-गहलोत के पास केवल 99 का आंकड़ा!
-जैसलमेर नहीं पहुंचे पूरे कांग्रेसी विधायक
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
राजस्थान का सियासी ड्राम दिलचस्प मोड़ पर पहुंचता जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ब्ड ।ेवा ळमीसवज) भले ही अपने पास 109 विधायक होने का दावा करें, लेकिन वह 99 के फेर में फंसकर रह गए हैं। गहलोत के सामने अपने सरकार बचाने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। खास बात यह है कि शनिवार सांय तक कांग्रेस के पूरे (गहलोत समर्थक) विधायक भी जैसलमेर नहीं पहुंचे।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेड़े में अभी केवल 99 विधायक ही हैं। इन 99 में से भी केवल 92 विधायक ही जैसलमेर पहुंचे हैं। कई मंत्री और विधायक अब भी जयपुर में ही हैं। हालांकि गहलोत खेमे की ओर से दावा किया गया था कि बाकी बचे सभी विधायक शनिवार को जैसलमेर पहुंच जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
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यदि मान भी लिया जाए कि यह सभी विधायक जैसलमेर पहुंच जाएंगे या फिर गहलोत के साथ बगावत नहीं करेंगे। फिर भी मुख्यमंत्री बहुमत से दो वोट कम जुटा पाए हैं। राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। अशोक गहलोत को बहुमत साबित करने के लिए सीपीएम के विधायक बलवान पूनिया ने कुछ समय पहले साथ देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन पूनिया न जयपुर में बाडेबंदी में शामिल थे और न ही जैसलमेर गए हैं।
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बलवान पूनिया ने अगर पार्टी व्हिप का पालन किया और कांग्रेस के पक्ष में मत नहीं दिया तो गहलोत सरकार के पास 99 विधायक 99 ही रहेंगे। इस तरह माना जा सकता है कि राजस्थान की गहलोत सरकार गिर सकती है। दरअसल गहलोत मंत्रिमंडल के एक मंत्री मास्टर भंवरलाल इतने बीमार हैं कि मतदान नहीं कर सकते।
यदि सीएम गहलोत के पास 99 वोट ही रहते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी उनकी कोई मदद नहीं कर पाएंगे। क्योंकि उनका मत सत्ता पक्ष और विपक्ष का आंकड़ा बराबर पाए जाने पर ही कांग्रेस को जिता सकता है। जोशी सरकार को तभी बचा सकते हैं जब गहलोत 100 विधायक जुटा लें ऐसा तभी संभव है जब सीपीएम के दो में से कम से एक विधायक गहलोत के पक्ष में वोट डाले।
बता दें कि सीपीएम ने अपने दोनों विधायकों के लिए व्हिप जारी करके कांग्रेस के विरोध में मतदान करने के लिए कहा है। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी ने अपने टिकट पर जीते सभी 6 विधायकों को भी कांग्रेस के विरोध में मतदान के लिए व्हिप जारी किया है। ऐसे में विधानसभा में फ्लोर टैस्ट के दौरान गहलोत के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।