NORTH DMC: अब होटलों के बिल पर बवाल… अधिकारियों ने बताई एक बिल की तीन अलग रकम!

-कांग्रेस और आप ने सत्ताधारी बीजेपी पर लगाए भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप
-डॉक्टर्स, पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ के ठहरने पर किया पौने चार करोड़ का खर्चा

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अब कोरोना से संबंधित एक बिल पर बवाल खड़ा हो गया है। कोरोना की ड्यूटी पर लगाए गए डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ को होटलों में ठहराने से संबंधित बिल को लेकर नया बखेड़ा खड़ा हुआ है। दरअसल अधिकारियों ने इस एक बिल के लिए तीन अलग अलग राशियां बताई हैं। अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने नगर निगम में सत्ताधारी बीजेपी और निगम अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए बीजेपी के आड़े हाथों लिया है।

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बता दें कि बीते 27 जून से 13 अक्टूबर 2020 तक निगम के हिंदू राव अस्पताल को कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए चिन्हित किया गया था। इस दौरान हिंदू राव अस्पताल में कोरोना के कुल 186 मरीज भर्ती हुए थे। इनमें से 28 मरीजों की कोरोना के इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी, जबकि 129 मरीज ठीक होकर गये थे।
27 जून से 13 अक्टूबर के बीच उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने हिंदू राव अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए 8 बैच में विशेष रूप से अपने 208 डॉक्टर्स, 179 नर्सें, 67 पैरामेडिकल स्टाफ और 193 वार्ड व्वॉयज और सफाई कर्मचारी लगाए गए थे। कोरोना की ड्यूटी पर लगाए गए इस भारी-भरकम स्टॉफ को ठहराने के लिए निगम की ओर से विभिन्न होटल्स में व्यवस्था की गई थी। इनके होटल्स में ठहरने के खर्च का भुगतान सैद्धांतिक रूप से दिल्ली सरकार को करना था।

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हिंदू राव अस्पताल में नगर निगम ने कोरोना के मरीजों के इलाज पर कुल 34 लाख, 36 हजार, 263 रूपये खर्च किये हैं। जबकि स्टाफ के होटलों में ठहरने के बिल पर बवाल खड़ा हो गया है। हालांकि इसके लिए सीधे तौर पर संबंधित निगम अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बता दें कि निगम अधिकारियों ने होटलों के बिलों के तीन आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों में आपस में ही भारी अंतर है। जिसकी वजह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को सत्ताधारी बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का मौका मिल गया है।

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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष (आम आदमी पार्टी) विकास गोयल को दी गई जानकारी में अधिकारियों ने होटलों का बिल 2 करोड़, 90 लाख रूपये बताया है। जबकि नेता सदन (बीजेपी) द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में अधिकारियों ने होटलों पर खर्च होने वाली रकम 3 करोड़ 25 लाख रूपये बताई है। दूसरी ओर कांग्रेस दल के नेता को दिये जवाब में अधिकारियों ने होटलों में ठहरने आदि के बिल की रकम 3 करोड़, 67 लाख, 64 हजार, 951 रूपये बताई है।

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कोरोना के इलाज के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को होटलों में ठहराए जाने के बिल की राशि में करीब 77 लाख रूपये के अंतर पर विपक्ष ने गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि होटलों के बिल की रकम में इतना बड़ा अंतर कैसे आया? इसकी जानकारी जनता के सामने आनी चाहिए। सवाल यह भी उठाए जा रहे हैं कि कहीं अधिकारी बिलों के नाम पर हेराफेरी तो नहीं कर रहे हैं?
भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश में बीजेपीः मुकेश गोयल

                           मुकेश गोयल

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने कोरोना के इलाज के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों के होटलों में ठहरने के बिल की रकम को अधिकारियों द्वारा अलग अलग बताए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि एक ओर सत्ताधारी बीजेपी ने निगम पार्षदों के निगम के कामकाज की सूचना प्राप्त करने के संवैधानिक अधिकार पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगा दी है। दूसरी ओर होटल के बिल की रकम अधिकारियों द्वारा अलग अलग बताई जा रही है। ऐसे में पूरी जवाबदेही की जिम्मेदारी सत्ताधारी बीजेपी की है। यह जानकारी सभी के सामने आनी चाहिए कि आखिर स्वास्थ्यकर्मियों के होटलों में ठहरने पर वास्तविक बिल कितने का आया है?
भ्रष्टाचार को छिपाए रखने के लिए जानकारी सामने नहीं आने दी जा रहीः विकास गोयल
आम आदमी पार्टी के पार्षद और निगम में विपक्ष के नेता विकास गोयल ने कहा कि अधिकारियों द्वारा एक ही काम के बिल की तीन अलग अलग राशि बताने से ही स्पष्ट हो जाता है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार किस सीमा तक फैला हुआ है। बीते 14 साल से नगर निगम में बीजेपी का साशन है। इस दौरान नगर निगम की हालत बेहद खराब हो गई है। इसके लिए बीजेपी का भ्रष्टाचार जिम्मेदार है। बीजेपी अब भी नगर निगम की सही तस्वीर सामने नहीं आने देना चाहती है। इसके लिए विपक्ष द्वारा मांगी गई जानकारी को भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। यहां तक कि अब तो पार्षदों द्वारा जानकारी हासिल करने के अधिकार पर ही पाबंदी लगा दी गई है।