृत नगर निगम में एक बार इसी तरह का घोटाला सामने आ चुका है। वहां भी भूत बने कर्मचारी बिना काम के सेलरी उठा रहे थे। साल 2011 में इसी तरह के 22 हजार से ज्यादा कर्मचारी पाए गए थे, जो काम पर तो नहीं आते थे लेकिन यूपी के अनामिका षुक्ला मामले की तरह सेलरी हर महीने उठाते थे। इसके बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में फिर से इसी तरह का मामला सामने आया है। फर्क इतना है कि जिन कर्मियों के नाम सामने आ रहे हैं वह कर्मचारी तो हैं लेकिन ड्यूटी पर बिना अए हर महीने पूरी सेलरी उठा रहे हैं।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
मामला सामने आने के बाद से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। एटूजैड न्यूज ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के संबंधित पक्ष के कई आला अधिकारियों से इस मामले में सटीक जानकारी चाही। लेकिन हफ्तों बीत जाने के बाद भी कोई भी अधिकारी इस मामले में अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है। यदि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की ओर से इस मामले में कोई भी पक्ष रखा जाता है तो उसे भी यथास्थान दिया जाएगा।
एक-एक कर खुलेंगी मामले की परतें
एटूजैड-न्यू को मिले दस्तावेजों के मुताबिक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में यह हाजिरी घोटाला लंबे समय से चल रहा है। कुछ और परतें अगली खबरों में खोली जाएंगी। इस घोटाले में नगर निगम के अपने और यहां डेपुटेशन पर आने वाले कई अधिकारियों के साथ ही सत्ता पक्ष के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।