कांग्रेस से पायलट नाराज… राजस्थान में होगा बीजेपी राज!

-कोप भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट व 25 विधायक
-उपमुख्यमंत्री पायलट को एसओजी का पूछताछ के लिए नोटिस

टीम एटूजैड/नई दिल्ली-जयपुर
राजस्थान कांग्रेस में सियासी संकट गहराता जा रहा है। एसओजी का नोटिस मिलने के बाद उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट कोप भवन में चले गए हैं। बताया जा रहा है कि उनके साथ करीब 25 विधायक भी पार्टी नेतृत्व से नाराज है। यदि कांग्रेस आलाकमान ने चूक की तो राजस्थान में मध्य प्रदेश की तरह सरकार का तख्ता पलट हो सकता है।

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कांग्रेस में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर सस्पेंस अभी बरकरार है। सचिन पायलट फिलहाल किसी के संपर्क में नहीं हैं। जिसकी वजह से कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। पायलट और उनकी टीम की लोकेशन दिल्ली-एनसीआर में बताई जा रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि सचिन पायलट बीजेपी के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं। यदि ऐसा है राजस्थन में जल्दी ही सियासी घमासान देखने को मिल सकता है।

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प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर नाराजगी
कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान की ओर से सचिन पायलट को संदेश भेजा गया था कि वह अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी से इस्तीफा दे दें। इस बात को लेकर पायलट खफा चल रहे हैं। इससे पहले भी उपमुख्यमंत्री पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट को नहीं मनाया गया तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार जा सकती है।

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एसओजी ने भेजा पूछताछ का नोटिस
खास बात है कि सरकार गिराने को लेकर राजस्थान पुलिस की एसओजी ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को नोटिस भेजा है। इस मामले में शुक्रवार को कांग्रेस की ओर से जयपुर में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसी सिलसिले में सचिन पायलट को 10 जुलाई को ही नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया है कि वह समय, तारीख व स्थान बताएं ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी मुख्यमंत्री ने अपने ही उपमुख्यमंत्री को एसओजी के द्वारा नोटिस भिजवाया हो।

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दिल्ली में पायलट तो गुरूग्राम में विधायक
बताया जा रहा है कि एक बार फिर मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान के करीब 25 कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा शासित राज्य हरियाणा के गुरूग्राम के एक होटल में डेरा जमा लिया है। जबकि खुद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली में जमे हुए हैं। कहा यह भी जा रहा है कि पिछले चार-पांच दिन से यह पायलट और विधायक कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में नहीं हैं। सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को बैठक बुलाई थी, उसमें भी पायलट और उनके समर्थक मंत्री नहीं पहुंचे थे।
कांग्रेस ने लगाया था 25-25 करोड़ देने का आरोप
बता दें कि शुकक्रवार को ही कांग्रेस की ओर से विधानसभा में मुख्य सचेतक और उपमुख्य सचेतक की ओर से आरोप लगाया गया था कि बीजेपी उसके विधायकों को पैसे देकर खरीदने का लालच दे रही है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस विधायकों को 25-25 करोड़ रूपये का लालच दिया गया है। बीजेपी सूबे की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करना चाहती है। कांग्रेस की ओर से 24 विधायकों की एक सूची भी जारी की गई थी। जबकि बीजेपी की ओर से कहा गया है कि यह कांग्रेस की अंदरूनी कलह है। ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
बीजेपी के पास 72 विधायक, सरकार के लिए 101 जरूरी
200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में सरकार बनाने के लिए कुल 101 विधायकों की जरूरत है। बीजेपी के पास फिलहाल 72 विधायक हैं। फिलहाल सरकार बनाने के लिए बीजेपी को 29 विधायकों की जरूरत है। यदि सचिन पायलट के साथ कांग्रेस छोड़कर 25 विधायक आ जाते हैं तो बीजेपी के लिए सरकार बनाना आसान हो जाएगा। कारण है कि कांग्रेस के पास कुल 107 विधायक हैं, लेकिन उसे अभी 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है। इनके अलावा आरएलडी के एक विधायक सुभाष गर्ग कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं। इस तरह कांग्रेस के पास 121 एमएलए हैं । यदि इनमें से 25 विधायक छोड़कर चले जाते हैं तो कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ जाएगी।