दलित महिला खेत मजदूर की पिटाई पर अनुसूचित जाति आयोग का पंजाब सरकार को नोटिस

-7 दिन में मानसा डीसी व एसएसपी को देनी होगी एटीआर

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
जिला मानसा के गांव मत्ती में पंचायत के दौरान गांव के लोगों द्वारा अनुसूचित वर्ग की महिला को अपशब्द बोले जाने और उसके साथ मारपीट किए जाने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सख्ती दिखाई है। मामले का संज्ञान लेते हुए आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आयोग को प्राप्त सूचना के मुताबिक जिला मानसा के गांव मत्ती में दलित मजदूरों और खेत मालिकों के बीच धान रोपाई के रेट तय करने को लेकर मतभेद हो गए थे। पिछले वर्ष खेत मजदूरों को 3500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से धान की रोपाई का भुगतान किया गया था, इस वर्ष भी खेत मजदूर पिछले वर्ष की भांति भुगतान मांग रहे हैं।

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लेबर रेट के मतभेद को खत्म करने के लिए गांव की महिला सरपंच ने अपने घर पंचायत रखी और वहां संबंधित खेत मालिकों/जंमीदारों एवं खेत मजदूरों को बुलाया। सरपंच ने खेत मालिकों को कुर्सी पर बिठाया, जबकि खेत मजदूरों को जमीन पर बिठाया। बातचीत गाली-गलौच में बदल गई, जंमीदारों द्वारा जातिसूचक शब्द बोले गए और हद तब हो गई, जब एक जमीन मालिक जिसकी पत्नी गांव में पंच है, ने उठकर एक दलित महिला खेत मजदूर की पिटाई कर दी।

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राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जिला मानसा के डिप्टी कमिश्नर व एसएसपी को नोटिस जारी कर संबंधित आरोपियों के खिलाफ तुरंत जांच के आदेश देते हुए तुरंत एक्शन टेकन रिपोर्ट आयोग के समक्ष सात दिनों में भेजने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने जिला मानसा के डिप्टी कमिश्नर व एसएसपी के साथ-साथ पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और पंजाब पुलिस के डीजीपी को भी नोटिस जारी किया है।
विजय सांपला ने इस मामले में कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को न्याय दिलाना आयोग की प्राथमिकता है। अगर आयोग को सात दिनों में जवाब नहीं मिला तो आयोग संविधान की धारा 338 के तहत मिली सिवल कोर्ट की पावर का उपयोग करते हुए संबंधित अफसरों को व्यक्तिगत तौर पर आयोग के सामने हाजिऱ होने के लिए समन जारी कर सकता है।