निगम की बैठक में पास हुआ हनुमान मंदिर का प्रस्ताव… बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के पाले में डाली बॉल

-कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने किया बीजेपी के प्रस्ताव का समर्थन
-चांदनी चौक के प्राचीन हनुमान मंदिर का स्थान लेगा नया मंदिर

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने गुरूवार को चांदनी चौक में रातोंरात बनाये गए हनुमान मंदिर को स्वीकृति देने का प्रस्ताव पास कर दिया। खास बात यह रही कि सदन की बैठक पूरे समय बिना हंगामे के चली और आम आदमी पार्टी व कांग्रेस दल के नेताओं ने सत्ता पक्ष (बीजेपी) की ओर से लाये गये इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में हनुमान मंदिर को स्वीकृति दिये जाने के प्रस्ताव को नेता सदन योगेश वर्मा ने रखा। उन्होंने कहा कि क्योंकि चांदनी चौक के सेंट्रल वर्ज पर पहे से ही कई जगह बिजली की ट्रांसफॉर्मर स्थापित किये गए हैं। इनकी वजह से लोगों के आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होती है। इसी तरह हनुमान मंदिर की स्थापना से भी लोगों को यहां आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। अतः इस हनुमान मंदिर को और भव्यता दी जा सकती है।

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इस मामले में महापौर जय प्रकाश ने कहा कि चांदनी चौक में प्राचीन हनुमान मंदिर तोड़े जाने की वजह से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। लेकिन जब से चांदनी चौक में फिर से हनुमान मंदिर अस्तित्व में आया है, तब से यहां के लोग अत्यंत प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि यहां के व्यापारी और यहां आने वाले ग्राहकों के साथ ही यहां रहने वाले लोगों के मन में भी हनुमान मंदिर की स्थापना की वजह से प्रसन्नता है। हमने इस प्रस्ताव को पास कर दिया है, अब दिल्ली सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

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आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद और नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल बीजेपी की ओर से लाये गए इस प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप के दौर में यदि इस मुद्दे पर पहले चर्चा हो जाती तो यह नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा कि धार्मिक मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
दूसरी ओर कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने अब यह दिल्ली की केजरीवाल सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत होने से बचाये। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने प्रस्ताव पारित कर दिया है। अब दिल्ली सरकार इसे पारित कर धार्मिक कमेटी को भेजे, ताकि हनुमान मंदिर के अस्तित्व पर कोई संकट नहीं आये। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से आग्रह करते हैं कि यदि आवश्यकता पड़े तो इस प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति दिलाएं।