NORTH DMC के कस्तूरबा में बगावत… सामूहिक इस्तीफा देंगे डॉक्टर्स

-हालात संभालने में नाकाम साबित हो रहे आला अधिकारी
-पदों की बंदरबांट व ट्रांसफर-पोस्टिंग में लगे शीर्ष अधिकारी

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब कस्तूरबा अस्पताल के डॉक्टर्स ने बगावत का झंडा उठा लिया है। हालातों से परेशान इन कोरोना वॉरियर्स ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी है। इनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि आला अधिकारी निगम के आर्थिक हालात सुधारने के लिए कोई कोशिश नहीं कर रहे।

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आरोप है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शीर्ष अधिकारी ट्रांसफर-पोस्टिंग और पदों की बंदरबांट में जुटे हैं, उन्हें निगम के हालातों से कोई लेना-देना नहीं है। खास बात है कि राजधानी के कस्तूरबा अस्पताल से शुरू हुई यह बगावत की चिंगारी उत्तरी दिल्ली नगर निगम के दूसरे अस्पतालों तक पहुंच गई तो दिल्ली के हालात और ज्यादा बदतर हो जाएंगे।

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कस्तूरबा हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एडीशनल मेडिकल सुप्रिंटेंडेंट को पत्र लिखकर कहा है कि डॉक्टर्स को तुरंत सेलरी दिलाई जाए। दरअसल उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आर्थिक हालत दिन पर दिन खस्ता होती जा रही है। निगमकर्मियों को पिछले तीन महीने से सेलरी नहीं मिली है। इसको को लेकर अब डॉक्टर्स का गुस्सा फूटने लगा है।

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रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक सप्ताह का समय दिया है। पत्र में कहा गया है कि डॉक्टर्स को 16 जून तक सेलरी नहीं मिली तो वह सामूहिक इस्तीफा देने के लिए मजबूर होंगे। मार्च, अप्रैल और मई महीनों की सेलरी नहीं मिलने की वजह से उत्तरी दिल्ली के डॉक्टर्स सहित सभी कर्मचारी परेशानी में हैं।

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डॉक्टर्स का कहना है कि कोराना महामारी में वह अपनी और अपने परिवारों के लोगों की जान मुश्किल में डालकर देशहित में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। इसके बावजूद निगम के शीर्ष अधिकारियों का ध्यान निगम की खस्ताहाल सेहत को ठीक करने की ओर नहीं है। कस्तूरबा अस्पताल से ही निगम के शीर्ष अधिकारियों की बड़ी लापरवाही की बात सामने आई थी। जब इस अस्पताल के तीन ओटी टैक्नीशियन कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। लेकिन अस्पताल में बिना कोई विशेष प्रबंध कराए ही काम जारी रखा गया था।
भ्रष्टाचार ने तोड़ी निगम की कमर
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार ने इसकी कमर तोड़कर रख दी है। पार्किंग, विज्ञापन, बिल्डिंग, इंजीनियरिंग और कई दूसरे विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है। आश्चर्य की बात तो यह है कि निगम के शीर्ष अधिकारी खुद इस काम में लिप्त हैं। निगम के आला अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के कई आरोपियों को निगम के शीर्ष पदों पर तैनात कर रखा है।
निगम का स्वास्थ्य विभाग इसका ताजा उदाहरण है, जहां नियमों को ताक पर रखकर पद बांटे गए हैं। दूसरी ओर निगम के आला अधिकारी विभिन्न विभागों के ईमानदार अधिकारियों को उनके पदों से हटाते जा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण पब्लिसिटी एंड इनफॉरमेशन और आयुष विभाग हैं। जिसकी वजह से निगम का भट्ठा बैठता जा रहा है।
बगावत हुई तो बिगड़ जाएंगे हालात
कस्तूरबा अस्पताल से शुरू हुई डॉक्टर्स की बगावत की यह चिंगारी यदि पूरे उत्तरी दिल्ली नगर निगम में फैली तो दिल्ली के हालात बहुत ज्यादा बिगड़ जाएंगे। कारण है कि निगम के पांच बड़े और कई छोटे अस्पताल व डिस्पेंसरीज हैं। इनकी वजह से दूसरे अस्पतालों का बोझ काफी हद तक हल्का रहता है। आने वाले दिनों में वैसे भी कोरोना के मरीजों का आंकड़ा कई लाख तक जाने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में यदि हालातों को अभी काबू नहीं किया गया तो आगे और मुश्किलें बढ़ जाएंगी।