निगम में सत्ताधारी बीजेपी की तैयारी… चुनाव से पहले बेच देंगे प्रॉपर्टी सारी!

-स्थायी समिति में आ रहे निगम की संपत्तियों को बेचने के प्रस्ताव
-नानी वाला बाग की संपत्ति संख्या बी-2/1 को किया जायेगा नीलाम
-पुरानी दिल्ली व सदर-पहाड़गंज की संपत्तियां भी बेचने की तैयारी

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
अगले साल 2022 में मार्च-अप्रैल महीने में राजधानी के तीनों नगर निगमों के चुनाव होने हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इससे पहले ही नगर निगमों की महत्वपूर्ण संपत्तियों को बेचने की तैयारी कर ली है। इनमें नया नाम नानी वाला बाग स्थित संपत्ति संख्या बी-2/1 का है। इस संपत्ति को भी बेचे जाने वाली संपत्तियों की सूची में शामिल कर लिया गया है। मंगलवार 27 जुलाई 2021 होने वाली उत्तरी नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में निगम की कई महत्वपूर्ण संपत्तियों को बेचे जाने की अनुमति देने के लिए प्रस्ताव लाये गये हैं।

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बीजेपी नेता इन संपत्तियों को बेचने के लिए कोर्ट के आदेश का हवाला दे रहे हैं। स्थायी समिति के एजेंडा की मद संख्या 22 के तहत पुरानी दिल्ली के एसपी मुखर्जी मार्ग पर स्थिति ऐतिहासिक चेस्ट क्लीनिक के प्लाट को बेचे जाने का प्रस्ताव लाया गया है। इस संपत्ति के साथ एक खाली भूखंड, शौचालय ब्लॉक, ढलाव और नगर निगम के मेंटेनेंस स्टोर की भूमि भी शामिल है। इस संपत्तियों को महज 69 करोड़ रूपये में बेचा जा रहा है।

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एजेंडा में प्रस्ताव संख्या 23 के तहत पुरानी दिल्ली के एसपी मुखर्जी मार्ग स्थित दंगल मैदान पार्किंग के प्रवेश द्वार पर स्थित खाली भूमि, शौचालय ब्लॉक, व अन्य संपत्तियों को मिलाकर कुल 22 करोड़ रूपये में बेचे जाने का प्रस्ताव है। यह भूमि करीब 3 हजार वर्ग मीटर है। एजेंडा के प्रस्ताव संख्या 24 में सदर-पहाड़गंज जोन ऑफिस और शहरी क्षेत्र के खाली किये जा चुके जोन ऑफिस को किराये पर देने का प्रस्ताव है। सिटी जोन के कार्यालय को 2 करोड़ 24 लाख रूपये सालाना और सदर-पहाड़गंज जोन कार्यालय को करीब 1 करोड़ 80 हजार रूपये सालाना की दर से किराये पर देने की योजना है।

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गौरतलब है कि दोनों जोन को एक कर दिये जाने की वजह से सदर बाजार और आसफ अली रोड पर स्थित जोन कार्यालयों के भवन खाली किये जा चुके हैं। इन दोनों संपत्तियों को पहले तीन साल के लिए और बाद में दो-दो साल की अवधि के हिसाब से 6 साल तक बढ़ाये जाने का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावों में कहा गया है कि नगर निगम आर्थिक संकट से गुजर रहा है इसलिए इन संपत्तियों से धनराशि जुटाई जा सकतीत है। बता दें कि इन सभी संपत्तियों से नगर निगम को पुरे 100 करोड़ रूपये भी नहीं मिल पायेंगे। जबकि नगर निगम के एक महीने की सेलरी और रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन ही 300 करोड़ रूपये से ज्यादा की बैठती है।
स्थायी समिति के एजेंडा में प्रस्ताव संख्या 33 में आजादपुर स्थित नानीवाला बाग की संपत्तिया संख्या बी-2/1 को भी 99 साल की लीज पर बेचने के लिए लाया गया है। यह भूखंड 481.60 वर्ग मीटर का है और इसे करीब 12 करोड़ 21 लाख रूपये में बेचने की तैयारी है। यहां चार मंजिला आवासीय परिसर बनाये जाने की योजना के लिए यह भूखंड बेचा जा रहा है। बताया जा रहा है कि 27 जुलाई की स्थायी समिति की बैठक में भूखंडों को बेचने के इन सभी प्रस्तावों को मंजूरी दिये जाने की पूरी तैयारी है।