बसपा नेता के परिवार में सियासी कोहराम… देवरानी को भाजपा ने दिया टिकट तो टक्कर देने जेठानी कूदी मैदान में

-खुलकर सामने आई बसपा नेता रामवीर उपाध्याय के परिवार की कलह

एसएस ब्यूरो/ हाथरस
यूपी पंचायत चुनाव का जादू सियासतदानों के सिर चढ़कर बोल रहा है। भाजपा के उम्मीदवारों की सूची जारी होते ही हाथरस जिले में सियासी उफान आ गया है। इसके साथ ही प्रदेश के कद्दावर बसपा नेता व पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के परिवार की कलह भी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। उपाध्याय ने पहली बार प्रेस कान्फ्रेंस की और अपने छोटे भाई मुकुल उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगाए। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही मुकुल भी अपने भाई से माफी मांगने पहुंच गये।

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बसपा नेता रामबीर उपाध्याय ने अपनी पत्नी सीमा उपाध्याय को जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि इसी सीट से रामबीर के छोटे भाई मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया है और उन्होंने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। अब इस सीट से देबरानी और जेठानी ताल ठोंक रही हैं। दूसरी ओर दोनों उपाध्याय भाई भी सियासी मैदान में आमने सामने आ गए हैं।

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रामवीर उपाध्याय ने अपने भाई मुकुल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस भाई को मैंने बुलंदी पर पहुंचाया, उसी ने मुझे कलंकित कर दिया। उन्होंने मुकुल के खिलाफ अपना पूरा गुबार निकाला। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से जिले के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय के परिवार में कलह चल रही थी। जोकि पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी की सूची जारी होते ही खुलकर सामने आ गई।

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बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय ने रामवीर उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस बार रामवीर उपाध्याय ने उन पर वैसे ही आरोप लगाए हैं। रामवीर उपाध्याय ने अपने आगरा रोड स्थित निवास पर अपने समर्थकों की बैठक बुलाई। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुकुल को मैंने पढ़ाया- लिखाया, शादी कराई। इगलास में साल 2004 के चुनाव में मुकुल को बसपा से टिकट दिलाकर चुनाव जितवाया।
रामबीर ने आगे कहा कि सभी लड़ाई मैंने झेली। इसके बाद मुकुल क्षेत्र में नहीं रहे तो वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में मुकुल चुनाव हार गए। इसके बाद भी मैंने इसे राज्यमंत्री का दर्जा दिलाया। प्रदेश में बसपा का कोआर्डिनेटर बनवाया। इसके बाद एमएसली का चुनाव लड़ाया। जब रुपये की जरूरत पड़ी तो रुपये देने के नाम पर हाथ खड़े कर दिए। काफी रुपया मेरा लग गया।

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मैंने अपने बच्चों की एफडी तोड़ी, घर के जेवर बेचे। रामवीर ने कहा कि मैंने जब अपने रुपये मांगे तो ऐसा प्लाट दिखा दिया, जोकि झगड़े का था। इस प्लाट के कागजात मैंने एक मित्र को दिए। वह भी कागज लौटा गया और वह रुपये भी मुझे देने पड़े। इसके चक्कर में मेरी लखनऊ की कोठी, लखनऊ और नोएडा का प्लाट बिक गया। फिर मुकुल एमएलसी का चुनाव जीत गए।
रामवीर यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि जब बहन जी ने इसे पार्टी से निकाला तो मेरे लिए यह कहा कि रामवीर व सीमा मेरा मर्डर करा देंगे। जिस भाई को बुलंदियों पर पहुंचाया। मेरी पत्नी ने अपने गहने बेचकर उसके चुनाव में लगा दिए। परिवार के मान सम्मान के लिए सब कुछ किया, लेकिन मुकुल ने अपने कारनामों से हमारे ऊपर कलंक लगा दिया।
उन्होंने कहा कि मुकुल रहता तो ग्रेटर नोएडा में हैं। यहां जनता से उनका कोई संपर्क नहीं हैं, लेकिन चुनाव के समय यहां आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी वार्ड नंबर 14 से रामेश्वर की पत्नी कल्पना निर्दलीय तैयारी कर रही थीं, लेकिन अब मुकुल ने अपनी पत्नी को भाजपा से टिकट दिला दिया। इसलिए मैंने अपनी पत्नी सीमा को वार्ड नंबर 14 से उतारने का फैसला किया है।
रितु ने किया नामांकन, अब देवरानी जेठानी का मुकाबला
हाथरस के जिला पंचायत के वार्ड नंबर 14 में अब मुकाबला दिलचस्प हो गया है। पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय ने जहां शनिवार को इस वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था। वहीं अब भाजपा प्रत्याशी के रूप में इसी वार्ड से उनकी देवरानी और पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय की पत्नी रितु उपाध्याय ने नामांकन कर दिया है। ऐसी में देवरानी और जेठानी आमने-सामने चुनाव मैदान में होंगी।
वार्ता के दौरान ही माफी मांगने लगे मुकुल
पूर्व मंत्री के आवास पर उस समय अजीबोगरीब दृश्य पैदा हो गया, जब मुकुल उपाध्याय वहां आ गए और रो-रोकर अपने भाई से माफी मांगने लगे और पैर पकड़ने लगे। रामवीर ने उन्हें चेताया कि बैठक में आने की जरूरत नहीं है। मुकुल काफी देर तक अंदर कमरे में बैठे रहे। यह कहते रहे कि मैं गद्दार नहीं हूं। मैने हमेशा अपने भाई का साथ दिया है। जो कुछ मुझसे बन पड़ा, वह मैंने किया। काफी देर तक यह सब चलता रहा, लेकिन आखिरकार रामवीर ने स्पष्ट कर दिया सीमा वार्ड नंबर 14 से ही चुनाव लड़ेगी।
बीजेपी के टिकट पर ही लड़ेंगे चुनावः मुकुल
एक सवाल के जवाब में मुकुल उपाध्याय ने कहा कि उनकी पत्नी रितु को भाजपा जैसी पार्टी ने टिकट दिया है, इसलिए वह चुनाव तो जरूर लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वार्ड संख्या 14 से उनकी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। इसके बाद रितु ने जिला पंचायत सदस्य के लिए रविवार को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया।