अब लीज पर नहीं बिल्कि फ्री-होल्ड करके बेची जायेगी दंगल मैदान के पास की सरकारी जमीन

-प्राईवेट प्रमोटर्स की सलाह पर काम कर रहा बीजेपी शासित नगर निगम
-ई नीलामी से पहले ही मान लिया, नहीं मिलेगा जमीन का कोई खरीदार?

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने निगम की सरकारी जमीन को हर हालत में बेचने की तैयारी कर ली है। ऐतिहासिक पुरानी दिल्ली के दंगल मैदान के पास की सरकारी जमीन को पहले 99 साल के पट्टे पर बेचा जाना था। लेकिन अब इस जमीन को फ्री-होल्ड यानी कि पूर्ण स्वामित्व के साथ बेचा जायेगा। बुधवार को होने वाली उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जा रहा है। बीजेपी शासित नगर निगम ने यह फैसला प्राईवेट प्रमोटर्स व डेवलपर्स की मांग पर किया है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की बुधवार को होने वाली बैठक के एजेंडा के आइटम संख्या 62 के तहत यह प्रस्ताव लाया जा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि निगम अधिकारियों ने जमीन की ई-टेंडरिंग से पहले ही यह मान लिया है कि इसके लिए कोई खरीदार सामने नहीं आयेगा। जबकि इससे पहले हुई स्थायी समिति और सदन की बैठकों में प्रस्ताव पारित किया गया था कि इस जमीन को 99 साल के पट्टे पर बेचा जायेगा, ताकि हर वर्ष नगर निगम को कुछ आमदनी हासिल हो सके।
स्थायी समिति की बैठक में लाये जा रहे प्रस्ताव के मुताबिक इस संपत्ति के लिए बोली से पूर्व निगम आयुक्त ने एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में निगम अधिकारियों के अलावा मै0 गैलैक्सी ग्रुप, मै0 आमेक्स लिमिटेड, मै. जेएम ग्रुप, मै0 श्री विनायक, मै0 आरएसए इम्पैक्स, मै0 मोदार्च और मै0 एचएस जैसे निजी प्रमोटर्स एवं डेवलपर्स शामिल हुए थे। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इन्हीं प्रमोटर्स ने नगर निगम अधिकारियों को कहा कि इस संपत्ति को लीज के बजाय फ्री होल्ड के आधार पर ई-टेंडरिंग में लाया जाये।
बता दें कि यह संपत्ति करीब 1100 वर्ग मीटर से ज्यादा है और यहां उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शौचालय ब्लॉक, ढलाव एवं अन्य संपत्तियां शामिल हैं। खास बात यह है कि जब इस जमीन को स्थायी समिति और सदन की बैठकों में 99 साल के पट्टे पर देने के पस्ताव पारित किये जा रहे थे। उसी समय यह नया प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा था। क्योंकि प्राईवेट प्रमोटर्स के साथ निगम अधिकारियों की हुई बैठक का जो हवाला दिया जा रहा है वह 10 जून 2021 को हुई थी। जबकि यह प्रस्ताव अगस्त के महीने में स्थायी समिति और सदन की बैठकों में पास किये गये है।