-प्रदेश नेतृत्व की समझ में नहीं आ रही अपनी ही पार्टी के नेताओं की सलाह
-प्रदेश अध्यक्ष व संगठन महामंत्री को बताये संपत्तियां बेचने के साइड इफैक्ट्स
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
पुरानी दिल्ली के नावल्टी सिनेमा सहित उत्तरी दिल्ली नगर निगम की संपत्तियों का विरोध केवल आम आदमी पार्टी ही नहीं कर रही, बल्कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अंदर भी हो रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को इन संपत्तियों को बेचे जाने के साइड इफैक्ट्स बताए हैं। लेकिन प्रदेश बीजेपी नेतृत्व की समझ में अपनी ही पार्टी के नेताओं की बातें नहीं आ रही हैं। बताया जा रहा है कि निगम की संपत्तियां बेचे जाने को लेकर पार्टी नेताओं में भारी नाराजगी है।
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पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि सरकारी संपत्तियों को बेचने के अलावा भी सत्ताधारी दल के पास कई विकल्प होते हैं। यदि नगर निगम की संपत्तियों को अभी बेच दिया गया तो भविष्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए निगम के पास कुछ नहीं बचेगा। खास तौर पर नावल्टी सिनेमा को बेहद कम दामों पर बेचे जाने और दंगल मैदान की भूमि को फ्री होल्ड करने का प्रस्ताव लाने और करमपुरा की व्यावसायिक संपत्ति के आरक्षित मूल्य में पहले से करीब एक करोड़ रूपये की कमी किये जाने को लेकर पार्टी नेताओं में खासी नाराजगी है। लेकिन पार्टी से बाहर आकर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं है।
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बीजेपी के एक और वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और संगठन महामंत्री सिद्धार्थन को बताया गया है कि नावल्टी सिनेमा को बेचने के बजाय यहा नगर निगम को ही बहुमंजिला मार्केट या शॉपिंग सेंटर बनाना चाहिए। यह काम 10 करोड़ रूपये से भी कम राशि में किया जा सकता है। यदि ऐसा किया जाता है तो इस मार्केट की दुकानों को बेचने से उत्तरी दिल्ली नगर निगम को 34 करोड़ रूपये के मुकाबले कई गुना ज्यादा राशि प्राप्त होगी। जिससे नगर निगम की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
इसी तरह की सलाह दंगल मैदान और निगम की दूसरी संपत्तियों के बारे में दी गई है। लेकिन बीजेपी प्रदेश नेतृत्व टस से मस होने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी से ही जुड़े एक और सूत्र का कहना है कि निगम की संपत्तियां बेचने का निर्णय नगर निगम के नेताओं का नहीं है। बल्कि पार्टी के एक बड़े नेता का है। यही कारण है कि महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष के पद पर ऐसे लोगों को बैठाया गया है, जिन्हें कुछ मालूम ही नहीं होता और केवल ‘यश मैन’ की भूमिका निभा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में निगम चुनाव से पहले इसी तरह के कुछ और निर्णय भी लिये जा सकते हैं।