NORTH DMC: गर्दिश के हालातों में भी नहीं चला प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल… 2019 में जमा हो रहा 2020 का टैक्स

-विभागीय अधिकारियों ने खड़े किए हाथ, कह रहे- अब एक साल करो इंतजार
-कोई नहीं जिम्मेदारः फटेहाल निगम का नए पोर्टल पर गया लाखों रूपया बेकार

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
फटेहाल उत्तरी दिल्ली नगर निगम की हालत बद से बदतर होती जा रही है। निगमकर्मी बीते चार महीनों से वेतन के इंतजार में हैं। लेकिन निगम के आला अधिकारियों का ध्यान इसकी आर्थिक हालत सुधारने के बजाय मनमाने ट्रांसफर-पोस्टिंग पर लगा है। गर्दिश में चल रहे निगम का प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल लंबे समय से सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। जबकि इस पर नगर निगम अब तक लाखों रूपये पानी की तरह बहा चुका है।

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पिछले दिनों सामने आया था कि उत्तरी दिल्ली के टैक्स का पैसा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में जा रहा है। अब ताजा मामला प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल से ही जुड़ा सामने आया है। नई समस्या चालू वित्त वर्ष का टैक्स पिछले साल के अकाउंट में चले जाने से संबंधित आई है। बताया जा रहा है कि यदि कोई 2020-21 का अपना प्रॉपर्टी टैक्स ऑनलाइन जमा कराता है तो वह 2019-20 में जमा हो रहा है।

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प्रॉपर्टी टैक्स पेमेंट की रसीद पर 2019-20 का टैक्स लिखकर आ रहा है। ऐसा ही एक वाकया पीतमपुरा के मौर्या एन्क्लेव के एक करदाता के साथ हुआ। उन्होंने 2019-20 का प्रॉपर्टी टैक्स 13 जुलाई 2019 को जमा कराया था। इसके बाद उन्होंने 18 जून 2020 को 2020-21 का प्रॉपर्टी टैक्स ऑनलाइन जमा कराया तो उनकी रसीद पर 2020-21 के बजाय 2019-20 का टैक्स लिखकर आ गया।

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मुश्किल यह है कि कोई भी करदाता इसमें कुछ नहीं कर सकता। इससे भी बड़ी मुश्किल यह है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या के सामने हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि स्वचालित व्यवस्था के चलते वह रिकॉर्ड में बदलाव नहीं कर सकते। दूसरी ओर करदाता विभाग के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं।
जमा कराने के बावजूद कर्जदार
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने वाले करदाता अपना टैक्स तो जमा करा रहे हैं। लेकिन वह उनके चालू साल के अकाउंट मेंं जमा ही नहीं हो रहा। यानी कि निगम के खाते में पैसा तो जमा हो रहा है लेकिन करदाता फिर भी निगम का कर्जदार ही बना हुआ है। नगर निगम पहले ही भ्रष्टाचार के लिए बदनाम है, ऐसे में जो करदाता अपना टैक्स जमा कराने के बाद रसीद ठीक कराने के लिए निगम कार्यालय में जा रहे हैं, उनके सामने किस तरह की मुश्किलें आ रही होगी, इसे आसानी से समझा जा सकता है।
सेलरी को तरस रहे कोरोना वॉरियर्स
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कोरोना वॉरियर्स को पिछले तीन-चार महीनों से सेलरी नहीं मिली है। आर्थिक तंगी की सबसे ज्यादा मार कोविड प्रभावित इलाकों में सैनिटाइजेशन करने वालों पर पड़ी है। निगम के जन स्वास्थ्य विभाग (मलेरिया विभाग) से जुड़े कर्मचारी एक ओर अपनी जान जोखिम में डालकर काम में जुटे हैं, दूसरी ओर उन्हें सेलरी के लिए भी तरसना पड़ रहा है। जबकि आला अधिकारियों का सारा ध्यान कर्मचारियों के इधर से उधर ट्रांसफर करके परेशान करने पर लगा हुआ है।
व्यवस्था को ठीक कराया जा रहाः जेपी
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि ऐसे कुछ मामले हमारी जानकारी में आए हैं। प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल में कुछ परेशानी आ रही है। हमने अधिकारियों को कहा है कि व्यवस्था को तुरंत चुस्त-दुरूस्त कराया जाए। उम्मीद है जल्दी ही व्यवस्था ठीक हो जाएगी।
काम नहीं कर रहे अधिकारीः पंवार

सुरजीत सिंह पंवार

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता सुरजीत सिंह पंवार ने कहा कि शीर्ष अधिकारियों की मनमानी की वजह से निगम की हालत खस्ता हुई है। अधिकारियों का ध्यान व्यवस्था को ठीक करने में नहीं है। बल्कि वह ट्रांसफर-पोस्टिंग करके चलते काम में अड़ंगा लगा रहे हैं। सत्ताधारी बीजेपी भी इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।