RSS को नहीं दिख रहा DELHI बीजेपी का काम!

-संघ में उठने लगे दिल्ली बीजेपी नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल
-संघ के पूर्व मीडिया प्रभारी ने पहले ट्वीट किया, फिर डिलीट किया

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व को लेकर जो सवाल अब तक दबी जुबान में उठाये जा रहे थे, वही सवाल अब खुलेआम उठने लगे हैं। पार्टी नेतृत्व के लिये सबसे गंभीर बात यह है कि अब यह सवाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rastriya Swaymsewak Sangh) की ओर से उठाये जा रहे हैं। ऐसे में पार्टी के अंदर ही प्रदेश अध्यक्ष (State President) से लेकर प्रदेश संगठन महामंत्री (Organisation Secretary) के कार्यकाल पर भी चर्चा शुरू हो गई है। दिल्ली के नगर निगमों को नेतृत्व देने के मामले में पहले ही पार्टी की फजीहत हो रही है। लेकिन कोरोना महामारी के दौर में पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दिल्ली के पूर्व मीडिया प्रभारी (प्रवक्ता) और वर्तमान कार्यसमिति सदस्य राजीव तुली ने मंगलवार 27 अप्रैल 2021 को दिल्ली बीजेपी नेतृत्व की कार्यप्रणाली के संबंध में एक ट्वीट करके सनसनी फैला दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘‘दिल्ली में चारों तरफ आग लगी है किसी दिल्ली वाले ने ‘‘दिल्ली बीजेपी’’ को कहीं देखा है क्या?’’ उन्होंने आगे लिखा कि ‘‘क्या दिल्ली बीजेपी संगठन भंग हो गया है?’’

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हालांकि राजीव तुली ने बाद में अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक दिल्ली बीजेपी की वर्तमान स्थिति पर किया गया एक संघ पदाधिकारी का यह ट्वीट अपनी गति पकड़ चुका था। बताया जा रहा है कि इस ट्वीट को डिलीट करवाने के लिए राजीव तुली पर संघ की ओर से ही ‘बीजेपी और संघ की बदनामी’ का हवाला देते हुए दबाव डलवाया गया था। दिल्ली बीजेपी से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में कुछ और गंभीर बातें सामने आ सकती हैं।

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बता दें कि राजीव तुली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के आवास से कुछ ही ‘गज’ की दूरी पर रहते हैं। पार्टी में चर्चा शुरू हो गई है कि जब उन्हें ही प्रदेश बीजेपी का कामकाज नहीं दिख रहा है तो दिल्ली के आम मतदाताओं और नागरिकों को पार्टी का काम कितना दिखाई दे रहा होगा? अगले एक साल में तीनों नगर निगमों का चुनाव होना है और बीते दिनों में नगर निगम की 5 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से पहले ही पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा हुआ है। ऐसे में पार्टी नगर निगम चुनाव में कैसे आम आदमी पार्टी का सामना कर पायेगी?

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दरअसल प्रदेश बीजेपी नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर तभी से सवाल उठने लगे हैं जब से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को किनारे किया गया है। आदेश गुप्ता को सितंबर 2020 में दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन वह अब तक प्रदेश बीजेपी का गठन नहीं कर पाये हैं। अब भी पार्टी के दर्जनों मंडल अध्यक्षों की औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। उनके खुद गृह जिला करोलबाग के कई मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा गुपचुप तरीके से की गई है।

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पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि दिल्ली बीजेपी नेतृत्व 7 महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक पार्टी के कई मोर्चो और सेल का गठन नहीं कर पाया है। सभी मोर्चों में प्रदेश संगठन की तरह पहले मंडल फिर जिलों का गठन किया गया है, जबकि प्रदेश पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों की घोषणा अब तक नहीं हो पायी है। ऐसे मे ंपार्टी से जुड़े बहुत से समर्पित और कर्मठ कार्यकर्ताओं ने बीजेपी से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है।
निगम के मुद्दों पर फेल रहा नेतृत्व
पार्टी के एक और नेता ने कहा कि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता खुद निगम पार्षद हैं, लेकिन वह नगर निगम के बारे में निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं। उनके अध्यक्ष बनने के बाद जिस तरह से पार्टी में अफरा-तफरी का माहौल है, वही नगर निगम में दिखायी दे रहा है। प्रदेश नेतृत्व समय रहते यह निर्णय तक नहीं ले पाया कि नगर निगमों का नेतृत्व कौन करेगा। इसके लिए पार्टी नेताओं को नामांकन की तारीख एक दिन के लिये बढ़ानी पड़ी और उसी के चलते महापौर और उपमहापौर का पूरा चुनाव खटाई में पड़ गया। जबकि आम आदमी पार्टी समय रहते निर्णय लेकर सियासी बाजी मार ले गई।