PUNJAB कांग्रेस में बढ़ा घमासानः प्रदेश अध्‍यक्ष जाखड़ व प्रभारी हरीश रावत के बीच ’खिचीं तलवारें’

-सुनील जाखड़ ने कसा तंजः प्रधान बदलना है तो राहुल से बात करें रावत!
-जनवरी से नहीं हुआ है पंजाब कांग्रेस का गठन, केवल अध्यक्ष कर रहे काम

एसएस ब्यूरो/ चंडीगढ
पंजाब कांग्रेस संगठन की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। डेढ़ साल बाद सूबे में विधानसभा चुनाव होना है लेकिन इससे पहले एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ और पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत की बीच तलवारें खिंच गई हैं। पार्टी की पंजाब में स्थिति पर रावत के बयान के बाद दोनो नेता आमने-सामने आ गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष जाखड़ ने पलटवार करते हुए कहा है कि पार्टी के हित सर्वोच्च हैं और यदि प्रदेश प्रभारी हरीश रावत को लगता है कि कोई दूसरा नेता संगठन को मजबूती दे सकता है तो वह राहुल गांधी के साथ बातचीत करके नए अध्यक्ष का चयन कर सकते हैं।

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सुनील जाखड़ ने यह बात प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के बयान के जवाब में कही है। हरीश रावत ने कहा था कि पंजाब में संगठन को मजबूत करने की दिशा में ज्यादा काम नहीं हुआ। पंजाब में कांग्रेस अपनी ताकत से ज्यादा दूसरी पार्टी की कमजोरी पर भरोसा कर रही है, जबकि इसमें संतुलन बनाने की जरूरत है।

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हरीश रावत से नाराज सुनील जाखड़ ने आगे कहा कि हरीश रावत ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पूरे जोर-शोर से यह बात उठाई थी कि मीडिया में जाने के बजाए पार्टी विधायक उनसे बात करें व पार्टी फोरम पर ही मुद्दे को उठाएं। बेहतर होता कि हरीश रावत भी संगठन को लेकर मीडिया में अपना पक्ष रखने के बजाए राहुल गांधी से बात करते।

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2019 में लोक सभा चुनाव में मिशन 13 (पंजाब की 13 लोक सभा सीट जीतने का लक्ष्य) पूरा न हो पाने व खुद गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव हार जाने के बाद सुनील जाखड़ ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी ने जाखड़ के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया था।
जनवरी 2020 से नहीं हुआ प्रदेश संगठन का गठन
कांग्रेस ने जनवरी 2020 में प्रदेश अध्यक्ष को छोड़ कर पार्टी का ढांचा भंग कर दिया गया था। अगस्त महीने में पार्टी पदाधिकारियों की सूची तैयार करके पार्टी हाईकमान को भेज दी गई थी। जिसे अभी तक पार्टी हाईकमान की मंजूरी नहीं मिल पाई है। इस बीच कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी को बदल कर हरीश रावत को नया प्रभारी बना दिया है। दूसरी ओर अब हरीश रावत का कहना है कि नए ढांचे को तैयार करने में अभी करीब दो माह का समय और लग सकता है।
पंजाब कांग्रेस में बड़े घमासान के संकेत
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि अभी पंजाब में चुनाव को लेकर एक साल का समय बाकी है। ऐसे में नये अध्यक्ष का चयन किया जा सकता है जोकि पार्टी को मजबूती दे सके। प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में पंजाब कांग्रेस में घमासान और बढ़ सकता है।
कांग्रेस की सियासी पिच पर सिद्धू आउट!
एक बार फिर पंजाब कांग्रेस के सियासी पिच पर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू बोल्ड हो गए हैं। एक सवाल के जवाब में प्रजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि सिद्धू के लिए अभी पार्टी या राज्य सरकार में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस की कमान सुनील जाखड़ के हाथ में है और पंजाब सरकार में उन्हें लेने या न लेने का फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को करना है। ऐसे में आज की तारीख में नवजोत सिंह सिद्धू के लिए पार्टी या सरकार में कोई वैकेंसी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में उनका बेहतर उपयोग किया जाएगा।

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बता दें कि 4 अक्टूबर को मोगा में राहुल गांधी की रैली में सिद्धू ने जिस तरह अपनी ही सरकार पर हमला बोला था, उससे पंजाब कांग्रेस के नेता असहज हो गए थे। मोगा रैली के बाद सिद्धू को बाकी जगह बोलने का मौका भी नहीं दिया गया था। इसके बाद पटियाला की रैली में भी नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं बुलाया गया था। दूसरी ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि कांग्रेस के पास एनएसयूआई से अब तक काम करने वाले ऐसे बहुत से वरिष्ठ नेता हैं, फिर केवल 2017 में आए सिद्ध को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष कैसे बनाया जा सकता है?